गेहूँ की बढ़ती सरकारी खरीद के बावजूद , सरकार खरीद लक्ष्य के पीछे | जाने क्या है अडचन
किसान साथियो और व्यापारी भाइयो, चालू रबी मार्केटिंग सीजन 2025 के दौरान 4 मई तक भारत में गेहूं की कुल सरकारी खरीद बढ़कर 273.60 लाख टन तक पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि की खरीद 231.30 लाख टन से 42.30 लाख टन अधिक है। साथ ही, यह आंकड़ा 2023-24 के पूरे सीजन की खरीद 266 लाख टन से भी 7.60 लाख टन आगे निकल चुका है। इसके बावजूद, इस साल के संशोधित लक्ष्य 332.70 लाख टन से अभी भी 59.10 लाख टन पीछे है, जो चिंता का विषय बना हुआ है।
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राज्यों की स्थिति को देखें तो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में अब खरीद की रफ्तार धीमी पड़ गई है। खासकर पंजाब और हरियाणा में, जहां खरीद की अंतिम तिथि 15 मई तय की गई है, वहां मंडियों में गेहूं की आवक में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश की स्थिति भी कुछ बेहतर नहीं है; वहां खरीद कछुए की चाल से आगे बढ़ रही है। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश ने एक बार फिर अपनी मजबूती साबित की है। वहां की खरीद का प्रदर्शन इतना अच्छा रहा है कि केंद्र सरकार ने राज्य का लक्ष्य 66 लाख टन से बढ़ाकर 80 लाख टन कर दिया है, और उम्मीद की जा रही है कि यह लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में भी गेहूं खरीद लक्ष्य से बहुत पीछे चल रही है। किसानों का झुकाव निजी खरीदारों की ओर अधिक है क्योंकि वे मंडियों में सरकारी MSP से ऊपर भाव देने को तैयार हैं। ऐसे में सरकारी खरीद एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती है कि वे कैसे किसानों को आकर्षित करें।
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अगर राज्यों के निर्धारित लक्ष्यों की बात करें तो पंजाब के लिए 124 लाख टन, हरियाणा के लिए 75 लाख टन, उत्तर प्रदेश के लिए 30 लाख टन, राजस्थान के लिए 20 लाख टन, मध्य प्रदेश के लिए अब 80 लाख टन, बिहार 2 लाख टन, गुजरात 1 लाख टन, उत्तराखंड 50 हजार टन और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में 10-10 हजार टन का लक्ष्य तय किया गया है। इसके मुकाबले 4 मई तक पंजाब में 111.90 लाख टन, हरियाणा में 67.70 लाख टन, राजस्थान में 12.80 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 8.50 लाख टन और राष्ट्रीय स्तर पर कुल 273.60 लाख टन की खरीद हुई है।
वर्तमान हालात को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस साल कुल खरीद 300 लाख टन तक भी पहुंचती है, तो यह सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। लेकिन इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्यों को और अधिक प्रयास करने की जरूरत है, विशेषकर उन राज्यों में जहां किसान अब भी निजी व्यापारियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।