बासमती के भाव को लेकर आयी बड़ी अपडेट | जानिए आगे कैसा रहेगा बाजार
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों हमने लगभग 1 हफ्ते पहले अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अगर इजरायल और हमास के बीच शांति स्थापित होती है तो या बासमती के बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। आपने देखा ही हुआ कि उसके बाद से बासमती धान का बाजार लगातार सुधार की ओर चल रहा है और बाजार में लगभग 100 से लेकर 150 रुपए तक की तेजी आ चुकी है। दोस्तों लेकिन समस्या यह है कि भाव में सुधार की गति बहुत ही धीमी है। मौजूदा उत्पादन और स्टॉक के आंकड़ों के हिसाब से जितना रेट इस समय बासमती चावल और धान का होना चाहिए उतना भाव नहीं बन पा रहा है। जैसे ही भाव थोड़े से उपर जाते हैं खरीदारी कमजोर पड़ने लगती है और भाव फिर से नीचे की तरफ जाने लगते हैं। यही कारण है कि बासमती के बाजार लगातार दबाव में चल रहे हैं। पिछले एक डेढ़ साल से कोई भी सकारात्मक खबर ना मिलने के कारण बासमती का व्यापारी डर गया है। इसराइल और हमास की सीज़फायर डील को लंबे समय बाद कोई सकारात्मक संकेत माना जा सकता है। इस दिल से बासमती की बाजार में कितना परिवर्तन होगा क्या दशा दशा रहेगी आज की रिपोर्ट में हम इसी पर चर्चा करेंगे। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
इजरायल-हमास सीजफायर डील
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों इसमें कोई दो राय नहीं है कि इजरायल और हमास के बीच 42-दिवसीय सीजफायर डील का असर न केवल मध्य पूर्व बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी पड़ेगा । इस डील में बंधकों की रिहाई और युद्धविराम की शर्तें शामिल हैं। अगर सारी चीज उम्मीद के अनुसार आगे बढ़ती है तो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक आदर्श स्थिति बन सकती है। हूती संगठन ने जिस हिसाब से समुद्री व्यापार को बाधित किया है वह किसी से छुपा रही है। समुद्र का भाड़ा, बीमा की बढ़ती लागत और रास्ते में लगने वाले अधिक समय ने बासमती की बाजार का बंटाधार कर दिया था । व्यापारियों और निर्यातकों को हर भाव में नुकसान झेलना पड़ा है । लेकिन सीजफायर के बाद बासमती निर्यात, और भुगतान संबंधी रिस्क कम हो जाएगा और एक बार फिर से निर्यात का सिलसिला तेजी पकड़ सकता है। इस डील से अन्य कमोडिटी के व्यापार और आर्थिक स्थिरता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
अमेरिका में सत्ता परिवर्तन का असर
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों जिन परिस्थितियों में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप शपथ ले रहे हैं वह बासमती के बाजार के लिए आदर्श परिस्थितियां हैं। अमेरिका, जो इजरायल का बड़ा सहयोगी है, इस डील को लेकर संतुलित रुख अपनाता है तो वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिरता का माहौल बनेगा। इससे भारत जैसे बासमती निर्यातकों को लाभ होगा।
अगर बिना किसी बाधा इसराइल और हमास की यह डील हो जाती है तो यह अमेरिका और मिडिल ईस्ट देशों के बीच एक अच्छे संबंध होने का मैसेज देगा। इसकी झलक अमेरिका की मिडिल ईस्ट देश को लेकर नीतियों में भी दिख सकती है ऐसा संभव है कि राष्ट्रपति ट्रंप जो की मिडिल ईस्ट कंट्रीज के लिए सख्त रूख अपनाते हैं वह इस डील के बाद नरम हो जाए। अगर ऐसा होता है तो ईरान जो कि बासमती का बहुत बड़ा आयातक देश है वह बिना किसी बाधा के बासमती का आयात कर सकेगा । यह भारत जैसे देश जो कि बासमती का सबसे बड़ा निर्यातक है के लिए आदर्श स्थिति है
बासमती बाजार और शांति का संबंध
बासमती धान और चावल का बाजार मुख्यतः मध्य पूर्व और अमेरिका जैसे बड़े आयातक देशों पर निर्भर करता है। मध्य पूर्व के देश, विशेष रूप से सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान, बासमती चावल के बड़े आयातक हैं। यदि इजरायल और हमास के बीच शांति स्थापित होती है, तो इससे क्षेत्र में स्थिरता बढ़ेगी और व्यापारिक गतिविधियां सुगम होंगी। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
डील के सकारात्मक प्रभाव एक नजर में
1. आयात-निर्यात में सुधार: शांति स्थापित होने से आयात-निर्यात के रास्ते खुलेंगे, जिससे बासमती की मांग बढ़ सकती है।
2. अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का खतरा कम: अमेरिका और यूरोपीय देशों का रुख यदि इस डील से सकारात्मक होता है, तो यह प्रतिबंधों की आशंका को कम करेगा, जो कि भारत के लिए बासमती के निर्यात को प्रोत्साहित करेगा।
3. मध्य पूर्व की स्थिरता: इस क्षेत्र में शांति होने से व्यापार मार्गों की सुरक्षा में वृद्धि होगी, जो बासमती के लॉजिस्टिक्स के लिए महत्वपूर्ण है।
4. इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम का असर बासमती चावल के साथ साथ बासमती धान के भाव पर भी दिखाई देगा । मध्य पूर्व में शांति से मांग में वृद्धि होगी, जिससे भाव में तेज़ी संभव है।
धान के बाजार पर कितना होगा असर
धान के बाजार की बात करें तो 1121 धान के भाव जो इस समय 4100 के आसपास चल रहे हैं वह 4500 तक जा सकते हैं। हालांकि 1121 में गोहाना मंडी में 4200 के स्तर को पार करने की जरूरत है। अगर यह स्तर पार होता है तो 4500 का रेट आने में ज्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए। 1718 धान का उत्पादन इस बार काफी बड़ी मात्रा में हुआ है इसलिए हो सकता है कि इस धान में इतनी बड़ी तेजी ना आए। इसके अलावा 1718 के चावल के सैंपल फेल होने के समाचार भी व्यापरियों से मिल रहे हैं। इसलिए 1718 धान को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फिर भी 1718 आइडियल कंडीशन में इस धान में 3600-3700 तक के रेट संभव है। साथियों 1509 चावल की डिमांड काफी बढ़ रही है और इसी अनुपात में इसका उत्पादन भी बढ़ रहा है इसलिए 1509 में यहां से आगे बहुत बड़ी तेजी की उम्मीद तो नहीं की जा रही है लेकिन यहां पर भी ₹200 ₹300 तक का उछाल संभव है। बात PB1 धान की करें तो यहां पर भाव काफी नीचे चले गए हैं और इसमें ₹500 तक के सुधार की गुंजाइश बनी हुई है। इसी तरह से 1401 और 1886 धन भी तेज हो सकता है 1401 में 3600 तक के भाव आसानी से मिल सकते हैं। साथियों अगर सारी चीज उम्मीद के अनुसार आगे चलती हैं तो आने वाले एक महीने में यह भाव दिखाई दे सकते हैं। हालांकि अगर परिस्थितियों में परिवर्तन होता है तो यह आंकड़ा बदल भी सकता है
नोट दी गई जानकारी अनुमानों के ऊपर आधारित है परिस्थितियां कभी भी बदल सकती हैं इसलिए व्यापार अपने विवेक से ही करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।