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धान के किसानों के लिए खुशखबरी | सरकार ने हटाया चावल निर्यात से प्रतिबंध

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किसान साथियो भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। यह प्रतिबंध पिछले साल जुलाई में चावल की घरेलू आपूर्ति को सुनिश्चित करने और कीमतों में स्थिरता लाने के लिए लगाया गया था। अब इस प्रतिबंध को हटाने से भारत के चावल निर्यातक बेहद खुस हैं। राइस मिल के सीईओ सूरज अग्रवाल ने इस फैसले को कृषि क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया है। उनका मानना है कि इस निर्णय से भारत का चावल निर्यात फिर से पटरी पर लौट आएगा और किसानों को भी लाभ होगा। गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है और इस प्रतिबंध के हटने से देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सरकार ने हाल ही में पारबॉइल्ड चावल पर निर्यात शुल्क को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। यह निर्णय देश में अनाज के भंडार में वृद्धि और आने वाले समय में नई फसल की कटाई को मद्देनजर रखत्र हुए लिया गया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल देश में किसानों ने 41.35 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में चावल की खेती की है, जो पिछले साल के 40.45 मिलियन हेक्टेयर और पिछले पांच साल के औसत से अधिक है। अच्छी मानसूनी बारिश के कारण किसानों ने चावल की खेती में रुचि दिखाई है। इस बढ़ते उत्पादन और भंडारण के कारण सरकार ने निर्यात शुल्क में कमी करके किसानों को अपनी उपज बेचने में मदद करने का फैसला किया है।

एक्सपोर्ट ड्यूटी कम होने पर क्या फायदे होंगे 
भारत सरकार द्वारा निर्यात शुल्क में कमी करने के निर्णय से देश के चावल निर्यात को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस कदम से भारत के निर्यात मूल्य कम हो जाएंगे जिससे वैश्विक बाजार में भारतीय चावल की मांग बढ़ेगी और शिपमेंट में वृद्धि होगी। इसके अलावा, थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को भी अपने निर्यात मूल्य कम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। गौरतलब है कि भारत ने साल 2023 में पारबॉइल्ड चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया था क्योंकि उस वर्ष कम बारिश के कारण चावल की फसल प्रभावित हुई थी। अब, जब स्थिति सामान्य हो रही है, सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। यह कदम न केवल देश के किसानों के लिए लाभदायक होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सफेद चावल की एक्सपोर्ट ड्यूटी में हुई कटौती 
सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ब्राउन राइस और छिलके वाले चावल पर निर्यात शुल्क को घटाकर 10% कर दिया है। यह कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इसके साथ ही, सरकार ने सफेद चावल पर निर्यात शुल्क को पूरी तरह खत्म कर दिया है। इस निर्णय से भारतीय चावल का वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनना आसान हो जाएगा और किसानों को बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। हालांकि, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या निजी व्यापारी चावल का निर्यात कर पाएंगे या यह व्यापार केवल सरकार से सरकार के बीच होने वाले समझौतों तक सीमित रहेगा। इस बारे में अधिक स्पष्टता आने वाले दिनों में मिल सकती है। यह निर्णय भारतीय चावल उद्योग के लिए एक बड़ी राहत है। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।