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घरेलू बाजार में चावल का बढ़ रहा है रेट | जाने क्या है इसकी वज़ह

घरेलू बाजार में चावल का बढ़ रहा है रेट | जाने क्या है इसकी वज़ह
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किसान साथियो और व्यापारी भाइयो घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं के बीच चिंता बढ़ गई है। उबले चावल के दाम में प्रति किलो 10 रुपये तक की वृद्धि हुई है, जबकि सामान्य चावल की अधिकतम कीमत में एक सप्ताह के भीतर 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार के पास चावल का पर्याप्त भंडार होने के कारण कीमतें स्थिर हो जाएंगी। हालांकि, पिछले वर्ष चावल के निर्यात पर प्रतिबंध और न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटाने से निर्यात में वृद्धि हुई है, जिससे आपूर्ति में कुछ बाधा आई है और कीमतों में अंतर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है की यह स्थिति अस्थाई है और जल्द ही कीमतें स्थिर हो जाएंगी। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

एक हफ्ते के अंदर कितना महंगा हुआ चावल
उपभोक्ता मामले विभाग के मूल्य निगरानी प्रभाग के हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत में चावल की खुदरा कीमतों में पिछले दो दिनों में लगभग तीन प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। 24 फरवरी, 2025 को चावल की अधिकतम खुदरा कीमत 67 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई, जबकि 22 फरवरी को यह कीमत 62 रुपये प्रति किलोग्राम थी। आंकड़ों के अनुसार, चावल की औसत खुदरा कीमत 42.95 रुपये प्रति किलोग्राम है, और न्यूनतम खुदरा कीमत 25 रुपये प्रति किलोग्राम है। यह मूल्य वृद्धि देश भर में चावल के बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है, और इसका उपभोक्ताओं पर सीधा प्रभाव पड़ने की संभावना है।

उबले चावल की कीमतों में आया उछाल
उबले चावल की कीमत में अचानक 10 रुपये प्रति किलो की वृद्धि दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण बांग्लादेश के चावल व्यापारियों द्वारा भारतीय व्यापारियों को दिए गए निजी ऑर्डर हैं। बांग्लादेश सरकार अपनी जरूरतों के अनुसार भारत से सालाना 3 से 5 लाख टन चावल का आयात करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, निजी ऑर्डर जनवरी से मिलने शुरू हो गए हैं, जिसके चलते भारतीय बाजार में बारीक उबले चावल की कीमत में लगभग 10 रुपये प्रति किलो की वृद्धि देखी गई है, जबकि सामान्य किस्मों में भी थोड़ी वृद्धि हुई है। निर्यातकों का कहना है कि चावल की मांग में अचानक वृद्धि के कारण बारीक उबले चावल की कुछ किस्मों की कीमतों में 10 रुपये प्रति किलो और सामान्य किस्मों के लिए 2-3 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, मिनिकेट चावल, जो एक महीने पहले 43 रुपये प्रति किलो था, अब 53 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

बैन के हटने से चावल के निर्यात में हुई बढ़ोत्तरी
घरेलू बाजार में चावल की आपूर्ति को बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, भारत सरकार ने जुलाई 2023 में चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी लागू किया था। हालांकि, अक्टूबर 2024 में, सरकार ने इन प्रतिबंधों को हटा दिया, जिससे विदेशी खरीदारों की मांग में तेजी आई है। निर्यातकों का अनुमान है कि वैश्विक मांग में मजबूती के कारण, वित्त वर्ष 2025 में चावल के निर्यात में 10% की वृद्धि हो सकती है। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है, वैश्विक चावल की मांग का लगभग 40% हिस्सा पूरा करता है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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