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खाद कंपनियों के बढ़ गए शेयर | बजट में हुआ ये खास ऐलान | अब नहीं होगी खाद की कमी

खाद कंपनियों के बढ़ गए शेयर | बजट में हुआ ये खास ऐलान | अब नहीं होगी खाद की कमी
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किसान साथियो हाल ही में पेश किए गए बजट में पूर्वी भारत में एक नए यूरिया संयंत्र की स्थापना की घोषणा के बाद से उर्वरक कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी जा रही है। जनवरी महीने से ही इन कंपनियों के शेयरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विशेष रूप से, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (RCF), मद्रास फर्टिलाइजर्स, मंगलौर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स और नेशनल फर्टिलाइजर्स जैसे कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई है। यह तेजी इस उम्मीद के कारण है कि इस नए संयंत्र के स्थापित होने से उर्वरक उद्योग में वृद्धि होगी और इन कंपनियों के लिए व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे।

बजट 2025 में एक और बड़ी घोसणा हुई
भारत में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए उर्वरकों का महत्वपूर्ण योगदान है। देश में यूरिया सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला नाइट्रोजन युक्त उर्वरक है। हाल ही में, असम में 1.27 लाख टन क्षमता का एक नया यूरिया प्लांट स्थापित करने की घोषणा की गई है। यह प्लांट देश में उर्वरक उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

वर्ष 2023-24 में भारत में कुल उर्वरक उत्पादन लगभग 4.52 करोड़ टन रहा है। यूरिया के अलावा, डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) भी एक महत्वपूर्ण उर्वरक है जो फॉस्फोरस का प्रमुख स्रोत है। इसके अतिरिक्त, एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम) कॉम्प्लेक्स उर्वरक भी व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। सरकार द्वारा यूरिया की नीम-कोटिंग को अनिवार्य किया गया है, जिससे उर्वरक की प्रभावशीलता में वृद्धि हुई है।

अब नहीं होगी उर्वरको की किलत
भारत सरकार ने देश में उर्वरक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें नई उत्पादन इकाइयों की स्थापना और मौजूदा संयंत्रों का आधुनिकीकरण शामिल है। उर्वरक मंत्रालय द्वारा लागू की गई विभिन्न रणनीतियों के परिणामस्वरूप, देश में उर्वरकों का उत्पादन और खपत दोनों में वृद्धि हुई है, खासकर यूरिया की खपत में। सरकार ने संतुलित उर्वरक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना भी शुरू की है, जिसका उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना और फसल उत्पादन को बढ़ाना है। इन प्रयासों के चलते भारत उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर है। हाल ही में सरकार द्वारा फर्टिलाइज़र कंपनियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा और जीएसटी हटाने के प्रस्ताव के बाद, इन कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई है। यह दर्शाता है कि सरकार की ये नीतियां उर्वरक उद्योग को मजबूत बनाने और किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।