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यहाँ से आगे किस दिशा में जाएगा गेहूं का बाजार | गेहूं के किसान और व्यापारी यह रिपोर्ट जरूर देख लें

यहाँ से आगे किस दिशा में जाएगा गेहूं का बाजार | गेहूं के किसान और व्यापारी यह रिपोर्ट जरूर देख लें
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किसान साथयो गेहूं का बजार फिर से 2800 के स्तर को छू कर ऊपर की तरफ चल पड़ा है । पिछले सीजन के खत्म होते ही गेहूं के भाव में बढ़ोतरी शुरू हो गयी थी और अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ की लंबे समय तक गेहूं का बजार कमजोर रहा हो। इन महीनो में गेहूं के दाम लगातार बढ़ें हैं। आमतौर पर मार्च 15 के बाद गेहु के भाव में कमजोरी शुरू हो जाती है । लेकिन जिस तरह से गेहूं के बाजार में गिरावट पर ब्रेक लगा है उसे देखकर व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों की चिंता बढ़ गई है। इस समय गेहूं के बजार में चल रही मजबूती की वजह प्रमुख गेहूं निर्यातक देशों में खराब मौसम बताया जा रहा है। गेहूं की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे | बाजार के जानकार मान रहे हैं की अगर दुनिया भर में मौसम जल्दी ही सही नहीं हुआ तो वैश्विक सप्लाई प्रभावित हो सकती है। सप्लाई को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के कारण कीमतों में तेजी देखी जा रही है। दिल्ली मंडी में पिछले 2 दिनों में 40 रूपये की तेजी देखने को मिली आज मंडी में नया गेहूं का भाव 2840 का खुला है 

विदेशों में क्यों बढ़ रहा है गेहूं का भाव ?
विश्व स्तर पर कई महीनो से गेहूं की कीमते स्थिर चल रही थी । लेकिन हाल फिलहाल गेहूं की कीमतों में आई तेजी का सबसे बड़ा कारण अमेरिका और कनाडा में बर्फबारी और सूखा है। अमेरिका के कुछ हिस्सों में भीषण ठंड और भारी बर्फबारी के चलते फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। दूसरी तरफ, कनाडा में सूखे की स्थिति ने गेहूं के उत्पादन को घटा दिया है। यूरोप में भी मौसम गेहूं की फसल के लिए चुनौती बन गया है। फ्रांस और जर्मनी जैसे बड़े गेहूं उत्पादक देशों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे पैदावार प्रभावित हो रही है। ऑस्ट्रेलिया में हालात कुछ अलग हैं, वहां तेज गर्मी और सूखा गेहूं की उत्पादन क्षमता पर असर डाल रहा है। इसकी वजह से वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हो सकती है और गेहूं की कीमतों में उछाल आ सकता है।  चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

रूस और यूक्रेन संकट का असर
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई प्रभावित हो रही है। रूस के निर्यात पर नए प्रतिबंध लगने की आशंका से बाजार में अस्थिरता और बढ़ गई है, जिससे कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

मौसम बदल सकता है गेहूं की दिशा
खराब मौसम और आपूर्ति संकट के कारण गेहूं की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है, लेकिन उत्पादन में गिरावट के चलते सप्लाई पर असर पड़ा है। बड़े उत्पादक देशों में गेहूं का उत्पादन घटने से निर्यात में कमी आ सकती है। इससे वैश्विक बाजार में गेहूं की उपलब्धता प्रभावित होगी, जिससे कीमतें और बढ़ सकती हैं। गेहूं महंगा होने का सीधा असर आम जनता की रसोई पर पड़ेगा। रोटी, ब्रेड और अन्य खाद्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे खाद्य महंगाई बढ़ने की आशंका है।

विशेषज्ञो का क्या कहना है
विशेषज्ञो का कहना है कि कमोडिटी बाजार में निवेश करने वालों खास तौर पर गेहूं के व्यापार से जुड़े लोगो के लिए के लिए गेहूं खरीदने का सही समय आने वाला है । अगर गेहूं को कम रेट में खरीदना है तो अभी 1 दो हफ्ते का इंतजार और करने की जरूरत है । निवेशक थोड़ा सा और इंतजार करके इस मौके का फायदा उठा सकते हैं। साथियो चालू सीजन अन्य सीजन के मुक़ाबले या सीजन थोड़ा अलग है। पिछले साल हुई गेहूं की कमी को इस साल होने वाली सप्लाई पूरा कर पाएगी या नहीं ये देखने की जरूरत है । गेहूं के उत्पादन को लेकर सरकार और एक्स्पर्ट्स की राय अलग अलग है । इसलिए बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर रखना जरूरी होगा। किसानों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण समय है। बेहतर कीमत पाने के लिए उन्हें मौसम की स्थिति और सरकारी नीतियों पर पैनी नजर रखनी होगी, ताकि सही समय पर अपनी फसल बेचकर अधिक लाभ कमा सकें। उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहने की जरूरत है। गेहूं की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे | गेहूं महंगा होने से रोटी, ब्रेड और अन्य खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं। लेकिन बढ़िया उत्पादकता बाजार में गेहूं की सप्लाई बढ़ा सकती है । ऐसे में स्मार्ट खरीदारी करके अतिरिक्त खर्च से बचा जा सकता है। कुल मिलाकर, खराब मौसम और वैश्विक संकट के कारण गेहूं की कीमतों में और उछाल आ सकता है। लेकिन सही दिशा दशा जानने के लिए  निवेशकों, किसानों और आम उपभोक्ताओं को थोड़ा सा इंतजार और करने की जरूरत है। सभी पक्षों को बाजार की मूवमेंट पर कड़ी नजर रखनी होगी ताकि इस स्थिति से सही तरीके से निपटा जा सकें। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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