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सरकारी आदेश के बाद क्या पिट जाएंगे गेहूं के भाव | जाने गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट में

सरकारी आदेश के बाद क्या पिट जाएंगे गेहूं के भाव | जाने गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट में
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किसान साथियो कल गेहूं का बाजार जब खुला था तो भाव स्थिर देखने को मिले और दोपहर होते होते भाव ने मजबूती पकड़ ली। लेकिन शाम को सरकार ने एक ऐसी घोषणा की कि देखते ही देखते गेहूं की कीमतों में गिरावट आ गईं। खरीदारों ने मौजूदा भाव पर खरीदारी करने से पीछे हट गए |  जैसे ही खरीददारों को पता चला की सरकार अगस्त में गेहूं बेचने की योजना बना रही है तो गेहूं की लिवाली का जोश फाख्ता हो गया। नतीजा यह हुआ कि कल शाम को गेहूं के भाव में 20 से 40 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। एक सरकारी आदेश के अनुसार, भारत अगले महीने से अपने राज्य भंडार से आटा मिलों और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक उपभोक्ताओं को गेहूं बेचने की योजना बना रहा है। फ़िलहाल आधिकारिक अधिसूचना अभी तक नहीं मिली है

क्या कहता है सरकारी आदेश
साथियो आपकी जानकारी के लिए बता दे सरकारी आदेश में कहा गया है कि सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (FCI) को अगले महीने से अपने भंडार से 23,250 रुपये (279 डॉलर) प्रति टन की दर से गेहूं बेचने की अनुमति दे दी है। बड़ी बात यह है कि यह कीमत मौजूदा खुले बाजारों की कीमत से लगभग 12 प्रतिशत कम है। FCI ने अभी तक यह नहीं बताया है की वह खुले बाजार में कितनी मात्रा में गेहूं बेचेंगे। बात करे पिछले साल की तो FCI ने जून में निजी खिलाड़ियों को गेहूं बेचना शुरू कर दिया था। FCI ने मार्च 2024 तक के वित्तीय वर्ष में लगभग 100 लाख मीट्रिक टन से थोड़ा अधिक गेहूं बेचा था जो की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री थी । जानकारों का कहना है कि जिस आकर्षक मूल्य पर FCI अपने स्टॉक से गेहूं की पेशकश करेगा, उसके कारण कई निजी खिलाड़ी बड़ी मात्रा में अनाज खरीदने में रुचि दिखाएंगे ।

हर साल गेहूं में आ रहा है 6 प्रतिशत का उछाल
भारतीय बाजार में गेहूं की कीमतों में हर साल लगभग 6% का उछाल आ रहा है। लगातार पांच साल की रिकॉर्ड कटाई के बाद, तापमान में एक दम से वृद्धि ने 2022 और 2023 में गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा दिया था जिससे गेहूं की कीमतें बढ़ गईं और दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक देशो में से दूसरे नंबर पर आने वाला भारत देश को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यहां तक ​​कि इस साल भी उत्पादन सरकारी अनुमान 112 मिलियन मीट्रिक टन से 6.25% से कम है। सरकार के गोदामों में गेहूं का स्टॉक 1 जून को 299 लाख मीट्रिक टन तक रह गया जो की पिछले साल से 15 लाख मीट्रिक टन कम है पिछले साल का स्टॉक 314 लाख मीट्रिक टन था।

गेहू के आयात को लेकर हो रही माथापच्ची
आप की जानकारी के लिए बता दे कि भारत छह साल के अंतराल के बाद गेहूं का आयात शुरू करने पर सोच सकता है, ताकि घटते भंडार को फिर से भरा जा सके और कीमतों को कम रखा जा सके, रॉयटर्स की पिछले महीने की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने जून में व्यापारियों द्वारा रखे जा सकने वाले गेहूं के स्टॉक पर सीमाएँ लगाई थीं। बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आयात की अनुमति देने के लिए सरकार गेहू पर आयात कर को समाप्त या कम कर सकती है, एक बड़े सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार गेहूं के आयात पर 40% कर लगाती है। कर में कमी या इसे हटाने से निजी व्यापारियों और आटा मिलों को ऊचे निर्यातकों रूस और ऑस्ट्रेलिया से खरीदने की अनुमति मिल सकती है।

सरकारी आदेश का कितना असर
किसान साथियो सरकार द्वारा OMSS स्कीम के जरिए खुले बाजार में गेहूं बेचना कोई नयी बात नहीं है। पिछली बार हुई सरकार ने बड़ी मात्रा में गेहूं बेचा था। हम मानते हैं कि सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं बेचने की घोषणा के बाद बाजार में 50 से 100 रुपए की कमजोरी आती है लेकिन अक्सर देखा गया है कि धीरे-धीरे फिर से भाव पुराने स्तर पर आ जाते हैं। पिछले साल भी ठीक ऐसा ही देखने को मिला था। सरकार द्वारा बार-बार गेहूं बेचे जाने के बावजूद भी गेहूं के भाव ₹3000 तक चले गए थे। इसलिए मंडी भाव टुडे का मानना है कि जिन किसानों और व्यापारियों के पास गेहूं का स्टॉक रखा हुआ है वह एक बार मुनाफा वसूली कर ले। क्योंकि सरकार गेहूं के भाव को कम करने के लिए काफी प्रयासरत दिख रही है। जिन साथियों को रिस्क लेना है उनके लिए बहुत बड़ी डरने की बात नजर नहीं आती है। व्यापार अपने विवेक से ही करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।