Movie prime

MP में धान की खरीद में दोहरा मापदंड | 700 रु प्रति क्विंटल का हो रहा फर्क़ | जाने पूरी डिटेल्स

MP में धान की खरीद में दोहरा मापदंड | 700 रु प्रति क्विंटल का हो रहा फर्क़ | जाने पूरी डिटेल्स
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

किसान साथियो धान की खरीद को लेकर किसान नाराज नजर आ रहे है । एक ओर जहां किसानों को धान के अच्छे भाव मिलने की उम्मीद थी, वहीं दूसरी ओर बाजार में दोहरे दामों पर धान की खरीद हो रही है। कई मीलों पर एक विशेष प्रोजेक्ट के तहत उगाए गए धान को 3150 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदा जा रहा है, जिसमें कीटनाशकों का कम उपयोग किया जाता है। इस धान के लिए किसानों को लेब टेस्ट करवाना होता है, जिसमें धान की गुणवत्ता और खेती में उपयोग की गई दवाओं की जांच की जाती है। लेकिन दूसरी ओर, बिना किसी जांच के सामान्य धान को 2000 से 2400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच खरीदा जा रहा है। इस दोहरी नीति के कारण किसानों में रोष है और उन्हें लग रहा है कि उनका शोषण हो रहा है। किसानों का मानना है कि अगर सभी धान की गुणवत्ता की जांच की जाए और उसी के अनुसार भाव भी दिए जाएं तो उन्हें उचित मूल्य मिल सकेगा।

क्या है दोहरा मापदंड की हकीकत
व्यापारियों से बातचीत करने पर पता चला है कि प्रोजेक्ट के तहत उगाई जाने वाली पूसा बासमती धान और चावल की देश और विदेश दोनों जगह ज्यादा मांग है। इसकी मुख्य वजह है इसकी उच्च गुणवत्ता। प्रोजेक्ट के तहत उगाई गई धान को सभी राइस मिलर और अन्य कंपनियां अच्छे दामों पर खरीदती हैं। इसका एक कारण यह भी है कि इस धान पर कुछ खास कीटनाशकों का छिड़काव नहीं किया जाता, जिससे इसकी गुणवत्ता और अधिक बढ़ जाती है। जिससे इसको अधिक दाम में खरीदा जाता है लेकिन इसको खरीदने से पहले लैब में टैस्ट करवाया जाता है फिर इसे खरीदते है

कैसे किसानो से खरीदते है धान
मिल के संचालक संजय रघुवंशी ने बताया है कि उनकी मिल में ज्यादातर प्रोजेक्ट माल ही खरीदा जा रहा है, नॉन-प्रोजेक्ट माल की मांग कम है। धान खरीदने से पहले मिल में धान का सैंपल लेकर उसकी गुणवत्ता की जांच करवाई जाती है। लेब से 24 घंटे में रिपोर्ट आने के बाद ही धान की खरीद की जाती है। किसानों का कहना है कि कृषि विभाग उन्हें धान में स्प्रे के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं देता जिसके कारण उन्हें 600 रुपये प्रति क्विंटल तक का नुकसान हो रहा है। वर्तमान में क्षेत्र में फार्च्यून, केआरबीएल, दावत जैसी कई कंपनियां धान की खरीद कर रही हैं, लेकिन प्रोजेक्ट माल के लिए ही बेहतर दाम मिल रहे हैं। और नॉन-प्रोजेक्ट माल है उसे 600 रुपये प्रति क्विंटल तक काम में खरीद रहे है जिससे किसान भी नाराज है वह आशा कर रहे थे की धान का भाव बढ़ेगा अगर धान का भाव बढ़ेगा तो भी उनका अपने धान का लैब टैस्ट कराना पड़ेगा और फिर उनका अच्छा भाव मिल सकता है बिना जांच के तो भाव कम ही मिलेगा

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।