क्या चावल निर्यात पर मंडरा रहे संकट से उबर पाया बासमती का बाजार | पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियो, चावल उद्योग पिछले कुछ वर्षों से कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चले युद्धों और हूती संगठन के विद्रोहों के बावजूद चावल निर्यात बढ़िया हुआ है लेकिन अब इजरायल-ईरान के बीच तनाव ने इस उद्योग पर और दबाव बढ़ा दिया है। दोस्तो रकबा बढ़ने के कारण यह तो कहा जा सकता है कि बासमती चावल का उत्पादन इस साल अधिक होने की संभावना है, लेकिन निर्यात के आंकड़ों को देखें तो ऐसा लगता नहीं है कि बासमती का बहुत बड़ा स्टॉक भारत में होगा। इसलिए बासमती के बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि बासमती चावल के दामों में अब और ज्यादा गिरावट नहीं आएगी और धीरे-धीरे स्थिति में सुधार होगा। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
गल्फ फूड दुबई में भी चावल की मांग
गल्फ फूड दुबई में हाल ही में आयोजित एक प्रमुख खाद्य प्रदर्शनी थी, जिसमें भारतीय सहित एशिया और यूरोप के कई देशों के आयातक और निर्यातक शामिल हुए थे। इस प्रदर्शनी में भारतीय चावल, विशेषकर सेला और स्टीम चावल की अच्छी मांग रही। भारतीय चावल की कीमतें अन्य देशों की तुलना में कम होने के कारण यह मांग बढ़ी है। हालांकि, बासमती चावल की मांग में उतनी तेजी नहीं देखी गई है। इसका कारण यह है कि पिछले साल बासमती धान का उत्पादन इन राज्यों में काफी अधिक हुआ था और व्यापारियों ने सीजन की शुरुआत में ही बड़े पैमाने पर खरीदारी की थी। इस वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बासमती चावल की आपूर्ति बनी हुई है इसलिए बाजार में सुधार तो होगा लेकिन कीमतों में बहुत अधिक तेजी आने या फिर यूँ कहें कि पिछले साल से ज्यादा भाव मिलने की संभावना कम है।
बासमती चावल के भाव में उम्मीद से कम तेजी
बासमती चावल के निर्यात में लगातार गिरावट की प्रवृति रही है। इसके चलते किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। शुरुआती दौर में किसानों को 1509 साठी धान के बढ़िया भाव अभी तक नहीं मिले हैं। आमतौर पर सीजन के दौरान बासमती चावल के दामों में तेजी देखने को मिलती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। इसका मुख्य कारण पाकिस्तान में बासमती चावल के दामों में भारी गिरावट आना है। पाकिस्तानी चावल भारतीय चावल की तुलना में काफी सस्ता मिल रहा है, जिसके कारण विदेशी खरीदार पाकिस्तानी चावल खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके अलावा, ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने से भी निर्यात प्रभावित हुआ है। इस तनाव के कारण निर्यातक चावल का शिपमेंट करने से हिचकिचा रहे हैं, जिससे बाजार में ग्राहकों की कमी हो गई है। पिछले साल राइस मिलों और स्टॉकिस्टों के पास ऊंचे दाम का खरीदा गया थोड़ा बहुत धान पड़ा हुआ है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। इसलिए व्यापारी इस सीज़न में फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं। कुल मिलाकर, बासमती चावल के निर्यात में गिरावट आने से किसानों की आय प्रभावित हुई है और उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
क्या रह सकते हैं इस बार धान के भाव
पिछले 15 दिनों में धान के भावों में गिरावट देखने को मिली थी। 1509 जैसी किस्मों के भाव 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए थे। सेला चावल के भाव में भी 200 रुपये प्रति क्विंटल और स्टीम चावल के भाव में 300 से 350 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिली है थी । इसका मुख्य कारण पाकिस्तान से सस्ते चावल का निर्यात है। जब तक पाकिस्तान सस्ता चावल निर्यात करता रहेगा, तब तक भारतीय चावल को वैश्विक बाजार में उतना अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा, सरकार की महंगाई और जमाखोरी रोकने की नीतियां भी बाजार में मंदी का कारण बन रही हैं। लेकिन अब माहौल फिर से बदलने लगा है। मिलिंग लागत के बढ़ने और साठी धान की आवक कम होने के कारण व्यापार में जोखिम भी कम हो गया है। इन सभी कारणों को देखते हुए, आने वाले दिनों में तेजी की संभावना लग रही है। अभी मंडियों में धान 1121 और 1718 की आवक कहीं-कहीं देखने को मिल रही है। धान 1718 का नया रेट 3450 का खुला है और धान 1121 का रेट 4040 खुला है। इन भावों को देखें तो यह भाव पिछले सीजन के मुकाबले 300 से 400 रुपये तक कम हैं। पिछले दो तीन दिनों से धान 1509 में जबरदस्त तेजी आई हुई है और रोजाना भाव 100 से 150 रुपये तक बढ़ रहा है। आज भी बाजार 100 रुपये तक की तेजी दिखा रहे हैं। मंडी भाव टुडे का मानना है कि बाजार अभी और तेज होने हैं। पिछले साल और इस साल के भाव का अन्तर धीरे धीरे कम हो सकता है। दोस्तो ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तनाव और नहीं बढ़ता और चीजें सही रहती हैं तो 1121 और 1718 जैसी किस्मों में पिछले साल जैसे भाव बनने की उम्मीद है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें। नोट: अगर आपको धान और चावल के लाइव भाव चाहिए, तो आप 500 रुपये देकर 6 महीनों तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते हैं। अगर आपको चाहिए, तो 9518288171 पर व्हाट्सएप मैसेज करें। भाव सुबह 7 बजे से आने शुरू हो जाएंगे और इस सर्विस में और भी फसलों के भाव देखने को मिलेंगे। जिनको लेनी है, वही मैसेज करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।