क्या फिर से तेजी की तरफ मुड़ेगा सरसों का बाजार | जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट में
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, इस समय सरसों के बाजार में एक चक्र सा बन गया है। सरसों के भाव आए दिन नीचे की तरफ जा रहे हैं। ऊपरी स्तरों से बाजार 500 रुपये तक टूट चुका है। कुछ किसान और व्यापारी जिन्होंने सरसों को दिवाली के बाद बेचने के मन से होल्ड किया हुआ था, वे अब बिकवाली करने लगे हैं। नाफेड की बिकवाली जारी रहने से बाजार में सरसों की सप्लाई बनी हुई है, जिससे भाव पर और दबाव आ रहा है।
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, इस समय सरसों के बाजार में एक चक्र सा बन गया है। सरसों के भाव आए दिन नीचे की तरफ जा रहे हैं। ऊपरी स्तरों से बाजार 500 रुपये तक टूट चुका है। कुछ किसान और व्यापारी जिन्होंने सरसों को दिवाली के बाद बेचने के मन से होल्ड किया हुआ था, वे अब बिकवाली करने लगे हैं। नाफेड की बिकवाली जारी रहने से बाजार में सरसों की सप्लाई बनी हुई है, जिससे भाव पर और दबाव आ रहा है।
नाफेड की बाजार में जबरदस्त सप्लाई
दोस्तों, पिछले दो साल से सरसों के भाव नीचे चल रहे थे। इस कारण किसानों का काफी माल सरसों की सरकारी खरीद में चला गया। लेकिन अब सरसों का भाव MSP से लगभग 800 रुपये ज्यादा चल रहा है। इसलिए नाफेड दबा के सरसों की सप्लाई कर रही है और पिछले तीन सालों से जो सरसों नाफेड के पास जमा हो रखा था, अब वह खप रहा है अन्यथा इसका खराब होना तय था। नाफेड की सरसों सप्लाई के कारण ही सरसों और सरसों तेल के भाव पर अंकुश लगा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने के बावजूद भी सरसों तेल के दाम महज 10 रुपये लीटर ही बढ़े हैं।
ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों, सोमवार से लेकर गुरुवार तक सरसों के बाजार में जो सुधार का सिलसिला चल रहा था, उस पर शुक्रवार को ब्रेक लग गया। इस ब्रेक के बारे में हमने अपनी रिपोर्ट में पहले ही बता दिया था। शुक्रवार और शनिवार को सरसों के बाजार में गिरावट जारी रही। ताजा मार्केट भावों को देखें तो कल जयपुर में सरसों का बाजार 75 रुपये गिरकर 6650 के स्तर पर पहुंच गया। भरतपुर मंडी में सरसों के भाव जो कि 6400 के पार हो गए थे, फिर से फिसलते दिखाई दिए और शाम को 6350 रुपये के स्तर पर बंद हुए। बात दिल्ली के बाजार की करें तो यहां पर सरसों का भाव 50 रुपये टूट कर 6550 का रहा। अन्य मुख्य केंद्रों के भाव की बात करें तो चरखी दादरी में सरसों का भाव 6500, अलवर में 6400 मंदी 100, बरवाला में 5900, हिसार में 6000, मुरैना में 6050 मंदी 100, ग्वालियर में 6200 मंदी 100, खैरथल में 6400 मंदी 100, टोंक में 6355 मंदी 25 और निवाई में सरसों के भाव 6375 तक रिपोर्ट किए गए हैं। मोटे तौर पर भावों में 100 रुपये तक की गिरावट हुई है। आवक की बात करें तो शनिवार होने के कारण आवक कम हुई और सरसों की आवक 2 लाख 75 हजार बोरी से घट कर 2.25 लाख बोरी की रह गई।
प्लांटों पर सरसों में गिरावट
ब्रांड तेल मिलों ने माहौल को देखते हुए सरसों के भाव में कटौती कर दी। सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव ₹25 कमजोर होकर 7325 के स्तर पर आ गए। अदानी बूंदी और अलवर प्लांट पर भी सरसों में कमजोरी दिखी और भाव ₹50 कमजोर होकर 6725 के रह गए। अन्य प्लांट की बात करें तो गोयल कोटा प्लांट पर सरसों का भाव ₹50 कमजोर होकर 6500 का रह गया जबकि वंश एडिबल प्लांट पर सरसों के भाव 6500 पर स्थिर रहे।
हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव को देखें तो सिरसा मंडी में 5500 से 5950 ₹, ऐलनाबाद मंडी: 5650 से 5900 ₹, देवली मंडी: 5000/6390 ₹, सरसों 42% भाव 6350 ₹, जैतसर मंडी: 5486 से 5975 ₹, सिवानी मंडी: 5625 ₹, सरसों 40 लैब भाव 6125 ₹, आदमपुर मंडी: सरसों की लेब 40.31 कीमत 5900 ₹, भट्टू मंडी: सरसों भाव 6121 ₹, नोहर मंडी: 5700 से 6150 ₹, सूरतगढ़ मंडी: 5687 से 5826 ₹, बीकानेर मंडी: 5200 से 5800 ₹, श्री गंगानगर मंडी: 5300 से 6050 ₹, अनूपगढ़ मंडी: 5500 से 5800 ₹, घड़साना मंडी में सरसों का रेट 5511 से 5986 ₹ प्रति क्विंटल तक रहा।
विदेशी बाजारों से क्या मिल रही है रिपोर्ट
शनिवार को तो विदेशी बाजारों में छुट्टी होती है। अगर बात पिछले कारोबारी दिन की करें तो शुक्रवार को मलेशिया के बाजार में मुनाफा वसूली के कारण पाम तेल में गिरावट देखने को मिली थी। पाम तेल का जनवरी वायदा 70 रिंगिट यानी कि 1.5% गिरकर 4553 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि उत्पादन में कमी और इंडोनेशिया के B40 कार्यक्रम के चलते ये कमजोरी अस्थाई हो सकती है। साप्ताहिक आधार पर पाम तेल में 6.53% की वृद्धि दर्ज की गई है। मलेशिया के साथ-साथ अमेरिका के बाजारों में भी गिरावट हुई और शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल का वायदा 0.9% गिर गया। हालांकि, चीन के बाजार में तेजी दर्ज की गई, वहां के वायदा बाजार में सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 1.07 प्रतिशत तेज हुआ और पाम तेल वायदा 1.09% तक तेज हुआ।
तेल और खल के भाव
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर के भाव शनिवार को भी तेज हुए। कच्ची घानी सरसों तेल का भाव 12 रुपये कमजोर होकर 1363 रुपये प्रति 10 किलो हो गया, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 12 रुपये घट कर 1353 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। खल में स्थिरता रही और जयपुर सरसों खल के भाव 2485 रुपये प्रति क्विंटल के रहे।
दिवाली के बाद सरसों का कैसा रह सकता है माहौल
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, जैसा कि हम पहले की अपनी कई रिपोर्ट में जिक्र कर चुके हैं कि विदेशी बाजारों में गिरावट होने और नाफेड की सप्लाई के कारण भारतीय बाजार में दबाव बढ़ रहा है। सरसों की कमजोर आवक को देखते हुए बड़ी गिरावट दिवाली तक नहीं लगती। सरसों की आवक इस समय पिछले साल के मुकाबले आधी हो रही है। लेकिन नाफेड की सप्लाई ने बाजार में सरसों सप्लाई को पिछले साल के बराबर लाकर खड़ा कर दिया है। उम्मीद है कि दिवाली के बाद नाफेड की सप्लाई बंद हो जाएगी। हमारा मानना है कि जैसे ही सरसों की सरकारी सप्लाई बंद होगी बाजार में एक बार फिर से सुधार का माहौल बन सकता है। सरसों के किसानों और कारोबारियों को इस समय सपोर्ट लेवल को देखने की जरूरत है। जयपुर में सरसों का बाजार 6650 पर कारोबार कर रहा है और भरतपुर में 6350 के रेट चल रहे हैं। अगर भरतपुर मंडी में 6200 का लेवल टूटता है तो सरसों का बाजार फिर 6000 की तरफ जा सकता है। इसके विपरीत, अगर सरसों इस लेवल को होल्ड कर जाती है तो थोड़े दिन बाद फिर से 6500 तक के भाव भरतपुर में दिख जाएंगे। व्यापार अपने विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।