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सरसों : खरीदने जाओ तो माल नहीं, बेचने जाओ तो भाव नहीं | सरसो बड़ी खबर | क्या है कारण

बाजार में सरसों की आवक कम, फिर भी भाव क्यों नहीं |सरसो बड़ी खबर सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट : सूत्रों की माने तो जानकारों का कहना है की सरसों अब सीमित दायरे में अपना कारोबार करती हुई दिखाई देगी। इस कथन से मतलब ये है की सरसों के भाव में आगे आने वाले कुछ
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सरसों : खरीदने जाओ तो माल नहीं, बेचने जाओ तो भाव नहीं | सरसो बड़ी खबर | क्या है कारण

बाजार में सरसों की आवक कम, फिर भी भाव क्यों नहीं |सरसो बड़ी खबर

सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट : सूत्रों की माने तो जानकारों का कहना है की सरसों अब सीमित दायरे में अपना कारोबार करती हुई दिखाई देगी। इस कथन से मतलब ये है की सरसों के भाव में आगे आने वाले कुछ दिन तक 100 से 200 रूपए का उतार – चढाव जारी रहेगा। काफी व्यापारियों व् किसानों का तो यह तक भी कहना है की ” खरीदने जाओ तो सरसों उपलब्ध नहीं, और बेचने जाओ तो सरसों का भाव नहीं ” यह कैसी विडम्बना है।

नमस्कार किसान भाइयों, आज इस पोस्ट में हम आपको सरसों से सम्बंधित जानकारी देंगे, जिससे आप जान पाओगे की सरसों में आगे क्या स्थिति बन रही है। और भाव बढ़ने के कितने चांस है और भाव में तेजी आएगी या नहीं।

अगले एक महीने तक क्या माहौल रह सकता है

बाजार विशेषज्ञों का मानना है की अगले आने वाले एक महीने तक सरसों में मंदी आने की संभावना काफी कम है। और सरसों दुबारा से कभी भी उठान की तरफ बढ़ सकता है। लेकिन भाव कितने तक उछाल मार सकता है ये कहना काफी मुश्किल है, फिर भी यह जरूर कहा जा सकता है की सरसों अपने इस सीजन के उच्चतम स्तर को छू सकता है।

कई अनुभवी व्यापारियों का यह भी कहना है की आने वाले नए साल का सुरुवाती महीना ( जनवरी ) सरसों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। और इसी महीने में सरसों का उच्चतम भाव जो भी हो, वह आ सकता है ।

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क्या करे किसान | सरसो बड़ी खबर

तो  किसान  भाइयों इस वेबसाइट के माध्यम से हम समय समय पर कृषि फसलों की तेजी – मंदी से सम्बंधित जानकारी आपको मुहैया करवाते रहते हैं। और अगर हम बात करें सरसों के बारे में तो अभी हाल – फिलहाल सरसो के भाव में गिरावट का दौर जारी है। लेकिन सरसों के बड़े प्लांटों को गतिशील रखने के लिए आने वाले 2 से 3 महीने सरसों की खरीद करनी पड़ेगी। और सबसे अच्छी बात यह है की हाज़िर बाजार में सरसों की आवकें कम होने के कारन बाजार को एक मजबूती मिलती हुई दिख रही है।

तो किसान भाइयों आने वाले जनवरी के महिने में आप सरसों में आने वाले उछाल का फ़ायदा उठा सकते हैं।

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उठा – पटक भरा रहा बिता सप्ताह

अगर बात करें पिछले सोमवार की तो 7 कृषि फसलों को वायदा बाजार से बाहर किया था, जिसकी वजह से सरसों और सोयाबीन में भरी गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन 2 दिन बाद बाजार में सुधार हुआ और सप्ताह खत्म होते – होते सरसों का बाजार 700 से 1000 रूपए के लगभग टूट गया।

आवकें कम होने के बावजूद भाव में नरमी क्यों ?

अगर बात करें पुरे भारतवर्ष की तो कुल दैनिक आवक लगभग 40 से 50 हज़ार बोरियों की बताई जा रही है। पंजाब व हरियाणा की कई मंडियां तो ऐसी भी है जहाँ पर सरसों की आवक एक बोरी की भी नहीं है। लेकिन प्रमुख मंडियों में यह आकड़ां 500 से 2000 बोरियों का है। 

आवकें इतनी कम होने के बावजूद भी भाव में गिरावट क्यों है ? यह क बड़ा सवाल है जो है हर किसान जानना चाहता है। तो भाइयों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की व्यापारियों के गोदाम भरे पड़े है और जो भी खरीद और बिक्री हो रही है वह गोदाम से गोदाम में हो रही है। और वायदा बाजार से 7 कृषि जिंसों के बाहर होने की वजह से जो बाजार में नरमी आई है, सभी उसकी रिकवरी होने की राह देख रहे है।

अपील | सरसो बड़ी खबर

हमारा आपसे से निवेदन है कि फसल बेचने और खरीदने से पहले, किसान भाइयों और व्यापारी भाइयों अपने पास की मंडी मे भाव का पता कर ले और हमारी वेबसाइट से भी अपडेट लेते रहे।

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