गन्ने कटाई के बाद पताई के लिए बस ये एक काम कर लेना | 30 दिन में बन जाएगी खाद
किसान साथियो गन्ने की कटाई के बाद बचने वाली पताई का निस्तारण किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है। परंतु, इस अवशेष को खेत में ही निस्तारित करने से किसान न केवल पर्यावरण को बचा सकते हैं बल्कि अपनी अगली फसल के लिए भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पताई को खेत में मिलाने से मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है और पेड़ी की फसल के लिए खाद की आवश्यकता कम हो जाती है। इसके अलावा, पताई के सड़ने से मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे फसल का फुटाव बेहतर होता है और उत्पादन में वृद्धि होती है। इस प्रकार, गन्ने की पताई का खेत में निस्तारण एक बुद्धिमानी भरा निर्णय है जो किसानों को आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है।
गन्ने की कटाई के बाद रखे इन बातो का ध्यान
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. श्री प्रकाश यादव ने किसानों को गन्ने की कटाई के बाद पेड़ी प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि गन्ने की कटाई के तुरंत बाद पेड़ी का उचित प्रबंधन न करने पर फसल को नुकसान हो सकता है। यदि किसान पेड़ी का सही ढंग से प्रबंधन करते हैं तो वे गन्ने की फसल से 2 से 3 साल तक उपज ले सकते हैं। गन्ने की कटाई के बाद सबसे पहले खेत में पानी चलाना चाहिए। इसके बाद 75 किलो यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से गन्ने के ठूंठों पर छिड़काव करना चाहिए। यूरिया छिड़काव के बाद खेत को हल्की गुड़ाई करनी चाहिए या छोटे रोटावेटर से ठूंठों के बीच की जगह को जोत देना चाहिए। इससे खेत में मौजूद पताई का निस्तारण आसानी से हो जाएगा और धीरे-धीरे खाद में परिवर्तित हो जाएगी।
गन्ने के पत्तों से कैसे खाद बनाया जाता है
गन्ने की कटाई के बाद बची हुई पत्तियों को खेत में ही एक आसान तरीके से खाद में बदला जा सकता है। इसके लिए, कटाई के बाद पत्तियों को दो लाइनों में व्यवस्थित करके खेत में रख दें। फिर इन पत्तियों को पूरी तरह डुबाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी चला दें। इसके बाद, 2 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद में 4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से ऑर्गेनो डी-कंपोजर मिलाकर इस पत्तियों के ढेर पर डाल दें। लगभग 30 से 35 दिनों में, ये पत्तियां पूरी तरह सड़कर एक अच्छी गुणवत्ता वाली खाद में बदल जाएंगी। यह खाद अगली फसल के लिए एक उत्कृष्ट जैविक उर्वरक के रूप में काम करेगी। इस विधि से, हम न केवल गन्ने की पत्तियों का उचित निस्तारण करते हैं, बल्कि एक मुफ्त और प्राकृतिक खाद भी प्राप्त करते हैं।
समय पर गैप फिलिंग क्यों करनी है
गन्ने की फसल में पत्तियों को काटने के बाद खाली जगहों को भरने की प्रक्रिया को गैप फिलिंग कहते हैं। यदि दो गन्ने के ठूंठों के बीच एक फुट से अधिक की दूरी हो तो इस जगह को अवश्य भरना चाहिए। गैप फिलिंग के लिए सीधे गन्ने के टुकड़े का उपयोग करने के बजाय, पॉलीबैग या सिंगल बड़ में तैयार की गई 20 से 25 दिन पुरानी नर्सरी के पौधे लगाने चाहिए। यह तरीका फसल की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है। गन्ने की फसल में पत्तियों को काटने के बाद, एक फुट से अधिक की दूरी पर खाली जगहों को 20-25 दिन पुराने नर्सरी के पौधों से भरना चाहिए।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।