अगर MSP पर गेहूं बेचना चाहते हैं तो अभी से कर लें यह जरूरी काम
किसान साथियो रबी विपणन वर्ष 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं उपार्जन के लिए किसानों के पंजीयन प्रक्रिया की घोषणा कर दी गई है। पंजीयन आज से शुरू होकर 31 मार्च तक जारी रहेगा। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों से अपील की है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीयन अवश्य करवा लें, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मंत्री ने बताया कि किसान पंजीयन प्रक्रिया को पहले से अधिक सरल और सुगम बनाया गया है। किसान अब एमपी किसान एप का उपयोग करके अपने मोबाइल के माध्यम से घर बैठे पंजीयन कर सकते हैं। इससे उन्हें पंजीयन केंद्रों पर लाइन में लगने और अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 150 रुपए अधिक है। किसान इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने पंजीयन समय पर पूरा कर, समर्थन मूल्य का लाभ उठा सकते हैं।
नि:शुल्क होगा पंजीकरण
किसानों के लिए पंजीकरण करवाना अब और आसान हो गया है। सरकार ने किसानों को सुविधा देने के लिए कई विकल्प उपलब्ध कराए हैं। किसान अब ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत कार्यालय, तहसील कार्यालय, सहकारी समितियों और सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकरण केंद्रों पर जाकर निःशुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं। इसके अलावा, एमपी किसान एप के माध्यम से भी ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है। हालांकि, जो किसान एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर कियोस्क या निजी साइबर कैफे के माध्यम से पंजीकरण करवाते हैं, उन्हें 50 रुपये का शुल्क देना होगा। सिकमी, बटाइदार, कोटवार और वन पट्टाधारी किसान केवल सहकारी समिति और सहकारी विपणन सहकारी संस्था द्वारा संचालित पंजीकरण केंद्रों पर ही पंजीकरण करवा सकते हैं। इन किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पिछले वर्षों में किसी अपात्र संस्था में कार्यरत केंद्र प्रभारी या ऑपरेटर को इस वर्ष पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
आधार से जो भी बैंक खाता लिंक होगा उसमे होगा उपज का भुगतान
सरकार ने किसानों को समर्थन मूल्य पर बेची गई उपज का भुगतान सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाना है। यदि किसी किसान का आधार कार्ड उसके बैंक खाते से लिंक नहीं है या फिर किसी अन्य कारणवश भुगतान सीधे बैंक खाते में नहीं हो पाता है, तो भुगतान किसान द्वारा पंजीकरण के समय दिए गए अन्य बैंक खाते में किया जाएगा। हालांकि, पंजीयन के समय किसान को अपना बैंक खाता नंबर और IFSC कोड सही-सही देना होगा। ध्यान रहे कि फिनो, एयरटेल, पेटीएम जैसे पेमेंट बैंक या संयुक्त बैंक खातों को पंजीकरण में मान्य नहीं किया जाएगा। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने आधार कार्ड को बैंक खाते और मोबाइल नंबर से लिंक करके अपडेट रखें। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे आधार पंजीकरण केंद्रों को सक्रिय रखें ताकि किसान आसानी से अपना आधार कार्ड अपडेट करा सकें।
आधार कार्ड का होगा वेरिफिकेशन
सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए एक नया नियम लागू किया है। अब किसानों को गेहूं बेचने के लिए आधार कार्ड का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। यह वेरिफिकेशन आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP के माध्यम से या बायोमेट्रिक तरीके से किया जाएगा। इसके साथ ही, किसान के भू-अभिलेख में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से भी किया जाएगा। यदि दोनों नामों में कोई विसंगति पाई जाती है, तो पंजीकरण के लिए तहसील कार्यालय से सत्यापन कराना होगा। यह कदम पारदर्शिता लाने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल पात्र किसान ही समर्थन मूल्य का लाभ उठा सकें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।