सरसों को रोकना है या बेचना | बाजार में क्या है माहौल | देखें सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट
सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट: किसान साथियो सोशल मीडिया और यूट्यूब पर इन दिनों सरसों को लेकर काफी झूठ फैलाया जा रहा है। लोग व्यूज पाने के चक्कर में किसानो का नुकसान करवा देते हैं। अखबारों की pdf को एडिट करके उसकी हेडलाइंस को बदल कर झूठ लिखा जा रहा है। ऐसे में मंडी भाव टुडे ने बीड़ा उठाया है आपको सही समय पर सही जानकारी दी जाएगी। हम अपने पोर्टल पर पिछले कई सालों से आपको सटीक जानकारी दे रहे हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि सटीक जानकारी का आपको फायदा मिला होगा। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के बाजार की तेजी मंदी की चर्चा करेंगे। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
साथियो इन दिनों अमेरिकी बैंकों के डूबने की खबरों को लेकर विदेशी बाजारों में मंदी का माहौल बना हुआ है। मलेशिया में जहां पाम तेल में गिरावट हो रही है वही शिकागो के CBOT में भी सोया में गिरावट देखने को मिल रही है। गुरुवार को भी यही देखने को मिला है। विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम घटने के कारण घरेलू बाजार में तेल मिलों की खरीद कमजोर बनी रही, जिस कारण सरसों के भाव में स्थिरता से लेकर हलकी मंदी का ही माहौल देखने को मिला।
ताजा मार्केट अपडेट
जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे थे लेकिन शाम होते होते इसमे थोड़ी और गिरावट आ गई और भाव 5650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि भरतपुर में सरसों के भाव 37 रुपये गिरकर 5203 के हो गए। हालांकि दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों के भाव में कमजोरी नहीं दिखी और भाव 5500 पर स्थिर रहे। विदेशी बाजारों के माहौल को देखते हुए ब्रांडेड कंपनियों ने भी सरसों के भाव में कटौती की। पाम में गिरावट के बावजूद सरसों स्थिर | देखें आज के सरसों के लाइव रेट Sarso Live Rate Today 23 Mar 2023
प्लांटों पर क्या रहे भाव
सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव ₹25 कमजोर होकर 6025 पर बंद हुए। आगरा में शारदा प्लांट पर सरसों के भाव 5850, बीपी प्लांट पर भी सरसों के भाव ₹ 5850 रुपए प्रति क्विंटल के रहे जबकि गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव 5550 पर स्थिर ही रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़ कर 11 लाख बोरियों की हुई ।
व्यापारियों के अनुसार तेलों में ग्राहकी कमजोर होने के कारण ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों 25 से 50 रुपये प्रति क्विटल की कटौती की है। मौसम विभाग ने सरसों के उत्पादक राज्यों में फिर से मौसम खराब होने की भविष्यवाणी की है, अत मौसम खराब हुआ है फसल को और नुकसान होगा। अगर अगले 2-3 दिन तक मौसम खराब ही बना रहता है तो भाव थोड़े बहुत सुधर सकते हैं। लेकिन निकट भविष्य में किसी बड़ी तेजी की भी उम्मीद नहीं है। पाम तेल में बड़ी गिरावट | अब सरसों का क्या होगा | देखें सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट
जानकारों के अनुसार विश्व बाजार खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई है, जिस कारण घरेलू बाजार में तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही हैं। इसलिए हाजिर बाजार में सरसों की कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है।
विदेशी बाजारों की अपडेट
किसान साथियों जैसे कि हमने बताया कि अमेरिका में बैंकों के डूबने से विश्व बाज़ार में आर्थिक मंदी का माहौल छाया हुआ है । पाम तेल के भाव भी लगातार गिर रहे हैं मलेशियाई क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा वायदा गुरुवार को छह महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (BMD) पर जून डिलीवरी के पाम ऑयल वायदा अनुबंध में 93 रिंगिट यानी 2.054 प्रतिशत की गिरावट आकर भाव 3,571 रिंगिट प्रति टन रह गए, जोकि 4 अक्टूबर के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। चीन के डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 1.9 प्रतिशत घटकर बंद हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 3.2 प्रतिशत तक कमजोर हो गया। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) में सोया तेल की कीमतें 0.9 प्रतिशत गिर गईं। Aaj Ka Narma Or Kapas Ka Taja Mandi Bhav नरमा और कपास के ताजा मंडी भाव 23 March 2023
घरेलू बाजार अपडेट
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को 5-5 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1089 रुपये और 1079 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। जबकि सरसों खल की कीमतें 2500 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही। देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक गुरुवार को बढ़कर 11 लाख बोरियों की हुई, जबकि बुधवार यह आवक 10.50 लाख बोरी की हुई थी।
सरसों में आगे क्या
किशन साथियों अगर देखा जाए तो इन दिनों पाम तेल और सोया के फंडामेंटल इतने कमजोर नहीं है जितनी इसमें गिरावट देखने को मिल रही है। जैसे ही माहौल थोड़ा सा बदलेगा पाम तेल फिर से ऊपर की ओर जाएगा। पहले पाला पड़ने और अब खराब मौसम के चलते सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरसों का उत्पादन पहले लगाए गए अनुमानों से कम हो सकता है। यही बड़ी वजह है कि विश्व में इतनी बड़ी गिरावट के बावजूद भी सरसों के भाव बहुत ज्यादा नहीं गिर रहे हैं। अगर सरसों के भाव यहां से 100-200 और नीचे जाते हैं तो सरसों में खरीद की पोजीशन बनाई जा सकती है। किसान साथी चाहे तो इन भाव में सरसों को होल्ड कर सकते हैं। बाकी व्यापार अपने विवेक से ही करें। ईरान से बड़े ऑर्डर की खबर | बासमती हुआ तेज | जाने पूरी अपडेट