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सरसो के भाव हुए धड़ाम अब सीजन पर क्या होगा ? Sarso teji mandi report Dec 2021

सरसो के भाव हुए धड़ाम अब सीजन पर क्या होगा ? बड़ी गिरावट के बाद दिखा सुधार दोस्तों सरसो की फसल का नया सीजन आने को है और नए सीजन में मार्च के महीने तक सरसो की आवक शुरू हो जाएगी लेकिन जिस तरह से सरसो के दाम गिर रहे है ऐसे में ये चिंता
सरसो के भाव हुए धड़ाम अब सीजन पर क्या होगा ? Sarso teji mandi report Dec 2021

सरसो के भाव हुए धड़ाम अब सीजन पर क्या होगा ? बड़ी गिरावट के बाद दिखा सुधार

दोस्तों सरसो की फसल का नया  सीजन आने को है और नए सीजन में मार्च  के महीने तक सरसो की आवक शुरू हो जाएगी  लेकिन जिस तरह से सरसो के दाम गिर रहे है ऐसे में ये चिंता का विषय बना हुआ है की आने वाले सीजन में सरसो के क्या  भाव रह सकते हैं . इस आर्टिकल में हम इसी बात को थोड़ा विस्तार से जाने किस कोशिश करेंगे

कितने कम हैं हुए भाव

दोस्तों वैसे तो पूरे भारत में सरसों का उत्पादन होता है लेकिन फिर भी ज्यादातर सरसों का उत्पादन राजस्थान हरियाणा में होता है  और इसी तेल की खपत ज्यादा होती है। हालांकि ठंड के कारण सरसों के भाव में भी उतार चढ़ाव लगे रहते हैं। दोस्तो अगर सरसों का भाव के बारे मे बात करे तो दिसंबर के शुरूआत में जयपुर मंडी का भाव ₹8500 तक , कोटा मंडी का भाव ₹7451 से 7681  और कोटा सलोनी प्लांट के भाव 9000 रूपए के आस पास तक रहे थे । बात अगर दिल्ली की करें तो  दिल्ली मंडी का भाव  ₹8150 तक था । वही हिसार मंडी का भाव ₹ 7600 और ग्वालियर व मुरैना मंडी का भाव₹ 7900 रहा था । लेकिन ये सारे भाव सिर्फ 15 दिन मे घटकर, जयपुर मंडी में ₹7275 से 7300 तथा दिल्ली मंडी में रु 7050 से 7200 तक रह गया है। कोटा मंडी का भाव ₹7000 से 7300 हो गया। चरखी दादरी में 22 दिसम्बर तक भाव घटकर 6600 रूपए तक रह गए

कितना हो सकता है उत्पादन

साल 2021 की शुरुवात से ही सरसो के दाम में तेजी दिखी थी । इसीलिए इस साल किसानो ने अच्छे भावों के चलते ज्यादा सरसो की बिजाई की है । सरकार एवं कुछ निजी एजेंसियों की के अनुसार आने वाले सीजन में सरसो का उत्पादन 100 से 110 लाख टन तक हो सकता हैं । कहा जा रहा है की इस बार बम्पर फसल होने की उम्मीद है । इस प्रकार की ख़बरों से भाव पर दबाव बनना लाजमी हैं क्युकी भावो का सिस्टम डिमांड और सप्लाई के हिसाब से ही चलता है।

वायदा कारोबार की रोक बड़ी वजह

पिछले कुछ दिनों से सरसो और कुछ अन्य कोमोडिटी के भावो पर सरकार अंकुश नहीं लगा पा रही थी । इसलिए सरकार ने सरसो सहित अन्य सात जिंसों के वायदा कारोबार पर एक साल के लिए रोक लगा दी है । खबर के आते ही सरसो के दाम में 400 रूपए तक की बड़ी कमजोरी देखने को मिली । लेकिन दोस्तों उम्मीद जताई जा रही है की जैसे है भाव काबू में आ जायेंगे वायदा बाजार फिर से खोल दिया जायेगा

राज्यवार क्या है माहौल

इस बड़ी कमजोरी कर राजस्थान में सरसों का दाम एक से डेढ़ महीने में सरसों की कीमत  ₹ 1500 से ₹2000 प्रति क्विंटल तक कम हो गयी  है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि दामों में यह नरमी कुछ समय के लिए है, इसलिए किसानों को इसे बेचने में जल्दीबाजी नहीं करनी चाहिए। लेकिन दोस्तों मेरा व्यक्तिगत तौर पर यही मानना है की जैसे ही नयी बम्पर फसल मंडियों में आएगी दाम और टूट सकते हैं । नवंबर में राजस्थान में ₹9000 प्रति क्विंटल के आसपास का रेट था जो अब यह घटकर ₹6800 से 7100 तक रह गया है। हालांकि दाम अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर ही है। जैसा की हमने बताया साल के  शुरू से ही तिलहन में तेजी रही है। सरसों के तेल का भाव ₹250 प्रति लीटर तक पहुंच गया था। देश में तिलहन फसलों की मांग उत्पादन के मुकाबले काफी अधिक है ऐसे में सरसों का दाम एमएसपी से ऊपर ही रहने की उम्मीद है । समय के साथ इसके दाम में उतार-चढ़ाव हो सकता है। खाद्य तेलों में सरसों का योगदान करीब 28 फीसदी है।

सरसों का भाव कहां कितना गया

1. राजस्थान की भरतपुर मंडी में सरसों का रेट 6951 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
2. राजस्थान की गंगानगर मंडी में 22 दिसंबर को सरसों का दाम 6,875 रुपये प्रति क्विंटल जबकि अधिकतम दाम 7,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
3. हरियाणा में सरसों का भाव राजस्थान से नरम रहा। हिसार मंडी में भाव ₹ 6700 रूपए प्रति क्विंटल अधिकतम रहा
4. मध्य प्रदेश के ग्वालियर मंडी में 22 दिसंबर को सरसों कंडीसन  का भाव 6800रुपये प्रति क्विंटल रहा.
5. दिल्ली मंडी में 22 दिसम्बर को सरसों का भाव ₹6800से लेकर 7000 प्रति क्विंटल तक रहा

किसानों के लिए सरसों कितनी फायदेमंद

भारत खाद्य तेलों के मामले में दूसरे देशों पर निर्भरता बनी हुई है।हर साल करीब 70 हजार करोड़ रुपये का खाद्य तेल इंडोनेशिया और मलेशिया देशों से मंगाया जाता है. इसलिए सरकार सरसों और दूसरी तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। जब तक खाद्य तेलों का आयात होता रहेगा। तब तक सरसों का दाम एमएसपी से ऊपर ही बना रह सकता है। इसलिए इसका उत्पादन किसानों के लिए फायदेमंद है। और लाभदायक भी है। बीते साल सरसों का भाव भी अच्छा रहा है और किसानों को उम्मीद है कि आने वाले साल भी अच्छा ही रहेगा।

डिमांड और सप्लाई में बड़ा अन्तर

भारत में खाद्य तेलों की घरेलू मांग लगभग 250 लाख टन है, जबकि उत्पादन केवल 111.6 लाख टन ही हो रहा है। मांग और आपूर्ति में लगभग 56 फीसदी का अंतर है। दोस्तों जब तक ये उत्पादन और खपत का अंतर बना रहेगा उम्मीद लगायी जा सकती हैं की किसानो को सरसो के अच्छे भाव मिलेंगे। हाल फ़िलहाल की मंदी को देखें तब भी यह कहा जा सकता है की निचले स्तर पर मांग निकल रही है और बिकवाली कमजोर होते ही 22 दिसम्बर हो सरसो के भाव में 100 से 200 रूपए का सुधार हुआ

अपील

हमारा आपसे से निवेदन है कि फसल बेचने और खरीदने से पहले, किसान भाइयों और व्यापारी भाइयों अपने पास की मंडी मे भाव का पता कर ले और हमारी वेबसाइट से भी अपडेट लेते रहे।

Sarso teji mandi report