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क्या ऐसे ही पिटते रहेंगे सोयाबीन के भाव | जानिए सोयाबीन के बाजार से क्या आ रही है आवाज

सोयाबीन कि तेजी रिपोर्ट
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किसान साथियो और व्यापारी भाइयों , सोयाबीन की कटाई प्रारंभ होकर काफी समय बीत चुका है और धीरे-धीरे नई सोयाबीन की आवक मंडियों में पीक पर पहुंचने लगी है। पिछले दिनों सरकार ने खाद्य तेलों की ड्यूटी को लेकर जो दो बड़े फैसले लिए थे, उससे हमें एक अच्छी तेजी बनती हुई नजर आ रही थी, सोयाबीन के भाव ने 4800 से 5000 तक आंकड़ा छू लिया था लेकिन मंडियों को फिर से मंदी ने अपनी चपेट में ले लिया है। हाल फिलहाल की बात करें तो मंडियों में 3500 से लेकर ऊंचे में 4200-4500 तक के रेट देखने को मिल रहे हैं। दोस्तों त्यौहारी सीजन चल ही रहा है। इस सीजन में खाद्य तेलों की डिमांड बढ़िया रहती है इतना सब होने के बावजूद भी सोयाबीन के बाजार आखिर मंदी आने का कारण किसानो की समझ से बाहर हो रहा है। हमारे किसान भाई चिंतित हैं कि अगर इस तरह भाव गिरते रहे तो हमारी सोयाबीन की लागत भी नहीं निकल पाएगी। अब किसानों और व्यापरियों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि सोयाबीन को बेचना चाहिए या फिर थोड़ा इंतजार करना चाहिए? आगे क्या स्थिति बनेगी? आगे चलकर बाजारों में तेजी आने की संभावना है या नहीं? अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो आपको यह रिपोर्ट अंत तक पढ़नी चाहिए

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बाजार में क्या है पोजिटिव और नेगेटिव
दोस्तो अगर पॉजिटिव को देखें तो आने वाले दिनों में सोयाबीन के बाजार को तेज होने में तीन चीजों का सहारा मिल सकता है। पहली यह है कि अगले महीने से एमएसपी रेट पर सोयाबीन की सरकारी खरीद प्रारंभ हो रही है। सरकार ने सोयाबीन का रेट 4892 रुपये प्रति क्विंटल रखा है। जैसे ही सोयाबीन की खरीदी एमएसपी पर शुरू होगी, मंडियों में भी अच्छी लेवाली और तेजी बनने की संभावना बढ़ जाएगी। दोस्तो अगर MSP पर सोयाबीन बेचने के लिए अगर आपने पंजीयन नहीं करवाया है तो तुरंत पंजीयन करवा लें

दोस्तो सोयाबीन के कमजोर भाव रहने का एक दूसरा कारण यह भी है कि इस समय जो सोयाबीन बाजार में आ रही है उसमें बहुत ज्यादा मॉइश्चर है । ज्यादा नमी रहने और क्वालिटी खराब होने के कारण अच्छे भाव नहीं मिल पा रहे हैं। प्लांटों की लेवाली सुस्त चल रही है। लेकिन जैसे ही सूखी सोयाबीन मंडियों में आएगी, प्लांटों की खरीदी बढ़ेगी और भाव में तेजी देखने को मिलेगी। दोस्तो प्राप्त जानकारी के अनुसार कई प्लांटों ने अभी खरीदी शुरू नहीं की है, लेकिन अगले महीने में वह खरीदी प्रारंभ करेंगे जिससे भी बाजार में तेजी बनेगी।

दोस्तों जैसा कि हमने उपर बताया कि पिछले दिनों सरकार ने पाम तेल के आयात पर 27% टैक्स लगाया है, जिसका ग्राउंड पर अभी तक असर नहीं दिखा है। जब आयात शुल्क बढ़ाने की खबर आई थी उसे समय मार्केट ने जरूर एक बार सरपट दौड़ लगाई थी लेकिन धीरे-धीरे भाव फिसल कर उसी स्तर पर आ गए हैं। दोस्तो आयात शुल्क बढ़ने से विदेशों से तेल का आयात कम होगा। सस्ते दामों पर आयात होने वाले पाम तेल के कारण हमारे देश के सोयाबीन प्लांट बंद हो रहे थे जो की फिर से खुल जाएंगे। जब इन प्लांटों की खरीदी भी शुरू होगी और बाजार में तेजी बनेगी। इसके अलावा सरकार ने सोयाबीन की DOC यानी सोया मील निर्यात पर पहले लगने वाले टैक्स को हटा दिया है। जिससे DOC का निर्यात बढ़ेगा और सोयाबीन के भाव में उछाल देखने को मिल सकता है। सोयबीन के भाव इस समय धरातल पर चल रहे हैं और बहुत ज्यादा मंदी की गुंजाईश ना के बराबर है। हालांकि बहुत बड़ी तेजी की उम्मीद भी कम ही है लेकिन जानकरों कहना है की सोयबीन में यहां से आगे कम से कम ₹500 की तेजी संभव है। दिसंबर और जनवरी तक सोयाबीन में 5000 से 5500 के भाव तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि विदेशी बाजारों से कोई बहुत बड़ा दबाव सोयाबीन के भाव पर ना आए। इसलिए व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।

मध्य प्रदेश की मुख्य मंडियों में सोयाबीन का रेट
इंदौर में सोयाबीन का भाव ₹4500/4600, उज्जैन में ₹4000/4550 (₹25 मंदी), विदिशा में ₹3200/4350, गदरवाड़ा में ₹4100/4400, सागर में ₹3800/4400, अशोकनगर में ₹4000/4500, मंदसौर में ₹3800/4600, और गंजबसौदा में ₹4200/4300 दर्ज किया गया।

महाराष्ट्र की मुख्य मंडियों में सोयाबीन का रेट
मंडियों में जालना में सोयाबीन का भाव ₹4300, बार्शी में ₹3800/4250, दर्यापुर में ₹3800/4350, लातूर में ₹4400/4500, अकोला में ₹3700/4450, नागपुर में ₹3200/4250 (₹100 मंदी), अमरावती में ₹3500/4100, हिंगणघाट में ₹3500/4500, उदगीर में ₹4300/4350 (₹50 मंदी), और नांदेड़ में ₹4200/4300 (₹50 मंदी) दर्ज किया गया।

मुख्य मंडियों में सोयाबीन की आवक
देशभर की मंडियों में सोयाबीन की आवक 9 लाख बोरी के आंकड़े को पार कर चुकी है। हालांकि शनिवार को मंडियों में कारोबार ना होने के कारण शनिवार को कुल आवक 6,75,000 बैग की हुई , जिसमें सबसे ज्यादा योगदान मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का है। जबकि राजस्थान और अन्य राज्यों का योगदान भी महत्वपूर्ण है। मुख्य मंडियों की आवक को देख तो बार्शी मंडी में 9000 बोरी, दर्यापुर में 10000 बोरी, लातूर में 50000 बोरी, अकोला में 12000 बोरी, नागपुर में 3000 बोरी, अमरावती में 9000 बोरी, हिंगणघाट में 9500 बोरी, उदगीर में 6500 बोरी, नांदेड़ में 2000 बोरी, उज्जैन में 8500 बोरी, विदिशा में 4000 बोरी, गदरवाड़ा में 3500 बोरी, सागर में 15000 बोरी, अशोकनगर में 8000 बोरी, मंदसौर में 6000 बोरी और गंजबसौदा में 2000 बोरी की आवक दर्ज की गई।

विदेशी बाजारों से क्या है अपडेट
अमेरिका में सोयाबीन उद्योग इस समय बायोफ्यूल, खासकर रिन्यूएबल डीजल की भारी मांग के बावजूद उत्पादन की अधिकता का सामना कर रहा है। अगर देखा जाए तो 2021 से अब तक रिन्यूएबल डीजल उत्पादन क्षमता में 4 गुना वृद्धि हो चुकी है, फिर भी सोयाबीन के बढ़ते उत्पादन ने बाजार में भाव को उपर से नहीं जाने दिया है। पिछले कुछ समय से लगातार मक्का के भाव कमजोर चल रहे हैं जिसके कारण वहाँ किसानों ने मक्का की जगह सोयाबीन की खेती बढ़ा दी है। उत्पादन बढ़ने की खबरों ने सोयाबीन के भाव पर दबाब डाला हुआ है । बायोफ्यूल के लिए सस्ते विकल्प, जैसे पाम तेल आदि भी सोयाबीन की मांग को कम कर रहे हैं। सोयाबीन के बढ़ते उत्पादन को देखते हुए बाजार को बढ़ने में कुछ समय लग सकता है। विदेशी बाजारों में बाजार में बड़ी तेजी की गुंजाईश कम है। कुल मिलाकर, अमेरिकी सोयाबीन उद्योग को फिलहाल कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

पाम तेल और सोया तेल पर क्या है अपडेट
दोस्तों, मलेशिया में जब शुक्रवार को सुबह बाजार खुला था, तो बाजार में तेजी दिख रही थी, लेकिन शाम होते-होते बाजार में गिरावट बन गई। शुक्रवार को मलेशिया के बाजार में पाम तेल का जनवरी वायदा अनुबंध 21 रिंगिट यानी की 0.49 प्रतिशत गिरकर 4257 रिंगिट पर बंद हुआ। अगर साप्ताहिक आधार पर देखें, तो पाम तेल में कुल मिलाकर 2.5% की गिरावट आई है। अगर अन्य बाजारों की बात करें तो अमेरिका के शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल का वायदा 0.45% तक गिर गया। चीन के बाजार में भी कमजोरी देखने को मिली, जहां पर सोया तेल का वायदा अनुबंध 0.46% गिरा, जबकि पाम तेल का वायदा 0.96% कमजोर हुआ।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।