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चावल की कीमतें कम कर जनता को राहत देने की कर रहीं सरकार तैयारी

चावल की कीमतें कम कर जनता को राहत देने की कर रहीं सरकार तैयारी
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किसान साथियो सरकार के नए फैसले तहत पारबॉयल्ड गैर बासमती सफेद चावल पर लग रहे 20% कर की अवधि को बढ़ाया जा रहा है। यह कदम गैर बासमती चावल के निर्यात को कम कर देगा। वहीं सरकार के इस कदम ने चावल की कीमतों में और गिरावट की संभावना को बढ़ा दिया है। चुनावी साल के मद्देनजर त्योहारों सीज़न की शुरुआत से पहले सरकार लगातार कीमतों को रोकने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार आंतरिक बाजार में चावल और गेहूं की कीमतों को रोकने के लिए त्योहार से पहले बहुत सारे कदम उठाने जा रही है। उत्सव के सीजन की शुरुआत से पहले, सरकार चावल के भावों में कमी के तोहफे को जनता को देने के लिए तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार ने पारबॉयल्ड गैर बासमती सफेद चावल पर लग रहे निर्यात कर की अवधि को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय ने भी इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी कर चुका है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

आप की जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले अगस्त महीने में केंद्र सरकार ने चावल के दामों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से फैसला किया था कि पारबॉयल्ड गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी। समय सरकार का ये फैसला 16 अक्टूबर तक के लिए था। सरकार का ये कदम गैर बासमती चावलों की कीमत को काबू करने के लिए अहम है। भारत से निर्यात होने वाले चावल में से 25% चावल सफेद गैर बासमती चावल (Parboiled Rice) होता है। इसी कड़ी में सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया है। सरकार ने उसना चावल पर निर्यात शुल्क की अवधि अगले साल मार्च तक बढ़ा दी। इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। वित्त मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि उसना (सेला) चावल पर निर्यात शुल्क की अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दिया गया है।

गौरलतब है कि सरकार महंगाई को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। टूटे चावलों (Broken Rice) के निर्यात पर पिछले साल से ही रोक लगी हुई है। इस फाइनेंशियल ईयर की बात करें तो अप्रैल से जून तक 15.54 लाख टन गैर बासमती सफेद चावल का निर्वात हुआ था जबकि बीते वर्ष 11.55 लाख टन का ही निर्यात हुआ था। सरकार के फैसले के बाद अब चावलों पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी जिससे इनका निर्यात कम होगा। इस कदम से चावल की कीमतों में गिरावट आने की संभावना बढ़ गई है। त्योहारों के शुरू होने से पहले सरकार लगातार कीमतों पर लगाम कसने की कोशिश कर रही है। सरकार के प्रयासों का फल है कि खाद्य वस्तुओं में गिरावट के बाद खुदरा महंगाई कम हुई है।हालांकि इससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

 

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।