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गेहूं के बाजार में लगेगा मंदी का झटका या फिर तेजी का तड़का | जाने क्या कहते हैं जानकार | गेहूं की सटीक रिपोर्ट

गेहूं के बाजार में लगेगा मंदी का झटका या फिर तेजी का तड़का | जाने क्या कहते हैं जानकार | गेहूं की सटीक रिपोर्ट
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किसान साथियो और व्यापारी भाइयो महाकुंभ के बाद से आटा, रवा और मैदा की मांग में गिरावट देखने को मिल रही है। किसानों को उम्मीद थी कि होली की डिमांड निकलेगी तो भाव में थोड़ी तेजी आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाजार में मांग कमजोर बनी रहने के कारण बाजार 100 से 150 रुपये तक टूट गया है। इसके अलावा, मार्च क्लोजिंग के चलते और कई मिलों में मेंटेनेंस का काम होने के कारण मिल मालिक ऊंचे भाव पर गेहूं खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। उनकी नजर अब नई फसल पर टिकी हुई है, ताकि वे कम कीमत पर अच्छा स्टॉक बना सकें और सालभर की जरूरत पूरी कर सकें। मंडी मार्केट मीडिया ने इस स्थिति को पहले ही भाँप लिया था और उसी हिसाब से अपनी रिपोर्ट दी थी। इस समय स्थिति यह है कि मिलर्स नई फसल का इंतजार कर रहे हैं, और अब आगे बाजार में तेजी की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। गेहूं की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे |

नई आवक का बढ़ रहा है दबाव
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख गेहूं उत्पादक इलाकों में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। आने वाले 10-15 दिनों में आवक और तेज़ होने की संभावना है, जिससे बाजार में गेहूं की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। किसानों के लिए राहत की बात यह है कि इस बार नए गेहूं की गुणवत्ता अच्छी देखी जा रही है, जिसमें नमी की मात्रा 10-22% के बीच है। हालांकि, मांग फिलहाल कमजोर बनी हुई है, और लगातार बढ़ती आवक के चलते इस हफ्ते गेहूं की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। अगर यही रुख जारी रहा, तो आने वाले दिनों में बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है।  चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

MP और UP में गेहूं सरकारी खरीदी कल से होगी शुरू
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बड़ी राहत देते हुए गेहूं की सरकारी खरीद शुरू करने जा रही है। मध्य प्रदेश में कल से तय मंडियों में गेहूं की खरीद चालू हो जाएगी। किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले, इसके लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,600 रुपये प्रति क्विंटल रखा है, जिसमें 175 रुपये का अतिरिक्त बोनस भी शामिल है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी किसानों को राहत देते हुए गेहूं के MSP में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। पहले जहां गेहूं का भाव 2,275 रुपये था, अब यह बढ़कर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। यूपी सरकार ने भी 17 मार्च से अलग-अलग एजेंसियों के जरिए गेहूं की खरीद शुरू करने की घोषणा की है। सरकार के इन फैसलों से किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

गेहूं का कितना उत्पादन हो सकता है
पिछले कुछ समय से गेहूं उत्पादन में गिरावट को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन सरकार ने इन सभी पर विराम लगा दिया है। सोमवार को सरकार ने ऐलान किया कि भारत इस साल रिकॉर्ड 115.43 मिलियन टन गेहूं की फसल काटने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह 2023-24 फसल वर्ष के लिए तय किए गए 113.29 मिलियन टन के लक्ष्य से भी ज्यादा है। दिलचस्प बात यह है कि पिछले हफ्ते रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ने गेहूं उत्पादन 110 मिलियन टन रहने का अनुमान लगाया था, जो पिछले साल के उनके ही अनुमान से ज्यादा था। लेकिन अब सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में गेहूं की बंपर पैदावार होने जा रही है। यानी बाजार में गेहूं की उपलब्धता भरपूर रहेगी। अच्छी बात यह है कि किसानों को अच्छे उत्पादन के साथ साथ अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है।

सरकार के उत्पादन अनुमान को व्यापारियों ने खारिज किया
देश में इस साल गेहूँ उत्पादन को लेकर सरकार और व्यापारियों के बीच मतभेद चल रहा है। कृषि मंत्रालय ने गेहूँ उत्पादन का अनुमान रिकॉर्ड 115.43 मिलियन टन लगाया है, लेकिन व्यापारियों को यह आँकड़ा हजम नहीं हो रहा। वे कह रहे हैं कि असल में उत्पादन इतना ज्यादा नहीं हो सकता। सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (RFMFI) ने भी 110 मिलियन टन का अनुमान जताया है, लेकिन व्यापारियों को इस पर भी भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि जमीनी हकीकत इससे अलग है, और वास्तविक उत्पादन इससे कम हो सकता है। व्यापारियों की चिंता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि बाजार में गेहूँ की उपलब्धता और कीमतें इन अनुमानों से मेल नहीं खा रही हैं। अगर वास्तव में इतना बड़ा उत्पादन हुआ होता, तो गेहूँ की कीमतों में स्थिरता दिखती, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकारी अनुमान सही हैं, या फिर व्यापारियों की आशंकाएँ सही साबित होंगी? आने वाले महीनों में जब गेहूँ का पूरा स्टॉक बाजार में आएगा, तभी सच्चाई सामने आएगी।  चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

आगे क्या रह सकता है भाव में
किसान साथियो इस सप्ताह जब सोमवार को दिल्ली मंडी खुली तो गेहूं का भाव 3,075 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला था और जब कल सप्ताह के अंतिम दिन मंडी बंद हुई तो भाव 2,900 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ था, यानी कि कुल मिलाकर इस सप्ताह 175 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिली है। मंडी भाव टुडे का मानना है कि आगे बाजार में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है क्योंकि सोमवार से MP और UP की मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है, जिससे मंडियों में गेहूं की आवक बढ़ेगी और इसका असर भाव पर पड़ेगा तथा भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है। गेहूं की पल पल की जानकारी पाने के लिए ले हमरी प्रीमियम सर्विस केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे | बात करें भाव और कितना डाउन हो सकता है तो व्यापारियों का कहना है कि वर्तमान में गेहूं की मांग कम है और आपूर्ति बढ़ रही है। इस स्थिति को देखते हुए, आने वाले दिनों में कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की और गिरावट आने की संभावना है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।