इस हफ्ते गेहूं की खेती में बस ये चीज डाल देना | उत्पादन देखकर खुद ही चौंक जाओगे
किसान साथियो वर्तमान में गेहूं की फसल की खेती चल रही है, चाहे किसानों ने अगेती किस्म की बुवाई की हो या पछेती, दोनों ही फसलों में दाने आने शुरू हो गए हैं। गेहूं की फसल में दाना आने का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान थोड़ी सी देखभाल से किसान अपनी उपज बढ़ा सकते हैं। गेहूं की जड़ों में सल्फर या पोटाश के घोल का छिड़काव करने से गेहूं के दानों का वजन बढ़ेगा, जिससे पैदावार में वृद्धि होगी। कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार के अनुसार, इस समय फसल की सही देखभाल और पोषक तत्वों की पूर्ति से दानों का वजन बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने सिंचाई, पोषक तत्वों के संतुलित प्रयोग और कीट-रोगों से बचाव पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है।
फरवरी में करे इस चीज का छिड़काव
कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार के अनुसार, गेहूं की फसल में दाने बनते समय सिंचाई और पोषण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि बालियां निकलने के समय पहली सिंचाई और दानों के भरने की अवस्था में दूसरी सिंचाई करनी चाहिए। इसके साथ ही, फसल को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की संतुलित मात्रा देना आवश्यक है। सल्फर और जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी फसल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ किसान इस समय स्प्रे के रूप में सल्फर या पोटाश का घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करते हैं, जिससे दानों का आकार और वजन बढ़ता है। इस प्रकार, उचित सिंचाई और पोषण प्रबंधन से गेहूं की फसल की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार किया जा सकता है।
फसल संरक्षण को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने क्या कहाँ
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की फसल को इस समय रोगों और कीटों से बचाना बहुत ज़रूरी है। इस दौरान झुलसा रोग, करनाल बंट और माहू कीट का खतरा बना रहता है। यदि फसल में रोग दिखाई दें, तो तुरंत प्रभावी दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। जैविक खेती करने वाले किसान नीम के तेल या ट्राइकोडर्मा का उपयोग कर सकते हैं। सही समय पर उचित देखभाल से गेहूं के दाने बड़े और भारी बनते हैं, जिससे किसानों को अधिक उपज और बेहतर मुनाफा मिलता है। यदि आपने भी गेहूं की खेती की है और अच्छी फसल चाहते हैं, तो अपने खेतों की सही देखभाल करके फसल की उपज बढ़ा सकते हैं।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।