भारतीय गैर बासमती चावल की निर्यात कीमतों में आई बढ़ोतरी | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियो एक सप्ताह पूर्व की तुलना में बीते सप्ताह एशियाई कारोबार में बड़े निर्यातक भारत देश के चावल की निर्यात कीमत में तेजी आई है। कारोबारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि ऊंची निर्यात ड्यूटी की वजह से यह नवीनतम तेजी आई है। दूसरी ओर, थाईलैंड के चावल की मांग कम बनी हुई है। आलोच्य सप्ताह के दौरान भारत का 5 प्रतिशत टुकड़ा पारबॉयल्ड चावल 550-558 डॉलर प्रति टन पर बोला गया। एक सप्ताह पूर्व इसकी कीमत 543-550 डॉलर थी। एक महीना पूर्व तो इसकी कीमत 560 डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर जा पहुंची थी। एक कारोबारी ने कहा कि हमने जबसे सुना है कि सरकार 20 प्रतिशत निर्यात ड्यूटी की गणना करने के लिए फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) के आधार को बदलकर सौदे की कुल कीमत करने पर विचार कर रही है। इसलिए हमने कीमत बढ़ा दी है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
साथियो एक अन्य कारोबारी ने कहा कि इसकी वजह से कीमत बढ़ी है। चावल की घरेलू कीमतों को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए सरकार ने अगस्त, 2023 में पारबॉयल्ड चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी थी। इससे भी बड़ी चिंता का विषय यह है कि कुछ निर्यातकों ने यह आशंका जताई है कि कस्टम विभाग पिछले 18 महीनों के दौरान किए गए चावल के निर्यात पर ड्यूटी के अंतर के भुगतान की मांग कर रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि कुछ निर्यातकों को डिपार्टमेंट की ओर से इस प्रकार के नोटिस मिले हैं। यदि वास्तव में ऐसा हुआ है तो यह दुर्लभ टैक्स डिमांड देश से चावल के निर्यात में कमी ला सकती है। बहरहाल, थाईलैंड का 5 प्रतिशत टुकड़ा चावल 585- 590 डॉलर प्रति टन पर बोला जा रहा है। एक सप्ताह पूर्व इसकी कीमत 598 डॉलर थी। यहां स्थित एक कारोबारी ने कहा कि बाहट तथा मांग में कमी आने के कारण कीमत में यह मंदी आई है लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इंडोनेशिया के खरीददारों की वजह से कीमत को समर्थन भी मिल रहा है। MP में कंपनी सीधी कर रही हैं खरीद | सोयाबीन में 4700 के उपर के भाव लेने हैं तो यहां बेचे अपना माल
साथियो एक अन्य कारोबारी ने कहा कि वियतनाम का चावल अपेक्षाकृत रूप से सस्ता पड़ रहा है और स्थानीय आपूर्ति भी अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है। हालांकि अभी धान की कुछ मात्रा शेष बची हुई है। बहरहाल, वियतनाम का 5 प्रति टुकड़ा चावल 590-595 डॉलर प्रति टन के एक सप्ताह पूर्व के स्तर पर ही बना हुआ है। हो छि मिन्ह सिटी स्थित एक कारोबारी ने कहा कि अमेरिका द्वारा हाल ही समाप्त हुए मार्च महीने के आरंभ में यह अनुमान व्यक्त किया गया था कि घरेलू आपूर्ति बढ़ने के कारण इस वर्ष फिलीपीन्स के आयात में कमी आ सकती है। इसके बाद निर्यातकों ने किसानों से अपनी खरीद धीमी कर दी है। गौरतलब है कि फिलीपीन्स वियतनाम के चावल का सबसे बड़ा आयात बाजार है। इस दौरान, बंगलादेश में अच्छी औसत उत्पादकता तथा बकाया स्टॉक के बाद भी चावल की कीमत ऊंचे स्तर पर ही बनी रही। अधिकारियों ने कहा कि सरकार चावल की घरेलू कीमत को काबू में बनाए रखने के लिए निजी आयातकों को 2 लाख टन तक चावल के आयात की अनुमति दे सकती है।
बासमती चावल पर क्या है अपडेट
बात बासमती चावल की करें तो यूपी हरियाणा पंजाब राजस्थान सभी उत्पादक मंडियों में धान की आवक पूरी तरह समाप्त हो गई है। दूसरी ओर निर्यातक व स्टॉकिस्ट दोनों ही खरीद करने लगे हैं, जिससे गत सप्ताह के अंतराल 100/200 रुपए प्रति क्विंटल सभी तरह के बासमती प्रजाति के चावल में तेजी आ गई है। यहां 1509 सेला चावल 6900/7000 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया है तथा स्टीम चावल 8200 रुपए हो गया है। वास्तविकता यह है कि पिछले 3 महीने से लगातार गिरावट के बाद अधिकतर माल स्टॉकिस्टों के कट चुके हैं तथा जो धान मीलिंग में जा रहा है, उसके पड़ते वर्तमान भाव से अभी भी 300/350 रुपए महंगे पड़ रहे हैं, जिससे बाजार अभी और तेज लग रहा है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।