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साथियों, हाल ही में एक बड़ा और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सामने आया है, जिसका नाम है 'नया नोएडा'। इस प्रोजेक्ट के तहत दादरी और बुलंदशहर के 87 गांवों की ज़मीन पर एक नया, समृद्ध और पूरी तरह से विकसित शहर बसाया जाएगा। इस शहर का मुख्य उद्देश्य नोएडा, गाजियाबाद और दादरी क्षेत्र की औद्योगिक और आवासीय जरूरतों को पूरा करना है। इसमें खास बात यह है कि यह शहर केवल एक आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र के रूप में नहीं, बल्कि एक स्मार्ट और आधुनिक नगरी के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जिसमें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, इस प्रोजेक्ट को डीएनजीआइआर यानी दादरी-नोएडा-गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र के रूप में पहचाना जाएगा। आपको बता दें कि यह शहर एक स्मार्ट सिटी की तर्ज पर बनेगा, जिसमें उद्योग, व्यापार, आवासीय इलाके और शहरी सुविधाएं एक साथ होंगी। भारत सरकार और राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट के जरिए इन क्षेत्रों की ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस योजना में ना सिर्फ़ औद्योगिक विकास होगा, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं को भी ध्यान में रखा जाएगा। नया नोएडा की योजना में कुछ ऐसी बातें हैं जो इसे बाकी शहरों से अलग बनाती हैं, जैसे इसका जल प्रबंधन, औद्योगिक विकास, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक आवासीय सुविधाएं। आइए जानते हैं उन बातों के बारे में विस्तार से इस रिपोर्ट के माध्यम से।
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300 MLD से जलापूर्ति
साथियों, इस नए शहर को बचाने में कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है, जैसे की पानी की आपूर्ति। नया नोएडा के विकास के लिए पानी की आपूर्ति एक बहुत महत्वपूर्ण बिंदु है। क्योंकि शहर में करीब छह लाख लोग रहने वाले हैं, जिनमें से लगभग तीन लाख लोग प्रवासी होंगे। इन सभी लोगों के लिए पानी की आपूर्ति का एक ठोस और सटीक उपाय किया गया है। यह पानी गंगाजल और भूमिगत जल के मिश्रण से लिया जाएगा। कुल मिलाकर 300 मिलियन लीटर डेली (MLD) पानी की आवश्यकता होगी, जिसमें से 212 MLD पानी औद्योगिक इस्तेमाल के लिए होगा, और शेष 85 MLD पानी घरेलू या स्थानीय उपयोग के लिए सप्लाई किया जाएगा। यह पानी इतना ज्यादा होने की वजह से ना केवल शहर की बढ़ती जनसंख्या की प्यास बुझाने का काम करेगा, बल्कि यह औद्योगिक इकाइयों को भी सही मात्रा में जल आपूर्ति करेगा। इसके अलावा, इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के जरिए पानी को शुद्ध किया जाए ताकि प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके और पर्यावरण पर कोई नकारात्मक असर न पड़े। इस जल आपूर्ति के लिए नलकूपों और जलाशयों की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि कोई भी जल संकट न हो। प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अबू धाबी जैसे देशों की तर्ज पर यह योजना तैयार की गई है, जहां जल आपूर्ति के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है।
औद्योगिक और आवासीय विकास
साथियों, नया नोएडा के औद्योगिक विकास पर काफी ध्यान दिया गया है। पहले चरण में लगभग तीन हजार औद्योगिक इकाइयाँ संचालित की जाएंगी। इन इकाइयों से न केवल स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि शहर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। इसके लिए लगभग 8811 हेक्टेयर क्षेत्र को औद्योगिक उपयोग के लिए रखा गया है, जिसमें भारी और हल्की उद्योगों का मिश्रण होगा। इस क्षेत्र में विभिन्न सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) के अलावा बड़े औद्योगिक समूह भी अपनी यूनिट्स स्थापित करेंगे। इसके अलावा, यहां से निकलने वाले प्रदूषित पानी का उचित उपचार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) द्वारा किया जाएगा, ताकि पर्यावरणीय प्रभावों को कम किया जा सके। साथ ही, इस शहर में इको-फ्रेंडली प्रणालियाँ भी लागू की जाएंगी ताकि प्रदूषण कम हो और ग्रीन स्पेस बढ़े। वहीं, दूसरी ओर आवासीय क्षेत्र में भी सभी सुविधाओं का सही प्रकार से निरीक्षण और परीक्षण करके आवासीय क्षेत्र को बसाया जाएगा जिसके लिए 2,477 हेक्टेयर जमीन आवासीय परियोजनाओं के लिए आरक्षित की जाएगी। जहां पर विभिन्न श्रेणियों के मकान बनाए जाएंगे, जैसे ईडब्ल्यूएस (EWS), एलआइजी (LIG), एमआइजी (MIG) और एचआइजी (HIG) फ्लैट्स। इसके अलावा, आवासीय क्षेत्रों में हर आय वर्ग के लिए फ्लैट्स उपलब्ध होंगे। साथ ही, यहां कॉमर्शियल और हॉस्पिटल जैसी अन्य सुविधाओं की भी पर्याप्त व्यवस्था होगी।
मास्टर प्लान 2041
दोस्तों, इस शहर के निर्माण के लिए 2041 मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसमें पूरे शहर की संरचना और विकास की योजना दी गई है। इस प्लान में यह स्पष्ट किया गया है कि किस प्रकार बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सड़कों और इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जाएगा। इसमें 21,000 हेक्टेयर क्षेत्र का विकास होगा, जिसमें से 8811 हेक्टेयर का इस्तेमाल औद्योगिक कार्यों के लिए होगा। इसके अलावा, 3,173 हेक्टेयर में ग्रीन पार्क्स और ओपन एरिया बनाए जाएंगे, ताकि पर्यावरण को बनाए रखा जा सके और शहर में रहने वाले लोग अच्छा जीवन जी सकें। यह मास्टर प्लान शहर के सभी विकास कार्यों को व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें जल आपूर्ति, सीवरेज सिस्टम, ट्रैफिक और परिवहन, और ऊर्जा के प्रबंध को प्राथमिकता दी गई है।
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स्मार्ट हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर
साथियों, इस योजना के अंतर्गत रहने के लिए अलग-अलग कैटेगरी और टाइप्स के मकान बनाए जाएंगे, ताकि विभिन्न आय वर्ग के लोग इसमें रह सकें। इस शहर में ईडब्ल्यूएस, एलआइजी, एमआइजी, और एचआइजी के तहत फ्लैट्स बनाए जाएंगे, जो 18 हेक्टेयर से लेकर 40 हेक्टेयर तक के इलाके में होंगे। साथ ही, इस शहर में रेक्रिएशन, स्पोर्ट्स फैसिलिटी, और सामाजिक स्थानों की भी व्यवस्था होगी। इसका मतलब यह है कि समग्र रूप से, नया नोएडा एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होगा, जहां पर ऑटोमेटेड सिस्टम, स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल, सोलर एनर्जी, और ग्रीन स्पेस जैसी सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा, सरकार का कहना है कि नया नोएडा का यह परियोजना एक विश्वस्तरीय शहर बनेगा, जो ना केवल उत्तर प्रदेश के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।