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सरसों की गिरावट पर लगेगा ब्रेक? जानिए क्या है इसकी वज़ह | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट

सरसों की गिरावट पर लगेगा ब्रेक? जानिए क्या है इसकी वज़ह | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट
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किसान साथियों पिछले दो दिनों से सरसों के बाजार में गिरावट बनी हुई है जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव जो की पिछले हफ्ते 6175 तक पहुंच गए थे आज वह गिरकर 6025 की रेंज में आ गए हैं इससे भी बुरा हाल भरतपुर मंडी का हुआ है जहां पर सरसों के भाव 5800 से फिसल कर 5651 पर आ गए। मंडी भाव टुडे पर हमने पहले ही बता दिया था कि सरसों का बाजार विदेशी बाजारों की तेजी को फॉलो नहीं कर रहा है और यह इंडिकेशन था कि जैसे ही विदेशों में कमजोरी आएगी भारत में बाजार टूटेंगे। ठीक ऐसा ही देखने को मिला भी है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि सरसों में आई है कमजोरी बाजार को कितना नीचे खींचेगी। या फिर बाजार फिर से उबर जाएगा। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के बाजार को प्रभावित करने वाले तत्वों का बारीकी से विश्लेषण करेंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे की बाजार यहां से किस तरफ चलेगा। अगर आप सरसों के किसान हैं या सरसों के व्यापारी है तो आपको यह रिपोर्ट अंत तक पढ़नी चाहिए।

क्या रही गिरावट की वजह
किसान साथियों सबसे पहले तिलहन के बाजार में आयी इस गिरावट की वजह का पता लगाना आवश्यक है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मई महीने में सरसों और अन्य तिलहन फसलों के भाव में आई तेजी को देखते हुए सरकार ने जून महीने में खाद्य तेलों का आयात बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। इकोनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जून महीने में पाम तेल का आयात 3% बढ़कर 6 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह से सूरजमुखी तेल के आयात में 14% की वृद्धि देखने को मिली है। जून महीने में भारत ने 7 लाख 88 हजार टन पाम तेल और 4 लाख 67 हजार टन सूरजमुखी तेल का आयात किया है। उम्मीद है कि जुलाई महीने में सरकार इसे और बढ़ा सकती है। सरकार द्वारा किए जा रहे भारी आयात के चलते भारत में सस्ते विदेशी तेलों का स्टॉक बढ़ गया है। क्योंकि सरसों तेल इन सस्ते आयातित तेलों से महंगा है इसलिए डिमांड सस्ते विदेशी तेलों की तरफ मुड़ रही है इसे देखते हुए सरसों तेल के खरीदार कम मिल रहे हैं।  गिरावट की दूसरी बड़ी वज़ह विदेशी बाजारों में गिरावट है। विदेशी बाजारों में सोया तेल और पाम तेल पिछले एक हफ्ते में काफी सस्ते हो गए हैं यही कारण है कि भारत में भी सरसों के बाजार पर इसका दबाव बना है।

ताजा मार्केट अपडेट
मंगलवार को हुई भारी गिरावट के बाद बुधवार को सरसों के बाजार में मामूली गिरावट देखने को मिली है। जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव ₹50 कमजोर होकर 6025 के स्तर पर आ गए। भरतपुर में बाजार 5651 का रहा। दिल्ली लारेंस रोड पर सरसों के रेट 5900 के रहे और चरखी दादरी में भाव 5850 का देखने को मिला है। रेवाड़ी मंडी में सरसों का भाव 5750, भिवानी में 5700, अलवर में 5750, खैरथल में 5725, सुमेरपुर में 5500, कोटा में 5500, खेरली में 5700, मुरैना में 5550 और ग्वालियर में 5700 के भाव कंडीशन सरसों में देखने को मिले हैं। बुधवार को बाजार में 3 लाख 25 हजार बोरी सरसों की आवक देखने को मिली।

प्लांटों पर क्या रहे भाव
बाजार को कमजोर देखकर ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों के भाव में कमजोरी की। सलोनी प्लांट में सरसों के भाव ₹50 घटाकर 6425 प्रति क्विंटल कर दिए। अन्य प्लांट की बात करें तो आगरा में शारदा प्लांट पर सरसों का भाव ₹50 कमजोर होकर 6350, बीपी आगरा में 6350, अदानी बूंदी प्लांट पर 6075 मंदी 50 की, अदानी अलवर प्लांट पर 6075 मंदी 50 की और गोयल कोटा पर भी भाव 5850 के रहे और यहां पर ₹50 की मंदी देखने को मिली।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों में बुधवार को कमजोरी देखने को मिली। च दादरी मंडी में सरसों के भाव 100 रुपये तक टूट गए। मुख्य मंडियों के भाव की बात करें तो राजस्थान की बीकानेर मंडी में सरसों का रेट 5431, श्री विजयनगर मंडी में 5502, गोलूवाला में 5795, पीलीबंगा में 5500, घड़साना में 5604, गंगानगर में 5683, अनूपगढ़ में 5566, सूरतगढ़ में 5500, संगरिया में 550, 2 जैतसर में 5423, रावला में 5460 और नोहर मंडी में 5650 का भाव सरसों में देखने को मिला। हरियाणा की ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 5649, आदमपुर में 5550, सिवानी में 5600 और सिरसा मंडी में 5701 के भाव सरसों में देखने को मिले हैं।

विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजार में बुधवार को भी खाद्वय तेलों की कीमतों में गिरावट जारी रही। मलेशियाई पाम तेल वायदा की कीमतें कमजोर हुई साथ ही इस दौरान शिकागो में सोया तेल की कीमतों में भी गिरावट आई। बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, BMD पर सितंबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 45 रिंगिट यानी की 1.05 % की गिरावट आकर भाव 3,914 रिंगिट प्रति टन पर आ गए। सुबह के सत्र में इसके दाम 2 % से ज्यादा कमजोर हो गए थे। लेकिन शाम को बाजार ने पाम तेल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद रिकवरी की। यूएस के शिकागो में CBOT पर सोया तेल वायदा में 0.22 % की गिरावट आई, जबकि चीन के सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा में बुधवार को 3 % की गिरावट आई।

मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) की रिपोर्ट
मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) के आंकड़ों से पता चला है कि जून के अंत में पाम तेल का स्टॉक पिछले महीने की तुलना में 4.35 % बढ़कर 1.83 मिलियन टन हो गया। साथ ही, जून में क्रूड पाम तेल के उत्पादन में मई की तुलना में 5.23 % की गिरावट आकर कुल उत्पादन 1.62 मिलियन टन का हुआ। हालांकि इस दौरान पाम तेल का निर्यात घटा है और यह 12.82 % घटकर 1.21 मिलियन टन का रह गया है। पाम आयल बोर्ड की रिपोर्ट को ज्यादा सकारात्मक नहीं कहा जा सकता।

तेल और खल के भाव
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में बुधवार को भी गिरावट दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव जो कि पिछले दिनों 1181 तक पहुंच गए थे बुधवार को और 10 रुपये कमजोर होकर दाम 1,155 रुपये प्रति 10 किलो रह गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी इस दौरान 10 रुपये कमजोर होकर 1,145 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। जयपुर में बुधवार को सरसों खल के भाव 20 रुपये घटकर 2,630 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

सरसों की आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक 3.25 लाख बोरियों पर स्थिर रही। आवक का ना बढ़ना सरसों के भाव के लिए अच्छा माना जा सकता है। कुल आवकों में से राजस्थान की मंडियों में सरसों की आवक 1.75 लाख बोरी,  मध्य प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, पंजाब और हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 50 हजार बोरियों की आवक हुई।

आज कैसा रहेगा सरसों का बाजार
किसान साथियों ऊपर रिपोर्ट में अपने गिरावट की वजह, विदेशी बाजारों की अपडेट, हाजिर मंडियों के भाव, तेल और खल के भाव और आवक का डाटा देख लिया है। सारा माहौल देखने के बाद कहा जा सकता है कि आज बाजार में गिरावट रुक जानी चाहिए। व्यापारियों का मानना है कि आज मलेशिया में पाम तेल का बाजार सुधरेगा। और इस सुधार के बाद भारतीय बाजार में भी सरसों के भाव के सुधरने की पूरी उम्मीद है। सरसों के बाजार के फंडामेंटल अभी भी कमजोर नहीं है। यह जो दबाव आया है यह केवल अन्य तेलों के सस्ते होने के कारण आया है। सरसों तेल के बहुत ज्यादा सस्ते होने की उम्मीद कम है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है कि अगर सरसों और सरसों तेल के भाव इससे नीचे जाते हैं तो मिलिंग पड़ते लगने बंद हो जाएंगे। सरसों की आवक बढ़ नहीं रही है और जिस तरह से आवक हो रही है उसे देखते हुए भाव के सुधरने की उम्मीद बनी रहेगी। किसान साथियों से निवेदन है कि वह जयपुर में 6000 के भाव को मॉनिटर करते रहे अगर भाव इसके नीचे जाते हैं तो फिर सरसों में और कमजोरी बन सकती है अगर जयपुर का बाजार इस भाव को होल्ड कर जाता है तो यहां से फिर से बाजार के ऊपर उठने की प्रबल संभावना बनी रहेगी। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।