Fertilizer Subsidy New Price : धान के सीज़न के लिए सस्ती मिलेगी खाद | जाने इस बार कितनी मिलेगी सब्सिडी
Fertilizer Subsidy New Price : केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 में किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने फॉस्फेटिक और पोटासिक (P&K) उर्वरकों पर न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) दरों को मंजूरी दी है, जो 1 अप्रैल 2025 से 30 सितंबर 2025 तक लागू रहेंगी। इस फैसले के तहत, उर्वरक विभाग ने लगभग 37,216.15 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो रबी सीजन 2024-25 की तुलना में 13,000 करोड़ रुपये अधिक है। इस सब्सिडी का उद्देश्य किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी कृषि लागत कम हो सके और उत्पादन में वृद्धि हो सके।
सब्सिडी के नये रेट क्या हैं?
उर्वरक विभाग के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, खरीफ 2025 के लिए पोषक तत्वों पर प्रति किलोग्राम सब्सिडी दरें इस प्रकार हैं: नाइट्रोजन (N) के लिए 43.02 रुपये, फॉस्फेट (P) के लिए 43.60 रुपये, पोटाश (K) के लिए 2.38 रुपये, और सल्फर (S) के लिए 2.61 रुपये। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के P&K उर्वरकों पर प्रति मीट्रिक टन (MT) सब्सिडी भी तय की गई है। उदाहरण के लिए, DAP (18-46-0-0) पर 27,799 रुपये, MOP (0-0-60-0) पर 1,428 रुपये, NPK (15-15-15) पर 13,350 रुपये प्रति टन, यूरिया-SSP कॉम्प्लेक्स (5-15-0-10) पर 8,952 रुपये प्रति टन, और SSP (0-16-0-11) पर 7,263 रुपये प्रति टन की सब्सिडी दी जाएगी। 28 ग्रेड के P&K उर्वरकों की सूची भी जारी की गई है, जिसमें NPK और NPKS ग्रेड शामिल हैं। बोरोन और जिंक से फोर्टिफाइड उर्वरकों पर अतिरिक्त सब्सिडी भी दी जाएगी, जिसमें बोरोन के लिए 300 रुपये और जिंक के लिए 500 रुपये प्रति टन शामिल हैं। कैबिनेट ने सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) पर फ्रेट सब्सिडी को खरीफ 2025 तक बढ़ाने का भी फैसला किया है। उर्वरकों के वितरण और आवाजाही को ऑनलाइन "इंटीग्रेटेड फर्टिलाइजर मॉनिटरिंग सिस्टम (iFMS)" के जरिए ट्रैक किया जाएगा। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उर्वरक रिटेल पॉइंट तक सड़क मार्ग से मुफ्त डिलीवरी (F.O.R.) के आधार पर पहुंचें।
उर्वरक कंपनियों के लिए होंगे नए नियम
सरकार ने उर्वरक कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे उर्वरक के प्रत्येक बैग पर अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP), प्रति बैग सब्सिडी और प्रति किलोग्राम सब्सिडी की जानकारी स्पष्ट रूप से अंकित करें। यदि कोई कंपनी MRP से अधिक मूल्य वसूलती है, तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, उर्वरक कंपनियों को अपनी कीमतों का नियमित ऑडिट कराना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे "उचित लाभ" से अधिक मुनाफा नहीं कमा रही हैं। यदि कोई कंपनी अनुचित लाभ कमाती पाई जाती है, तो उस अतिरिक्त लाभ को सरकार द्वारा वसूला जाएगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनुकूलित (कस्टमाइज्ड) और मिश्रित (मिक्सचर) उर्वरकों पर कोई अलग से सब्सिडी नहीं दी जाएगी। सब्सिडी का भुगतान उर्वरक निर्माताओं और आयातकों को पूर्व-निर्धारित प्रक्रियाओं और शर्तों के आधार पर ही किया जाएगा।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।