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ज्यादा नमी बता कर 150 से 200 रुपए प्रति क्विंटल कम मे खरीद रहे अन्नदाता का धान | जाने पूरी खबर

आढ़ती धान मे नमी बता कर किसानों कि फसल को 150 से 200 रुपए प्रति क्विंटल कम मे खरीद रहे है
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किसान साथियों तीन दिन पहले हुई बारिश उन किसानों के लिए मुसीबत बन रही है जो इस समय धान लेकर अनाज मंडियों में जा रहे हैं। खबर मिल रही है कि नमी का बहाना बनाकर 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जा रही है। किसानों का कहना है कि एक तरफ तो बेमौसम बारिश के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो गयीं। अब जैसे तैसे करके धान मंडियों में पहुंचा दिया है लेकिन यहाँ भी भाव के मामले में कटौती का सामना करना पड़ रहा है । जो माल मंडी में पहले से पड़ा था वह भी बारिश के कारण भीग गया और इस पर भी नमी के नाम पर 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जा रही है। मामला इतना बढ़ गया है कि यहां तक ​​कि कई आढ़ती भी दबी जुबान में इस बात को स्वीकार कर चुके हैं. वहीं निजी विशेषज्ञों की हड़ताल के कारण बढ़िया चावल नहीं मिल पा रहा है. WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

साथियों गोर करने कि बात यह है कि पिछले कुछ दिनों में निजी निर्यातक हड़ताल कर रहे हैं। इस कारण से, धान खरीदने का काम बंद रहा था। धान की खरीद का काम तीन दो कि हुई बारिश के कारण से परभावित हुआ है । बारिश के कारण धान नहीं भीग गया था। दो दिनों के लिए, किसानों ने लथपथ हो कर धान को सूखा दिया। फिलहाल, पिपली अनाजमंडी में 5 से 6 हजार क्विंटल धान पड़ा हुआ है। मंडी से धान की लिफ्टिंग का काम भी धीमा चल रहा है। आढ़ती वर्ग धान का उठान धीमा होने के चलते परेशान हैं। फड़ों पर गीला धान सुखाया जा रहा है। ऐसे में मंडी में नए धान की आवक को गिराने के लिए दिक्कतें आती हैं। वहीं मंडी में नमी वाले धान की खरीद में कटोती हो रही है। किसानों का आरोप है कि धान मे नमी के नाम पर 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल कि कटोती कि जा रही है जो कि उनके साथ अन्याय हो रहा है।

नमी वाले धान की नहीं हो रही खरीद : सचिव
मार्किट कमेटी पिपली के सचिव पवन कुमार ने स्वीकार किया कि प्राइवेट एक्सपोर्टर की हड़ताल के चलते बारीक धान की खरीद नहीं हो पा रही थी, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि पीआर धान की खरीद नियमित की जा रही है। उन्होंने बताया कि अनाजमंडी में बुधवार को 10 हजार क्विंटल धान DFSC ओर हैफेड द्वारा खरीद किया गया है। जब उन्हें बताया गया कि मंडी में अभी भी बहुत ज्यादा संख्या में धान कि ढेरिया पड़ी हुई हैं तो सचिव ने बताया कि मंडी में 5000 क्विंटल धान गीला होने के कारण पड़ा है ओर धान में 26-27 प्रतिशत की नमी है। धान के सूखने पर ही उसका उठान किया जाएगा। उन्होंने नमी के नाम पर धान में प्रति क्विंटल 150 से 200 रुपये कि कटोती लगाए जाने का भी खंडन किया और बताया कि ये आरोप निराधार हैं।

दो लाख क्विंटल से भी घट गई धान की आवक
कुरूक्षेत्र. चावल का करीब 80% सीजन खत्म हो चुका है, इसलिए आवक भी धीमी होने लगी है. बुधवार को आवक घटकर 1,999,80 क्विंटल रह गई, जबकि सीजन के पीक पीरियड में यह पांच लाख क्विंटल तक पहुंच गई थी. बुधवार तक जिले भर में 8,36,260 क्विंटल धान की खरीदारी हुई, जिसमें से 76,47,460 क्विंटल धान का उठान हो सके. सोमवार को हुई बारिश के बाद अगले दिन से मौसम साफ रहेगा, इसलिए उठान कार्य में भी तेजी आ गई है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।