आने वाले दिनों में मौसम बदल सकता है करवट | जाने मौसम विभाग ने क्या दी अपडेट
दिल्ली का मौसम
राजधानी दिल्ली इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। सूरज की तपिश और धरती की सतह से उठती गर्म हवाएं मिलकर वातावरण को ऐसा बना रही हैं कि बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है। सुबह से ही तेज़ धूप का असर महसूस किया जा सकता है और दोपहर के समय यह स्थिति और भी भयावह रूप ले लेती है। लोगों को सड़कों पर चलना दूभर हो गया है, छायादार स्थानों और शीतल जल स्रोतों की तलाश दिनचर्या का हिस्सा बन गई है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए यह मौसम विशेष रूप से कष्टदायक सिद्ध हो रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बार-बार सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं—जैसे कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, ताजे फलों का सेवन करना और धूप में बाहर निकलने से बचना। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दो दिनों तक मौसम में किसी प्रकार की राहत की कोई संभावना नहीं है। 8 और 9 अप्रैल को आसमान बिल्कुल साफ रहेगा, जिससे सूरज की किरणें सीधे धरती पर पड़ेंगी और गर्मी का अहसास और गहरा हो जाएगा।
दक्षिण और उत्तर-पूर्वी भारत में मौसम ने बदला रुख
देश के दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में मौसम ने अलग ही करवट ली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे और तटीय आंध्र प्रदेश के कई क्षेत्रों में गरज के साथ बारिश होने की प्रबल संभावना है। इन स्थानों पर 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चल सकती हैं, जिससे जनजीवन पर असर पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, असम, मेघालय, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में भी अलग-अलग समय पर ओले गिरने की स्थिति बन सकती है। विशेष रूप से 8 अप्रैल को असम और मेघालय में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है जबकि झारखंड में 9 तारीख को ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। इन राज्यों में बिजली गिरने, पेड़ गिरने, और यातायात में बाधा जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। किसानों को सतर्क रहने और फसलों की सुरक्षा हेतु विशेष प्रबंध करने की सलाह दी गई है।
पश्चिमी विक्षोभ की दस्तक से बदलेगा मौसम
8 अप्रैल से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय हो सकता है, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद जैसे क्षेत्रों में आंशिक से लेकर व्यापक वर्षा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इन क्षेत्रों में तेज़ हवाएं, बिजली की गड़गड़ाहट और अचानक मौसम परिवर्तन के संकेत दिए गए हैं। 9 अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी छिटपुट बारिश की संभावना है, जिससे पहाड़ी पर्यटन स्थलों पर मौसम ठंडा हो सकता है। खासकर 10 अप्रैल को उत्तर भारत के मैदानी इलाकों—जैसे पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश—में भी आंशिक बारिश हो सकती है, जिससे वहाँ के तापमान में थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में 9 तारीख को हल्की ओलावृष्टि का पूर्वानुमान है, जो ट्रैफिक व्यवस्था, हवाई सेवाओं और स्थानीय जनजीवन को प्रभावित कर सकती है।
देशभर में अलग-अलग प्रभाव दिखा रहा है मौसम
भारत के विभिन्न भागों में तापमान की दिशा और दशा अलग-अलग रूप ले रही है। उत्तर-पश्चिमी राज्यों और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अगले तीन दिनों में अधिकतम तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। वहीं, दो दिनों के अंदर तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट भी देखने को मिल सकती है। मध्य भारत के इलाके जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्र में अधिकतम तापमान में मामूली इज़ाफा होने की संभावना है, लेकिन विशेष बदलाव की संभावना नहीं जताई गई है। पूर्वी भारत—जैसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड—में अगले 24 घंटे तक तापमान स्थिर रहेगा, लेकिन फिर इसमें गिरावट आ सकती है। गुजरात राज्य में तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन चार दिनों के भीतर हल्की गिरावट संभावित है। यह विविधता भारत के विविध भौगोलिक क्षेत्रों की जलवायु संरचना का प्रतीक है।
सोर्स मौसम विभाग
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।