राम मंदिर में भक्तों ने दिया जमकर दान | 700 करोड़ के पार हुई सालाना आय | जानें डिटेल्स
दोस्तों, अयोध्या का राम मंदिर, जो देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है, हाल के वर्षों में एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से यहाँ श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है और इसके साथ ही मंदिर की आय में भी बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली है। हर साल अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और यह भारत के सबसे ज्यादा आय अर्जित करने वाले मंदिरों में शुमार हो गया है। राम मंदिर ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक साल में करीब 700 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जो इसे देश के टॉप थ्री मंदिरों में शामिल कर देता है। आपको बता दें कि यहां पर श्रद्धालुओं का आना-जाना, उनके द्वारा चढ़ाया गया दान, और मंदिर द्वारा की जाने वाली धार्मिक गतिविधियाँ, सभी मिलकर इस आय के बड़े हिस्से का कारण बनती हैं। राम मंदिर की बढ़ती आय केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अयोध्या एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनता जा रहा है, जहाँ हर दिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। इसके अलावा, महाकुंभ के बाद बढ़ी हुई श्रद्धालु संख्या ने इस आय में अप्रत्याशित इजाफा किया है, जिससे दान का रिकॉर्ड टूट रहा है। आइए जानते हैं राम मंदिर अयोध्या की सालाना आय के बारे में और देश के सबसे अधिक आय वाले मंदिरों के बारे में विस्तार से इस रिपोर्ट में।
दान का रिकॉर्ड
दोस्तों, अयोध्या के राम मंदिर में पिछले कुछ वर्षों में दान की स्थिति में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से, राम मंदिर में 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ चुके हैं और इस दौरान दान की राशि ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। हालिया आंकड़ों के अनुसार, इस मंदिर की वार्षिक आय अब 700 करोड़ रुपये से ऊपर जा चुकी है, और यह आय हर दिन बढ़ रही है। इस दौरान मंदिर के ट्रस्ट ने यह जानकारी दी है कि हर दिन 10 लाख रुपये से अधिक चढ़ावा विभिन्न काउंटरों पर जमा हो रहा है। यही नहीं, यह दान विशेष रूप से उन दिनों में बढ़ रहा है जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ के स्नान के बाद राम मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यही कारण है कि सिर्फ एक महीने में 15 करोड़ रुपये से अधिक का दान मंदिर में जमा हुआ है। यह दान सीधे मंदिर के विकास कार्यों और विभिन्न धार्मिक आयोजनों में खर्च किया जा रहा है।
अन्य प्रमुख मंदिरों की तुलना
साथियों, राम मंदिर की बढ़ती हुई आय अब देश के सबसे अमीर मंदिरों में शामिल हो गई है। इसके बाद इस मंदिर का नाम स्वर्ण मंदिर (अमृतसर), वैष्णो देवी (जम्मू कश्मीर) और शिरडी साई मंदिर (महाराष्ट्र) जैसे प्रमुख मंदिरों से ऊपर आ गया है। तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर की सालाना आय 1500 करोड़ रुपये के आसपास है, जो कि राम मंदिर से कहीं अधिक है। इसके बाद केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर की आय 750-800 करोड़ रुपये के बीच है, जबकि स्वर्ण मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर और शिरडी साईं मंदिर की आय क्रमशः 650 करोड़, 600 करोड़ और 500 करोड़ रुपये के आसपास है। देश के अन्य सबसे बड़े मंदिरों के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो राम मंदिर के संदर्भ में यह बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इसने इन ऐतिहासिक और प्रसिद्ध मंदिरों को पीछे छोड़ते हुए अपनी आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है। हालांकि, राम मंदिर का मुख्य उद्देश्य धार्मिक कार्यों और श्रद्धालुओं के अनुभव को और बेहतर बनाना है, लेकिन इसके बढ़ते हुए दान से यह भी साबित हो रहा है कि श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास यहाँ पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गया है।
श्रद्धालुओं का आगमन
साथियों, हालांकि, पिछले कुछ समय से अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में थोड़ा उतार-चढ़ाव देखा गया है, क्योंकि महाकुंभ स्नान के बाद अयोध्या में भक्तों की संख्या में कुछ कमी आई है, जिसके चलते रविवार को मंदिर में अपेक्षाकृत कम भीड़ देखी गई। पहले जहाँ दिनभर में चार लाख से अधिक लोग दर्शन करने आते थे, वहीं अब संख्या में थोड़ा सा कमी देखी जा रही है, हालांकि यह संख्या अब भी बहुत अधिक बनी हुई है। श्रद्धालुओं की इस भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाए रखा गया है, और मंदिर परिसर में शांति बनी हुई है। इसके अलावा, यह भी देखा गया कि कुछ दिनों पहले तक, मंदिर की व्यवस्थाएँ रात 12 बजे तक खुली रहती थीं, लेकिन अब यह समय रात 11 बजे तक सीमित कर दिया गया है। रविवार को भीड़ कम होने के कारण करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने आसानी से दर्शन किए और मंदिर परिसर में शांति बनी रही। इसके बावजूद, श्रद्धालुओं की संख्या में पुनः वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि अयोध्या का धार्मिक महत्व लगातार बढ़ रहा है।
राम मंदिर का भविष्य
साथियों, राम मंदिर के लिए आने वाले समय में अनेक नई योजनाएँ और विकास कार्य शुरू किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही, मंदिर प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम अनुभव दिया जाए। यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अब यह पर्यटन का एक प्रमुख स्थल बन चुका है, जहाँ देश-विदेश से लोग दर्शन के लिए आते हैं। इस प्रकार, अयोध्या का राम मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। क्योंकि दान में लगातार हो रही वृद्धि यह दिखाती है कि श्रद्धालुओं का विश्वास राम मंदिर में बढ़ता जा रहा है और अयोध्या को एक नए उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रहा है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।