Movie prime

गेहूं की कीमतों में जल्द बन सकती है तेजी | देखे कब तक बन सकती है तेजी

गेहूं की कीमतों में जल्द बन सकती है तेजी | देखे कब तक बन सकती है तेजी
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

किसान साथियो सरकार की सकारात्मक बिक्री नीति से गेहूं में भरपूर मंदा आ चुका है, लेकिन वर्तमान भाव से नीचे का पड़ता सरकारी व गैर सरकारी किसी भी माल का नहीं पड़ रहा है, इसे देखते हुए यहां से व्यापार में अब कोई रिस्क दिखाई नहीं दे रहा है तथा कारोबारियों को मजूरी मिलती रहेगी, लेकिन लम्बे स्टॉक का व्यापार नहीं करना चाहिए। गेहूं की बिजाई देश में पूरी हो चुकी है। वर्तमान की बरसात से हरियाणा राजस्थान एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में गेहूं की फसल को भरपूर लाभ मिलेगा। किसान ऊंचे भाव देखकर गेहूं चौतरफा अधिक बिजाई अधिक किये हैं, इन सारी परिस्थितियों के देखते हुए मौसम आगे भी अनुकूल रहा तो रिकॉर्ड उत्पादन होने की संभावना है। वर्तमान में प्राइवेट सेक्टर में गेहूं नहीं है, लेकिन सरकार पूरी तरह सक्रिय है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

जब तक नई फसल नहीं आ जाती तब तक सरकार तेजी आने नहीं देगी
साथियो वर्तमान में साप्ताहिक टेंडर द्वारा 2150 रुपए प्रति क्विंटल के बेसिक प्राइस में बिक्री की जा रही है। सप्ताह में सरकार 4.75 लाख टन टेंडर में गेहूं बेच रही है। दूसरी ओर 2 महीने पहले स्टॉक सीमा 2000 से घटाकर 1000 टन का थोक में कर दिया गया है। उधर आटे की बिक्री भी भारत ब्रांड में 27.50 रुपए प्रति किलो के भाव में किया जा रहा है, इन परिस्थितियों को देखकर गेहूं में अब लंबी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए। हालांकि गेहूं ऊपर में 2925 रुपए प्रति क्विंटल बिकने के बाद वर्तमान में घटकर 2500 रुपए बन गया था, जो दोपहर बाद 2650 रुपए तक रोलर फ्लोर मिलों ने खरीद किया तथा इसमें 50/75 रुपए की और तेजी आ सकती है। इन बढ़े भाव में मजूरी का काम करते रहना चाहिए। नई फसल आने तक सरकार लंबी तेजी आने नहीं देगी

टेंडर सरकार से ही खरीदेंगे गेहूं
साथियो गेहूं आवश्यक खाद्य जिंस है, इसलिए सरकार की निगाह गेहूं की सप्लाई पर टिकी हुई है। पिछले दिनों यूपी में एक बार किल्लत बन गई थी, जिससे टेंडर के माल अधिकतर यूपी की मंडियों में जाकर बिकने लगे थे, लेकिन फिर से सरकार द्वारा टेंडर की बिक्री पर खरीद करने वालों की निगाह बनाने से हेरा फेरी का माल यूपी जाना बंद हो गया है तथा दिल्ली एनसीआर में टेंडर वाले माल प्रचुर मात्रा में बिकने लगे हैं। यही कारण है कि बाजार फिर से टूट कर 2575/2650 रुपए प्रति क्विंटल पर आकर टिक गया है तथा नई फसल आने तक लंबी तेजी नहीं लग रही है, बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।