अब भारत का बासमती चावल मचाएगा दुनिया में धूम | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियो भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बासमती चावल के निर्यात पर लगाए गए न्यूनतम मूल्य को हटा दिया है। यह निर्णय भारत के प्रमुख कृषि उत्पाद, बासमती चावल को वैश्विक बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उठाया गया है। इस कदम से उम्मीद है कि बासमती चावल का निर्यात बढ़ेगा और किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
अब बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी का खुला रास्ता
भारत सरकार ने बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बासमती चावल, जो भारत की पहचान है और विश्वभर में अपनी अनूठी सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है, के निर्यात पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया गया है। यह निर्णय भारत में चावल की पर्याप्त उपलब्धता और वैश्विक बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए लिया गया है। इस निर्णय से बासमती चावल के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है। इससे न केवल भारतीय किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, बासमती चावल के निर्यात में इस साल 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। खासकर सऊदी अरब और अमेरिका जैसे देशों में भारतीय बासमती चावल की मांग लगातार बढ़ रही है। यह निर्णय भारत को वैश्विक बाजार में एक प्रमुख चावल निर्यातक के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
एपीडा की क्या रहेगी भूमिका
भारत में बासमती चावल का निर्यात एक प्रमुख कृषि उत्पाद है। बासमती चावल की गुणवत्ता और कीमत को बनाए रखने के लिए सरकार ने कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) को निर्यात अनुबंधों की बारीकी से निगरानी करने का जिम्मा सौंपा है। एपीडा यह सुनिश्चित करेगा कि बासमती चावल का निर्यात सही कीमत पर हो और इसमें किसी भी प्रकार की धांधली न हो। इसके अलावा, एपीडा निर्यात प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न उपाय करेगा ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके और भारत की अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिष्ठा बनी रहे। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
सरकार बासमती चावल के निर्यात न्यूनतम मूल्य पर कब लगाई थी सीमा
अगस्त 2023 में, देश में चावल की आपूर्ति में कमी और बाजार में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए, सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर एक न्यूनतम मूल्य सीमा लगा दी थी। यह सीमा 1200 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन निर्धारित की गई थी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि गैर-बासमती चावल को बासमती चावल के रूप में गलत तरीके से निर्यात न किया जाए। हालांकि, व्यापार जगत से इस निर्णय पर काफी विरोध हुआ और सरकार ने व्यापारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए अक्टूबर 2023 में इस न्यूनतम मूल्य को घटाकर 950 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर दिया। अब, सरकार ने इस न्यूनतम मूल्य को पूरी तरह से हटाने का निर्णय लिया है। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से बासमती चावल का निर्यात और बढ़ेगा और देश को विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलेगी।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।