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खाद्य तेलों का बाजार हो रहा गर्म | जाने सरसों और सोयाबीन में कितनी तेजी के आसार

खाद्य तेलों का बाजार हो रहा गर्म | जाने सरसों और सोयाबीन में कितनी तेजी के आसार
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दोस्तो जैसे-जैसे दिवाली का त्यौहार नजदीक आ रहा है खाद्य तेलों में हल्की-फुल्की तेजी का माहौल बनना शुरू हो गया है।  अच्छी बात यह है कि घरेलू बाजार के साथ साथ विदेशी बाजारों में भी बाजार बढ़ रहे हैं। साथियों यह तो आप सबको पता ही है कि अगर खाद्य तेलों में तेजी का माहौल बनता है तो सरसों और सोयाबीन जैसी तिलहन फसलों की भाव में अच्छी खासी तेजी आ सकती है। पिछले एक हफ्ते से सरसों और सोयाबीन के भाव में 200 से 300 रुपए तक का सुधार हो चुका है । अगर आप सरसों और सोयाबीन जैसी फसलों का स्टॉक करके बैठे हुए हैं तो आपके लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि खाद्य तेलों में और कितनी तेजी बन सकती है। मलेशिया क्रूड पाम तेल वायदा में शुक्रवार को लगातार तीसरे सप्ताह में भी तेजी दर्ज की गई, जो लगभग अगस्त महीने के सबसे ज्यादा भाव का इशारा कर रहे हैं। अगस्त में पाम उत्पादों का उत्पादन कम होने के कारण भी पाम तेल के दामों में तेजी आने के संकेत मिल रहे हैं। दूसरी तरफ देखा जाए तो इंडोनेशिया के कठोर नियमों, मलेशिया में उत्पादन में कमी और वैश्विक मांग के कारण कीमतों में तेजी की संभावना को और अधिक बढ़ा दिया है। आज की रिपोर्ट में हम चर्चा करेंगे की खाद्य तेलों के दामों में कितना उतार-चढ़ाव बन सकता है और वह कौन-कौन से कारण है जिनकी वजह से खाद्य तेलों के दामों में उतार-चढ़ावा सकता है तो आईए जानते हैं तेजी मंदी रिपोर्ट में। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

पाम तेल में तेजी की कितनी है उम्मीद
साथियों पाम तेल की कीमतों में तेजी की संभावना है क्योंकि इंडोनेशिया पाम निर्यात पर कठोर नियम बना रहा है। मलेशिया में उत्पादन में कमी की संभावना है,और यदि ला नीना के कारण बाढ़ जैसे हालात बनते हैं तो उत्पादन पर और भी असर पड़ सकता है। पिछले कुछ समय से पाम तेल की मांग बढ़ने के कारण इसकी आपूर्ति में भी कमी आई है, वहीं दूसरी और इंडोनेशिया के कठोर नियमों के कारण पाम तेल के निर्यात में भी कमी आने की संभावना है, जिससे वैश्विक बाजार में पाम तेल की मांग बढ़ सकती है। इसके अलावा, मलेशिया में उत्पादन में कमी की संभावना है, जिससे पाम तेल की आपूर्ति और भी कम हो सकती है। विश्वसनीय आंकड़ों के अनुसार बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज, बीएमडी पर नवंबर डिलिवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 43 रिंगिट यानी कि 1.12 फ़ीसदी की तेजी आकर भाव 3869 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए, जबकि चीन के डालियान कमोडिटी एक्सचेंज पर पाम तेल वायदा अनुबंध में 0.21 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। पाम तेल का सबसे बड़ा आयातक देश चीन में भी भारतीय बाजार की तरह पाम तेल की मांग बढ़ने लगी है।

अर्जेंटीना में सोया में तेजी का भारत में होगा असर
शनिवार को अर्जेटीना सोया तेल अपने सपोर्ट से 60$/टन बढ़ कर 940 डॉलर प्रति टन का स्तर हासिल कर लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 15 अगस्त को भाव 885 डॉलर प्रति टन के थे। बाजार के विशेषज्ञ अर्जेटीना सोया में अगला रेजिस्टेंस 975 पर बता रहे हैं। यानि कि मौजूदा स्तरों से 35S/ टन बढ़ने की संभावना है। अगर अर्जेटीना में 35$/ टन भाव बढे तो भारत में भी सोया तेल में 2-3 रुपये/ किलो और बढ़ने की गुंजाइश बन सकती है। जो कि प्लान्ट पहुंच में सोयाबीन के भाव को 4700 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुँचा सकती है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

चीन और अमेरिका सोया तेल के दामों में भी बढ़ोतरी की है उम्मीद
साथियो ताजा जानकारी के अनुसार चीन और अमेरिका में सोया तेल में  तेजी की संभावना है, क्योंकि वैश्विक मांग के अनुसार सोया तेल की आपूर्ति भी कमजोर बताई जा रही है। चीन के डालियान कमोडिटी एक्सचेंज पर सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध में 0.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई,जबकि शिकागो बोर्ड आफ ट्रेड पर सोया तेल की कीमतों में 1.09 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके अलावा अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना में फसल तो ठीक स्थिति में बतायी जा रही है, लेकिन स्टॉक अच्छा नहीं है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है की सोया तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं और भाव में सुधार हो सकता है। त्यौहारी सीजन होने के कारण घरेलू बाजारों मैं सोया तेल की डिमांड बढ़नी शुरू हो गई है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोया तेल की मांग बढ़ने लगी है, अगर सोया तेल के दामों में कुछ बढ़ोतरी होती है तो यह किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

1200 के पार गया सरसों तेल का रेट
साथियों अगर सरसों तेल की बात करें तो बाजार में सरसों की आवक कम होने से इसका सीधा असर सरसों तेल की कीमतो पर पड़ रहा है,क्योंकि बाजार में आवक कम होने के कारण तेल मिलो और प्लांटों में सरसों सरसों की पूर्ति नहीं हो रही है, परिणाम स्वरूप तेल मिल और प्लांटों में भाव बढ़ा कर खरीद की जा रही है। जिसका असर सरसों तेल पर साफ-साफ दिखाई देने लग गया है। जयपुर में सरसों तेल की कीमतें 1205 रुपये प्रति दस किलो तक पहुंच गई हैं और आगे चलकर 1250 तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में भी 3 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव₹3 तेज होकर 1208 रुपए प्रति 10 किलो और सरसों एक्सपेलर तेल के दाम ₹3 बढ़कर 1198 रुपए प्रति 10 किलो के हो गए हैं। सरसों की आवक कम होने का असर सरसों खल पर भी पड़ता नजर आ रहा है। जयपुर में शुक्रवार को सरसों खल ₹10 महंगी होकर₹2600 प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

खाद्य तेलों पर आगे के रुझान
दोस्तों  प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तो यही अनुमान लगाया जा रहा है कि खाद्य तेल बाजार में तेजी की संभावनाएं बन रही हैं, खासकर सरसों, पाम और सोया तेल में। घरेलू बाजार में तेल बाजार पहले से कुछ ज्यादा गर्म हो सकता है। पाम और सोया तेल की कीमतों में तेजी की संभावना है ,और आगे आने वाले दिवाली के त्यौहार को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि आगे चलकर सरसों तेल की कीमतों में और अधिक बढ़ोतरी हो सकती है, अगर सरकार आयात ड्यूटी बढ़ाने को लेकर नीतियां बनाती है तो सरसों के भाव 6500 और सोयाबीन के भाव 5000 के पार जा सकते हैं।  सरकार द्वारा बनाई गई विपरीत नीतियों के लागू होने पर खाद्य तेलों के दामों में कभी भी उतार चढ़ाव हो सकता है। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।

Note:  साथीयो ऊपर दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक त्थयौ और निजी अनुभव पर आधारित है अगर आप कोई भी व्यापार या लेनदेन करें तो अपनी सूझबूझ और समझदारी से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।