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भारत ने चावल निर्यात से हटाया प्रतिबंध | क्या बदलेगी चावल के बाजार की तस्वीर

भारत ने चावल निर्यात से हटाया प्रतिबंध | क्या बदलेगी चावल के बाजार की तस्वीर
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किसान साथियो विदेशी बाजारों में भारतीय चावल की मांग लगातार बढ़ रही है। भारत सरकार द्वारा चावल निर्यात पर प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से ही विदेशी देशों से भारतीय चावल की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। हाल ही में, बांग्लादेश की चावल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत ने अपने व्यापारियों को चावल बेचने की अनुमति दी थी। अब, इंडोनेशिया ने भी भारत से 10 लाख टन चावल खरीदने का अनुरोध किया है और भारत सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। यह दर्शाता है कि भारतीय चावल की गुणवत्ता और किफायती मूल्य के कारण विश्व भर में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। भारत सरकार ने घरेलू चावल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने और कीमतों में स्थिरता लाने के उद्देश्य से जुलाई 2023 में चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और इस पर भारी निर्यात शुल्क भी लगाया था। हालांकि, अक्टूबर 2023 में केंद्र सरकार ने यह प्रतिबंध हटा लिया और निर्यात शुल्क भी कम कर दिया। इस फैसले के बाद से विदेशी खरीदारों की ओर से चावल की मांग में वृद्धि हुई है। सरकार ने नवंबर और दिसंबर 2023 में बांग्लादेश को 50 लाख टन गैर-बासमती चावल निर्यात करने की मंजूरी दी थी। अब हाल ही में, भारत ने इंडोनेशिया को भी चावल निर्यात करने की अनुमति दे दी है। ये निर्यात सौदे न केवल भारतीय किसानों को लाभ पहुंचाएंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेंगे।

इंडोनेशिया को 10 लाख टन चावल निर्यात करेगा भारत
भारत सरकार ने इंडोनेशिया को 10 लाख टन सफेद चावल निर्यात करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निर्यात का कार्य राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से किया जाएगा। यह निर्यात भारत और इंडोनेशिया के बीच हुए एक समझौते के तहत किया जाएगा। इस समझौते पर इंडोनेशिया की सरकारी एजेंसी बुलोग और भारत की अधिसूचित एजेंसी एनसीईएल के बीच हस्ताक्षर होंगे। यह निर्णय भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा और साथ ही भारतीय किसानों को भी लाभ पहुंचाएगा।

बांग्लादेश को 2 लाख टन चावल निर्यात करेगा भारत
बांग्लादेश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से चावल का आयात शुरू कर दिया है। हाल ही में चटगांव बंदरगाह पर 27,000 टन चावल की पहली खेप पहुंची है, जो भारत से खरीदे गए कुल 200,000 टन चावल के समझौते का हिस्सा है। बांग्लादेश सरकार ने हाल ही में आई भीषण बाढ़ के मद्देनजर भविष्य में होने वाली किसी भी संभावित खाद्य संकट से निपटने के लिए यह कदम उठाया है। बांग्लादेश की सरकार ने भारत से 200,000 टन उसना चावल के अलावा निविदा के माध्यम से 100,000 टन अतिरिक्त चावल का आयात करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, बांग्लादेश चावल आयात पर जोर दे रहा है और सरकार से सरकार (जीटूजी) स्तर पर चावल का आयात बढ़ाने की योजना बना रही है। चावल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए बांग्लादेश ने चावल के आयात पर सभी शुल्क हटा दिए हैं। भारत से निजी स्तर पर भी शून्य शुल्क आयात सुविधा के साथ बड़ी मात्रा में चावल का आयात किया जा रहा है।

चावल बिक्री की जिम्मेदारी किसके पास है
भारत सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी निर्यात (NCEL) एजेंसी के माध्यम से इंडोनेशिया को गैर-बासमती चावल का निर्यात करने का निर्णय लिया है। इस समझौते के तहत, NCEL एजेंसी खुले बाजार से चावल खरीदकर इंडोनेशिया की एजेंसी बुलोग को निर्धारित मूल्य पर बेचेगी। हालांकि भारत में चावल का भंडारण पर्याप्त मात्रा में है, फिर भी सरकार ने इंडोनेशिया को भेजे जाने वाले चावल को भंडारण से निकालने के बजाय खुले बाजार से खरीदने का फैसला किया है। यह निर्णय संभवतः घरेलू बाजार में कीमतों को स्थिर रखने और किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से लिया गया होगा।

वैश्विक बाजार से क्या है अपडेट
भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है और वैश्विक बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 40% है। अक्टूबर में भारत सरकार द्वारा चावल निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाए जाने के बाद, वैश्विक बाजार में भारतीय चावल की भरपूर आपूर्ति हुई। इसके परिणामस्वरूप, अक्टूबर महीने में वैश्विक स्तर पर चावल की कीमतों में लगभग 15% की गिरावट देखी गई थी। हालांकि, नवंबर में कीमतों में मामूली वृद्धि हुई। अब कई देश भारत से चावल की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि वे अपनी घरेलू मांग को पूरा कर सकें। भारतीय चावल निर्यातकों का कहना है कि भारत द्वारा निर्यात प्रतिबंध हटाने के बाद पाकिस्तान और थाईलैंड जैसे अन्य चावल उत्पादक देशों ने भी अपनी कीमतों में 10-15% तक की कटौती की है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।