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19% से ज्यादा बढ़ा बासमती का निर्यात | फिर भी नहीं मिल रहे किसानों का बढिया रेट

19% से ज्यादा बढ़ा बासमती का निर्यात | फिर भी नहीं मिल रहे किसानों का बढिया रेट
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किसान साथियो वित्त वर्ष 2023-24 के शुरुआती चार महीनों में भारत से बासमती चावल का निर्यात उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के बावजूद, भारत ने अप्रैल से जुलाई के दौरान 1.9 मिलियन मीट्रिक टन बासमती चावल का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 20% अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में देश ने कुल 5.2 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया था, जो एक रिकॉर्ड था। कनाडा, इराक, ओमान, सऊदी अरब और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों ने भारतीय बासमती चावल की मांग में वृद्धि की है, जिससे ईरान द्वारा कम खरीद के प्रभाव को कम किया गया है। भारत में बासमती चावल का घरेलू उपभोग बहुत कम है और सरकार इस किस्म को राज्य के भंडार में नहीं रखती है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष अनुकूल मानसून के कारण भारत में बासमती चावल का उत्पादन 10-12% बढ़ सकता है, जिससे निर्यात को और बढ़ावा मिल सकता है। यह वृद्धि भारत के कृषि निर्यात को बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार करने में मददगार साबित होगी। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

गैर-बासमती चावल के निर्यात में आई भारी गिरावट
चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से जुलाई तक गैर-बासमती चावल के निर्यात में भारी गिरावट देखी गई है। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस वर्ष गैर-बासमती चावल का निर्यात 37.64% कम होकर सिर्फ 33.41 लाख टन रह गया है। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 53.58 लाख टन था। हालांकि, बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि हुई है। मूल्य के हिसाब से, चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में बासमती चावल का निर्यात 16,997.77 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि गैर-बासमती चावल का निर्यात 13,370.58 करोड़ रुपये का रहा है। सरकार ने हाल ही में बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को समाप्त किया है, जिसके कारण बासमती चावल का निर्यात बढ़ा है। लेकिन गैर-बासमती चावल के निर्यात में गिरावट की मुख्य वजह उत्पादक मंडियों में पूसा 1,509 किस्म के धान की अधिक आवक है। इस अधिक आवक के कारण कीमतों में गिरावट आई है। चालू महीने में ही इस किस्म के धान की कीमत में 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की कमी आई है।

धान की मंडियों में क्या मल रहे है भाव 
मंगलवार को देश की प्रमुख धान मंडियों में भावों में उतार-चढ़ाव देखा गया। हरियाणा की पानीपत मंडी में धान की आवक 7,000 बोरियों के आसपास रही और इसकी कीमत 2,500 से 2,731 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रही। इसी तरह, करनाल मंडी में पूसा 1,509 किस्म के धान की आवक बढ़कर 22,000 बोरियों हो गई, लेकिन इसकी कीमतें कमजोर पड़कर 2,200 से 2,670 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं। उत्तर प्रदेश की हापुड़ मंडी में भी पूसा 1,509 किस्म के धान की कीमतें 2,300 से 2,751 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहीं। पंजाब की संगरूर मंडी में 1,509 किस्म के धान की आवक 8,000 बोरियों की हुई और इसकी कीमतें 2,550 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहीं। दिल्ली के नया बाजार में पूसा 1,509 किस्म के नए सेला चावल का भाव 5,300 से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल और नए स्टीम चावल का भाव 5,800 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। हाल ही में इनकी कीमतों में भी थोड़ी मंदी देखी गई है। कुल मिलाकर, धान की कीमतों में स्थानीय स्तर पर मांग और आपूर्ति के आधार पर उतार-चढ़ाव जारी है। किसानों को अपनी फसल बेचने से पहले स्थानीय मंडियों में भावों के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे 

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।