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गैर बासमती चावल के अंतराष्ट्रीय रेट में हुआ बड़ा बदलाव | जाने निर्यात पर क्या होगा असर

गैर बासमती चावल के अंतराष्ट्रीय रेट में हुआ बड़ा बदलाव | जाने निर्यात पर क्या होगा असर
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किसन साथियो बीते सप्ताह एशियाई बाजार में भारत के चावल की निर्यात कीमत गिरकर 19 महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई। कारोबारियों और विश्लेषकों के मुताबिक, नई फसल की आपूर्ति बढ़ने और रुपए में कमजोरी के चलते यह गिरावट देखने को मिली है। इसी तरह, वियतनाम के चावल की कीमतें भी घटकर सितंबर 2022 के शुरुआती स्तर पर आ गई हैं। बीते सप्ताह भारत का 5% टूटे पारबॉयल्ड चावल 418-428 डॉलर प्रति टन में बेचा गया, जबकि एक हफ्ते पहले इसकी कीमत 429-435 डॉलर थी। इसी तरह, 5% टूटे सफेद चावल की कीमत भी घटकर 395-405 डॉलर प्रति टन रह गई। एक प्रमुख चावल निर्यातक के अनुसार, खरीदारों की दिलचस्पी बनी हुई है, लेकिन लगातार गिरती कीमतों के कारण वे खरीदारी को लेकर सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।

भारत के पास कितना है चावल का स्टॉक
जनवरी की शुरुआत में भारत में चावल का बकाया स्टॉक रिकॉर्ड 6.09 करोड़ टन तक पहुंच गया था, जो सरकार के तय लक्ष्य से आठ गुना ज्यादा है। यानी, बाजार में चावल की भरमार थी। इसी दौरान, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर होकर नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। इसका सीधा फायदा चावल निर्यातकों को हुआ, क्योंकि कमजोर रुपये की वजह से उन्हें अपने माल का बेहतर दाम मिला और मुनाफे में बढ़ोतरी हुई। दूसरी ओर, वियतनाम में 5% टुकड़ा चावल की कीमत गिरकर 404 डॉलर प्रति टन पर आ गई, जो पिछले 29 महीनों का सबसे निचला स्तर है। बस दो हफ्ते पहले यही चावल 417 डॉलर प्रति टन बिक रहा था। यानी, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमतों में भी लगातार गिरावट देखी जा रही है। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

वियतनाम के चावल के निर्यात में आई बढ़ोतरी
वियतनाम में हाल ही में मनाए गए लुणार नववर्ष के कारण पिछले सप्ताह बाजार बंद रहने से व्यापारिक गतिविधियां अभी भी सामान्य स्तर पर नहीं पहुंच पाई हैं। हालांकि, चावल के निर्यात में बढ़ोतरी देखी गई है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में चावल का निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.50% बढ़कर 5.27 लाख टन हो गया है। लेकिन, चावल के निर्यात से होने वाली आय में 5.60% की कमी आई है और यह 32.50 करोड़ डॉलर रह गई है। यह गिरावट वैश्विक बाजार में चावल की कीमतों में उतार-चढ़ाव या अन्य आर्थिक कारकों के कारण हो सकती है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

थाईलैंड में चावल की कीमतों में दिखी गिरावट
थाईलैंड में चावल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। वर्तमान में, चावल की कीमत 415-420 डॉलर प्रति टन के आसपास है, जो एक सप्ताह पहले की तुलना में लगभग 450-455 डॉलर प्रति टन से काफी कम है। इस गिरावट का मुख्य कारण देश में मुद्रा की मजबूती और घरेलू बाजार में कीमतों में कमी है। इसके अलावा, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे प्रमुख खरीददारों द्वारा खरीद में देरी करने के कारण मांग में कमी आई है। साथ ही, वियतनाम और थाईलैंड में नई फसल आने वाली है, जिसका भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। दूसरी ओर, बांग्लादेश में सरकार सुगंधित चावल के निर्यात पर लगी रोक हटाने पर विचार कर रही है। यह निर्णय व्यापारी समुदाय की मांग पर लिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना और निर्यात आय में वृद्धि करना है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।