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अब तक धान नहीं बेचा है तो इस रिपोर्ट को पढ़े बिना बेचना भी नहीं

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किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, बासमती धान के बाजार में भले ही रौनक कम दिखाई दे रही हो, लेकिन निर्यात के मोर्चे से अच्छी खबर मिल रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों (अप्रैल से अक्टूबर) के दौरान देश से बासमती चावल के निर्यात में 24.34% की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इस दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में 21.16% की गिरावट दर्ज की गई है।

पिछले साल के मुकाबले कितना बढ़ा बासमती का निर्यात
अगर डेटा के हिसाब से देखें तो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 32.43 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में केवल 26.08 लाख टन का ही हुआ था। दोस्तों, अगर मात्रा के हिसाब से देखें तो यह बढ़ोतरी कोई छोटी बात नहीं है। मंडी भाव टुडे पर हमने पहले भी बताया था कि इस साल निर्यात पिछले साल से बेहतर हुआ है। सरकारी रिपोर्ट में यह बात अब खुलकर सामने आ गई है।

गैर-बासमती के निर्यात की स्थिति
गैर-बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों (अप्रैल से अक्टूबर) के दौरान 21.16% की गिरावट आकर कुल निर्यात 57.58 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात 73.17 लाख टन का हुआ। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों गैर-बासमती चावल पर 10% के निर्यात शुल्क को पूरी तरह से हटा दिया था, जबकि इससे पहले सितंबर में सरकार ने गैर-बासमती टूटे चावल, भूरे चावल और धान पर निर्यात शुल्क 20% से घटाकर 10% कर दिया था।

आवक पर क्या है अपडेट
दोस्तों, इस सीज़न में पंजाब, हरियाणा के साथ ही राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश की मंडियों में परमल धान की आवक पहले की तुलना में कम हुई है, जबकि हरियाणा को छोड़कर अन्य राज्यों में बासमती धान की आवक सामान्य बताई जा रही है। हरियाणा में इस बार बासमती का झाड़ 20 से 25% तक कम हो सकता है। मंडी भाव टुडे ने ग्राउंड पर जाकर किसानों और व्यापारियों से बात की है। बातचीत के दौरान यही निष्कर्ष निकला है कि बासमती धान का झाड़ इस बार काफी कमजोर है।

निर्यात बढ़ने के बावजूद धान के भाव में सुधार क्यों नहीं
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि जब निर्यात बढ़ा है और इस साल धान का उत्पादन भी कम बताया जा रहा है, तो धान के भाव क्यों नहीं बढ़ रहे हैं। दरअसल, बात यह है कि पिछले साल दिसंबर महीने की शुरुआत से ही बासमती धान और चावल के भाव में गिरावट होने शुरू हो गई थी। जिस बासमती 1121 स्टीम A+ ग्रेड चावल के भाव 2023 दिसंबर के पहले हफ्ते में ₹10800 के चल रहे थे, वे जनवरी 2024 आते-आते ₹9900 और अप्रैल आते-आते ₹9500 के रह गए थे। आज की डेट में इस चावल का भाव बमुश्किल ₹8300 रह गया है और यह अभी भी नीचे की तरफ ही जा रहा है। आयातक देश भावों में और गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। यही कारण है कि बड़े निर्यात सौदे फिलहाल नहीं बन रहे। निर्यातकों की मांग सीमित होने के कारण राइस मिलें सीमित मात्रा में ही धान की खरीद कर रही हैं।

सरकारी फैसलों का कब दिखेगा असर
साथियो, कुछ महीनों पहले सरकार ने बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) ₹1200 प्रति टन को समाप्त किया था। साथ ही निर्यात शुल्क घटाने जैसे फैसले भी सरकार ने इसी साल लिए हैं। अब तक सरकार द्वारा लिए गए नीतिगत फैसलों का असर बाजार पर नहीं दिखा है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आने वाले समय में भी इसका असर नहीं दिखेगा।

ताजा मार्केट अपडेट
धान 1121 के टॉप भाव वाली मंडियां: बटाला मंडी ₹4395, तरनतारन मंडी ₹4360, गन्नौर मंडी ₹4351, अमृतसर मंडी ₹4351, गोहाना मंडी ₹4342, जुलाना मंडी ₹4321, पिल्लूखेड़ा मंडी ₹4325।

धान 1718 के टॉप भाव वाली मंडियां: बटाला मंडी ₹3895, सफीदों मंडी ₹3825, जुलाना मंडी ₹3780, गोहाना मंडी ₹3771, गन्नौर मंडी ₹3761, उचाना मंडी ₹3761, अमृतसर मंडी ₹3760।

धान 1401 के टॉप भाव वाली मंडियां: सिरसा मंडी ₹3430, रानिया मंडी ₹3406, टोहाना मंडी ₹3405, नरवाना मंडी ₹3400, रतिया मंडी ₹3401, मोनक मंडी ₹3410, जाखल मंडी ₹3398।

धान 1509 के टॉप भाव वाली मंडियां: सिरसा मंडी ₹3200, टोहाना मंडी ₹3140, मानसा मंडी ₹3095, फतेहाबाद मंडी ₹3120, रानिया मंडी ₹3051, अमृतसर मंडी ₹3000, खैर मंडी ₹2761।

धान PB1 के टॉप भाव वाली मंडियां: सिरसा मंडी ₹2981, रतिया मंडी ₹3011, फतेहाबाद मंडी ₹2955, बरेली मंडी ₹2711, विदिशा मंडी ₹2700।

अन्य किस्मों के टॉप भाव वाली मंडियां: सरबती ₹2425 (गंगोह मंडी), सुगंधा ₹2610 (बूंदी मंडी), ताज ₹2261 (कासगंज मंडी), RH10 ₹2150 (चंदौसी मंडी)।
 
धान के भाव बढ़ेंगे या नहीं
किसान साथियों ऊपर दिए गए विश्लेषण से यह पता चलता है कि भले ही मिलर्स को बासमती चावल के भाव को देखते हुए मौजूदा भाव पर धान खरीदने के पड़ते ना लग रहे हो लेकिन फिर भी बाजार ने 1121 में 4200 का स्तर नहीं तोड़ा है। लगातार निर्यात बढ़ने के समाचार बाजार में ऊर्जा भर रहे हैं। इसमे कोई शक नहीं है कि सीज़न की शुरुआत से ही बासमती चावल के भाव लगातार कमजोरी की तरफ जा रहे हैं लेकिन निर्यात बढ़ाने जैसी खबरों के चलते बाजार में सेंटीमेंट बिगड़ा नहीं है। सब जानते हैं कि ईरान या सऊदी जैसे देशों से मिलने वाला एक बड़ा ऑर्डर बाजार का पूरा माहौल बदल देगा। लेकिन जब तक वह ऑर्डर नहीं मिलता तब तक इसे कल्पना ही माना जाना चाहिए। दोस्तो बासमती का बाजार अपने सपोर्ट प्राइस पर रुका हुआ है। 1121 में 4200 की भाव को मजबूत सपोर्ट माना जा सकता है। जब तक बासमती का बाजार इस सपोर्ट प्राइस के ऊपर बना हुआ है और बासमती चावल के भाव में कोई बड़ी गिरावट नहीं होती है तो निश्चित रूप से यहां से बाजार फिर से 4500 के स्तर आने वाले एक महीने में दिखा सकता है। इसी तरह से 1718 धान में 3700, 1885 में 3900, 1401 में 3200, 1509 में 3000, PB1 में 2700 ये ऐसे स्तर हैं जिनके नीचे बाजार में खरीद लौट रही है और इनको अलग अलग किस्मों का सपोर्ट रेट माना जाना चाहिए। बासमती का बाजार ज्यादातर 1121 धान के भाव को देखकर ही चलेगा अगर 1121 में 4200 के नीचे के भाव दिखते हैं तो पूरी संभावना है कि अगली सपोर्ट 3800 से पहले नहीं मिलने वाली। इसलिए आपको बासमती में सपोर्ट लेवल को मानिटर करना है। जिन साथियो के पास माल पड़ा हुआ है और नजदीकी की मंडी में 4300 के आसपास के रेट मिल रहे हैं उन्हें माल निकाल देना चाहिए। अगर आप मजबूत किसान हैं और 1121 धान में 3800 के भाव देखने का रिस्क ले सकते हैं तो ही आप 4500 के उपर के भाव लेने की उम्मीद करें। व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।