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बासमती चावल के भाव में लगा तेजी का तड़का | जाने धान के भाव पर इसका असर

बासमती चावल के भाव में लगा तेजी का तड़का | जाने धान के भाव पर इसका असर
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किसान साथियो लंबा समय बीत चुका है जब से धान के बाजार में कोई हलचल नहीं है। इस लंबे समय के दौरान धान 1121, 1718 और 1509 जैसी वैरायटी के भाव अपने टॉप भाव से लगभग 1000 रुपये तक टूटने के बाद एक सीमित रेंज में कारोबार कर रहे थे। लेकिन पिछले हफ्ते इस ट्रेंड में थोड़ा सुधार देखने को मिला है। बासमती चावल के भाव 200 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक उछले हैं। देखने वाली बात यह है कि क्या चावल के भाव में आया यह उछाल धान के भाव को भी उपर की तरफ़ लेकर जा सकता है या नहीं। इसे जानने के लिए यह जानना जरूरी है कि चावल में आयी इस तेजी की वज़ह क्या है और यह कितनी टिकाऊ है। आज की रिपोर्ट में हम यही जानने की कोशिश करेंगे। अगर आपने अभी तक अपना धान नहीं बेचा है तो ये रिपोर्ट आपको अंत तक पढ़नी चाहिए। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करे

400 रुपये तक उछले चावल के भाव
किसान साथियो जहां तक चावल के भाव की बात है 1121 सेला क्वालिटी में भाव जो कि 7900 तक फिसल गए थे वहाँ से उठकर फिर से 8150 के स्तर लौट आए हैं। इसी तरह से 1718 सेला जो कि 7000 की रेंज तक फिसल गया था अब यहां पर 7500 के भाव आ चुके हैं। 1509 में भी ऐसा ही रूझान दिखा है भाव 6300 से उठकर 6600 तक आ पहुंचे हैं। ताज चावल के भाव तो 400 रुपये तक उछल चुके हैं। बात PB1 और 1401 की करे तो यहां पर कोई बड़ी तेजी नहीं दिखाई दी है। यही वज़ह है कि PB1 धान के भाव लगातार अपने निचले स्तर पर बने हुए हैं। हाल फ़िलहाल सेला चावल के भाव तेज हुए हैं स्टीम में अभी तक बड़ी तेजी नहीं दिखी है।

क्या है तेजी की वज़ह
साथियो पिछले दिनों अपने यह खबर सुनी होगी कि इस साल भारत ने बासमती निर्यात के मामले में 2023 से ज्यादा निर्यात किया है। दोस्तों साल 2024 में निर्यात को लेकर बहुत सारी दिक्कतें आई हैं। इनमें रूस यूक्रेन का युद्ध, इसराइल हमास का युद्ध, हूती संगठन के जहाज पर हमले, ईरान और इजराइल में तनातनी जैसी बहुत सारी ऐसी घटनाएं थीं जिन्होंने बासमती की बाजार को प्रभावित किया है। अब ये हालात सामान्य होने लगे हैं। बासमती उपभोक्ता देशों के पास बड़ा स्टॉक नहीं है। इसलिए इतनी सारी दिक्कतें होने के बावजूद भारत का निर्यात बढ़ा है। यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय बासमती की अच्छी खासी डिमांड है। ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत इस समय तक 52 लाख टन बासमती का निर्यात कर चुका है। इस निर्यात में सऊदी अरब और ईरान का बड़ा हाथ है। दोस्तों आपको याद होगा कि सीजन के समय बासमती धान के भाव बहुत ऊंचे चले गए थे। स्टॉकिस्ट और मिलर के पास ऊंचे भाव के धान फंस गए थे। पड़ते ना लगने के कारण मिलों ने चावल का उत्पादन कम कर दिया था जिसके बाद मार्केट में माल की कमी होने लगी है। बासमती का नुकसान वाला ज्यादातर माल कट चुका है और फिर से बासमती की डिमांड निकलने लगी है। यह डिमांड काफी मजबूत लग रही है। बड़े मिलर्स भाव को घटाकर बिकवाली नहीं कर रहे हैं। इसलिए बाजार तेज हो गया है। 5900 रुपये में अपनी सरसों को बेचने के लिए लिंक पर क्लिक करे

धान के भाव बढ़े
दोस्तों चावल के भाव में तेजी आने के बाद धान के भाव भी ऊपर की तरफ जाने लगे हैं। 1121 और 17 18 धान जिसे 15 दिन पहले कोई खरीदने को तैयार नहीं था। अब नरेला और नजफगढ़ मंडी से अच्छी खरीद की खबरें मिल रही है। नरेला मंडी में 1121 धान के भाव 4500 के आसपास बताई जा रहे हैं जबकि 1718 में यह रेंज 4162 रुपए तक पहुंच चुकी है। तक धान के भाव 2400 रुपये तक फिसलने के बाद फिर से 2700 की रेंज में आ गए हैं। बात नजफगढ़ मंडी की करें तो यहां पर 1121 धान 4521 और 1718 धान 4225 तक बिक रहा है। बात बूंदी मंडी की करें तो यहां पर 1718 में 4050 के आसपास की रेंज बनती दिख रही है। सुगंधा के भाव 3000 के नजदीक जाने वाले हैं। बात PB1 की करें तो यहां पर कोई बढ़त दिखाई नहीं दे रही। मध्य प्रदेश की मंडियों में PB1 धान 2500 से 3300 रुपये तक बिक रहा है। एमपी में PB1 धान का बड़े पैमाने पर उत्पादन हुआ है। किसानो ने अभी तक काफी मात्रा में माल होल्ड किया हुआ है। आवक लगातार बनी हुई है जिसके कारण भाव नहीं बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में यदि 1121 और 1718 जैसी किस्मों के भाव बढ़ते हैं तो निश्चित रूप से PB1 में भी तेजी आएगी।

साठी धान का कितना असर
किसान साथियों पिछले कई दिनों से माहौल बनाया जा रहा था कि साठी धान बड़ी मात्रा में लगाया गया है और जून महीने में बड़ी मात्रा में धान आना शुरू हो जाएगा। व्यापारियों की मन में दहशत बन गई थी कि साठी धान आने के बाद धान के भाव एकदम से धड़ाम हो जाएंगे। हालांकि अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं देखने को मिला है। अपितु 1121 और 1718 के भाव ऊपर चढ़ गए हैं। दोस्तों हमारा मानना है कि भले ही साठी धान 1509, 1847 और 1692 जैसी किस्म के भाव कमजोर कर दे लेकिन 1121 और 17 18 जैसी वैरायटी के भाव इससे प्रभावित होंगे ऐसी उम्मीद कम है।

बासमती के बुवाई रकबे का होगा असर
किसान साथियों आने वाले समय में धान के भाव किस तरफ जाएंगे यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि इस साल बासमती धान की बुवाई का रकबा कितना बढ़ा है। गौरतलब है कि नई और उन्नत वैरायटी के बीज़ आने से प्रति एकड़ धान की उपज भी बढ़ी है। यह भी बासमती धान की ओवरऑल उत्पादन को बढ़ाएगा। अच्छी बात यह है कि भारत का निर्यात लगातार बढ़ रहा है और व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बढ़े हुए उत्पादन के ग्राहक आसानी से मिल जाएंगे। अगर ऐसा होता है तो पिछले सीजन जैसे भाव फिर से मिल सकते हैं अन्यथा साल 2024 में धान का भाव पिछले सीजन से कम से कम 400 रुपये तक कम रह सकता है। 5900 रुपये में अपनी सरसों को बेचने के लिए लिंक पर क्लिक करे

धान को रोके या बेचे
किसान साथियों अगर आपने अभी तक बासमती धान को बेचा नहीं है तो यह है वह समय है जब आपको अपने माल को ट्रॉली में भरकर खड़ा कर लेना चाहिए। बड़े लंबे समय के बाद बासमती के बाजार में हल्की-फुल्की तेजी लौटी है। यह तेजी कितनी टिकाऊ है यह कोई नहीं जानता लेकिन यह तो निश्चित है कि पिछले साल जैसे भाव मिलना बहुत मुश्किल है। जानकार बाजार मे  300-400 की तेजी बता रहे हैं लेकिन इनका भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए अगर आपको 100-200 का उछाल मिलता है तो आपको अपना माल निकाल देना चाहिए। आप अपने माल को तब तक ही होल्ड करें जब तक बाजार में बासमती का भाव बढ़ रहा है। जैसे ही है स्थिर होता है या फिर इसमें कमजोरी आती है इस समय पर आपको अपने माल को निकाल देना चाहिए। किसान साथियों हमने बासमती के बाजार का विश्लेषण कर लिया है और आपके सामने सभी प्रकार के तथ्य रख दिए हैं। इन तत्वों के आधार पर आप धान को बेचने का निर्णय ले सकते हैं। दोस्तों व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।