4000 रुपये की सब्सिडी को लेना है तो तुरन्त करें यह काम
धान पर ₹ 4000 की सब्सिडी को लेना है तो तुरन्त करें यह काम
दोस्तो हरियाणा में धान की बिजाई करने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है। सरकार काफी साल से धान की सीधी बुवाई को बढ़ावा देना चाह रही है। इसके लिए तरह तरह की योजनाएं पहले भी निकाली गई है और अब भी यह प्रयास निरन्तर चल रहा है
धान की सीधी बुवाई करने पर सरकार किसानों को इस साल भी भी सब्सिडी देगी। विशेषज्ञों का कहना है कि धान की सीधी बिजाई से भू-जलस्तर में सुधार आएगा। इस साल सरकार ने 2400 एकड़ में बिजाई का लक्ष्य रखा है।
अगर आप किसान है और धान की फसल (Paddy Crop) के लिए अपने खेत में बुवाई शुरू करना चाहते हैं तो आपको इस सब्सिडी का फायदा मिल सकता है बशर्ते आप समय रहते काग़ज़ी कार्रवाई पूरी कर लें।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
दोस्तों धान की खेती के लिए काफी अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। हरियाणा और पंजाब में बासमती धान की खेती जोर शोर से की जाती है और इन दोनों ही राज्यों में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है। इसलिए सरकार भू-जल स्तर को देखते हुए देश के किसानों को धान की सीधी बुवाई (direct sowing of paddy) करने की सलाह देती है और इसको बढावा देने के लिए ही हरियाणा सरकार ₹4000 तक कि सब्सिडी दे रही है। जबकि पंजाब सरकार अपने राज्य के सभी किसानों को प्रति एकड़ लगभग ₹ 1500 की आर्थिक मदद कर रही है।
कैसे करें आवेदन
इसके लिए आपको सबसे पहले सरकारी पोर्टल मेरी फसल मेरा ब्योरा (Meri Fasal Mera Byora Portal) पर जाना है और 30 जून से पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद कृषि अधिकारी, पटवारी, नंबरदार द्वारा फसल का निरीक्षण करके भौतिक सत्यापन किया जाएगा। एक बार सही से सत्यापन होने के बाद सब्सिडी की धनराशि सीधे किसानों के खाते में ऑनलाइन तरीके के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी।
किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर व्यक्तिगत जानकारी के साथ-साथ अपनी फसल का भी ब्योरा देना होता है। इससे सरकार को किसानों से संबंधित सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है, जिससे सरकार की योजना के अनुसार किसानों को सब्सिडी (Subsidy to farmers) सरलता से मिल सके।
सब्सिडी के लिये आवेदन करने के समय निम्नलिखित डॉक्यूमेंट साथ लेकर जाएं
खेत के कागजात
बैंक खाता पास बुक
आधार कार्ड
निवास प्रमाण-पत्र (domicile)
किसान की पासपोर्ट साइज फोटो
कब करें सीधी बुवाई
विशेषज्ञों के अनुसार धान की बिजाई का समय नजदीक आ रहा है। पारम्परिक रोपण विधि में धान की पौध तैयार करके 15 जून के आसपास रोपाई शुरू हो जाती है। जैसा कि आप सबको पता है कि इस गर्मी अधिक होने के कारण पानी का अत्याधिक वाष्पिकरण होने से पानी की खपत बहुत ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त धान की रोपाई करने में लेबर खर्चा भी अधिक लगता है। जिससे धान की खेती पर होने वाले खर्च में वृद्धि होती है। इस खर्च को कम करने के लिए किसान धान की सीधी बिजाई डीएसआर मशीन द्वारा कर सकते हैं। 25 मई से किसान धान की सीधी बिजाई कर सकते हैं। हमारा मानना है कि पानी को बचाने के लिए किसान इसके लिए आगे आयेंगे।
सीधी बुवाई के बाद पहला पानी बिजाई के लगभग 14 से 21 दिन बाद लगाया जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि किसान सीधी बिजाई रेतिली जमीनों में न करें व केवल उन्ही खेतों में करें जिसमें पहले से ही धान की फसल ले रहें हों।
पैदावार में कितना अन्तर
किसान साथियो परंपरागत रोपण विधि और सीधी बिजाई वाली फसल में धान की पैदावार बिल्कुल बराबर होती है। कई लोग अफवाह फैलाते हैं कि उत्पादन कम होता है लेकिन कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कम उत्पादन का सवाल ही नहीं है। बल्कि सीधी बुवाई वाली फ़सल 7 से 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है। ऐसे में धान की पराली संभालने व गेहूं की बिजाई करने के लिए अधिक समय मिल जाता है। और गेहूं की अगेति फ़सल ले सकते हैं।