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बासमती किसानों के लिए अच्छी खबर | खुशी से उछल पड़ेंगे किसान | बासमती तेजी मंदी रिपोर्ट

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बासमती के किसानो के लिए अच्छी खबर
किसान साथियो बासमती का बाजार अनिश्चितताओं से भरा हुआ रहता है। कब कौन सी खबर आ जाए किसी को नहीं पता। लेकिन अच्छी बात यह है कि इस साल बासमती के बाजार में हरियाली छाई हुई है। बासमती को लेकर एक के बाद एक पॉजिटिव खबर सुनने को मिल रही है। बासमती धान के भाव पहले से ही 5000 के आसपास चल रहे हैं। ऐसे में अच्छी खबरें बासमती के भाव के सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं। बासमती धान चावल बाजार में पिछले साल की तरह इस साल भी तेजी रहने की संभावना बढ़ रही है। मंडी भाव टुडे पर अपनी लगभग हर रिपोर्ट में बताते रहे हैं कि जिस हिसाब से चावल के भाव बढ़ रहे हैं उस हिसाब से बासमती धान के भाव तेज रहने की पूरी संभावना है। इस समय साठी धान 1509 को छोड़कर मंडियों में किसी भी धान की आवक ना के बराबर है। 1509 साठी धान का भाव 32 से 36 रु तक बोला जा रहा है। हालांकि एक दो जगह से 3750 के भाव की रिपोर्ट भी मिल रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीज़न की शुरूआत में 1509 साठी के भाव 2500 से 3000 तक ही मिल रहे थे। वहाँ से लगभग 600-700 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। अगले एक दो महीने में बासमती की मुख्य किस्मों 1121, 1718, और उनके बाद 1401 की आवक शुरू होगी। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

अमेरीका से अच्छी खबर
कुछ विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि भारतीय बासमती का निर्यात अमेरिका की तरफ बढ़ सकता है। जानकारी के अनुसार अमेरिकी प्रशासन भारत के बासमती में कीटनाशक की मात्रा को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत तक अनुमति दे दी है। जिसके बाद उम्मीद लगायी जा रही है कि बासमती की अमेरिकी मांग निकल सकती है। सूत्र बताते हैं कि लगभग 2 लाख टन चावल की मांग निकल सकती है। जो कि सीज़न के समय भाव को सपोर्ट कर सकती है।

भारत UAE के बीच करेंसी डील
भारत और संयुक्त राज्य अमीरात के बीच व्यापार की करेंसी को लेकर डील की जा रही है। इस डील के अनुसार भारत और यूएई के बीच डॉलर की बजाय लोकल करंसी में ही आयात निर्यात का भुगतान किया जाएगा। बासमती के बाजार को इस डील से फायदा मिलने की संभावना है क्योंकि इससे दुबई के जरिए ईरान को माल भेजने में सुगमता आएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईरान  बासमती के बाजार का सबसे बड़ा आयातक है और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरान को डालर में भुगतान करने में काफी दिक्कत आती है। उम्मीद है कि इस डील के बाद ईरान को बासमती आयात करने और भुगतान करने में दिक्कत नहीं आएगी। जिससे भारत से बासमती का निर्यात बढ़ने की संभावना है।

कमजोर उत्पादन की आशंका
किसान साथियो इस साल बासमती धान की खेती को लेकर सब ठीक ठाक चल रहा था। लेकिन अच्छी खासी लगी खेती पर अब मौसम की मार पड़ने लगी है। पिछले 1 से डेढ़ महीने में पर्याप्त बारिश ना होने के कारण बासमती प्रजाति के सभी धान यूपी, हरियाणा, एमपी, राजस्थान में धीरे धीरे सूखे की चपेट में आ चुके हैं। किसान पंपिंग मशीनों से सिंचाई करके धान को जीवित रख रहे हैं, जिससे आने वाला उत्पादन इस बार भी जबरदस्त कम रहने की संभावना है।

बाजार में क्या है माहौल
निर्यात की बात करें तो हाल ही में यमन को चावल देने वाली अमृतसर की एक प्रतिष्ठित कंपनी ने बाजार से 1800 टन 1401 स्टीम चावल 9200-9300 रु प्रति क्विंटल के भाव पर सौदा किया है। फ़िलहाल इसके अलावा अभी कोई बड़ा और नया निर्यात आर्डर नहीं है। गैर बासमती चावल पर प्रतिबंध को देखते हुए बासमती की डिमांड बढ़ी है इसलिए मिलर्स और निर्यातक व्यापारियों की बासमती की खरीद भी बढ़ी है । इस समय 1121 स्टीम 10200-10500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कारोबार कर रहा है। जबकि बासमती 1121 का सेला 8500-8600 रु प्रति क्विंटल के आसपास है। 1509 नया स्टीम 7800-8000 और सेला 6800-6900 के करीब पहुंच गया है। अन्य बासमती किस्मों में इसी अनुपात में भाव है।

जहां तक बासमती के पुराने स्टॉक की बात है अभी तक कैरीफार्वड स्टाक को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है लेकिन बाजार का अनुमान है कि ब्रांडिड कंपनियों के पास 2 लाख टन या कुछ अधिक चावल का स्टाक हो सकता है। जो कि बहुत बड़ा स्टॉक नहीं है। कुल मिलाकर बासमती बाजार में अभी और तेजी बनी रहने की संभावना है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।