चना बाजार की तेजी मंदी रिपोर्ट | 23 जून 2025
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों बीते सप्ताह चना बाजार में हलचल भरा माहौल देखने को मिला, जहां एक तरफ कुछ मंडियों में भावों में गिरावट आई, वहीं दूसरी ओर देश के कई प्रमुख केंद्रों पर कीमतों में मजबूती बनी रही। शुरुआती दिनों में मुनाफावसूली के दबाव के चलते दिल्ली जैसे बड़े बाजारों में चना करीब ₹50 प्रति क्विंटल सस्ता हुआ, हालांकि शुक्रवार को हल्की तेजी लौटी, लेकिन दाल मिलों की कमजोर खरीदारी ने उस तेजी को टिकने नहीं दिया और शनिवार में दिल्ली लारेंस रोड पर चने के भाव में ₹50 की कमजोरी देखने को मिली लेकिन इसे अस्थाई कमजोरी बताया जा रहा है।बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अभी चना में सीमित तेजी-मंदी का दौर चल रहा है, क्योंकि स्टॉकिस्टों के पास पर्याप्त माल मौजूद है लेकिन वे कम दाम पर बिकवाली को तैयार नहीं हैं।
सिर्फ 600 रुपये में 6 महीने तक Whatsapp पर भाव पाने के लिए 9729757540 पर मैसेज करें
दूसरी तरफ, किसानों का ध्यान अब खरीफ बुवाई पर है और उन्होंने भी चने की आवक सीमित कर रखी है, जिससे आपूर्ति पर दबाव बना हुआ है। सरकारी खरीद सीमित मात्रा में हो रही है और केंद्रीय पूल में स्टॉक भी कम है, जबकि सरकार ने एमएसपी पर खरीद की समयसीमा अब मध्य जुलाई तक बढ़ा दी है। इंदौर, रायपुर, जयपुर और अकोला जैसी मंडियों में चने के भाव में ₹125–₹175 प्रति क्विंटल तक की तेजी दर्ज की गई, वहीं दिल्ली में राजस्थान ओरिजिन चना ₹5750–₹5775 पर कारोबार करता दिखा, जिसमें ₹25 की बढ़त रही। इंपोर्टेड चना जैसे ऑस्ट्रेलियन और तंजानिया चना में भी ₹150 तक की तेजी रही, हालांकि वर्ष दर वर्ष तुलना में इनके भाव अब भी दबाव में हैं।
सिर्फ 600 रुपये में 6 महीने तक Whatsapp पर भाव पाने के लिए 9729757540 पर मैसेज करें
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑस्ट्रेलिया में इस वर्ष चना उत्पादन 1.88 मिलियन टन अनुमानित है, जो पिछले साल की तुलना में कम है, हालांकि बुवाई की स्थिति उत्तरी न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड में सामान्य है, कुछ जगहों पर बारिश के कारण देरी जरूर हुई है। देश में चना दाल और बेसन के भाव अब भी स्थिर हैं लेकिन मांग बढ़ने की संभावनाएं बनी हुई हैं, खासकर आने वाले त्योहारी मौसम और मानसून के महीनों को देखते हुए। वर्तमान में बाजार संतुलन की स्थिति में है, जहां मांग स्थिर लेकिन स्टॉकिस्ट खरीद रोककर बैठे हैं, जिससे नए सौदे कम हो रहे हैं। विश्लेषकों की नजर अब इस बात पर है कि दाल मिलें किस गति से दोबारा खरीद शुरू करती हैं और सरकार की खरीद नीति किस तरह आगे बढ़ती है। यदि पीली मटर के शुल्कमुक्त आयात की प्रक्रिया धीमी रही तो चने में मजबूती बनी रह सकती है। कुल मिलाकर, चना बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है, लेकिन मौजूदा स्टॉक और संभावित मांग के चलते निकट भविष्य में कीमतों में सुधार की उम्मीदें जगी हैं। व्यापार अपने विवेक और संयम से करें।
👉व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े
👉 चावल के रियल टाइम में भाव और चावल व्यापार के लिए एप डाउनलोड करें
👉 सिर्फ सर्विस लेने वाले ही *WhatsApp करें – 9729757540*
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।