गेहूं की तेजी रोकने के लिए सरकार ने आज उठाया यह कदम | क्या गिरेंगे गेहूं के रेट | यहां जाने
किसान साथियो और व्यापारी भाइयो सरकार गेहूं की कीमतों पर पूरी नजर बनाए हुए है ताकि आम जनता को ज्यादा दाम न चुकाने पड़ें। फिलहाल मंडियों में गेहूं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2275 रुपये प्रति क्विंटल से 1000 रूपये ऊपर चल रही हैं जैसे की दिल्ली मंडी में आज भी गेहूं का बाजार 3300 रूपये पर खुला है, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ रहा है। महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने आज सख्त कदम उठाते हुए गेहूं के स्टॉक की सीमा 75% तक घटा दी है। यानी अब व्यापारी और कंपनियां ज्यादा मात्रा में गेहूं जमा नहीं कर पाएंगे, जिससे बाजार में उपलब्धता बनी रहे और कीमतें काबू में रहें। इस फैसले का असर जल्द ही बाजार में दिखने की उम्मीद है और इस फैसले से गेहूं के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है अगर आप रोजाना गेहूं का भाव और ऐसी रिपोर्ट देखना चाहते है तो आप हमारी प्रीमियम सर्विस ले सकते है 9518288171 पर मसेज या कॉल करके सर्विस चार्ज केवल 500 रूपये है 6 महीनो तक का। बाकि विशेषज्ञो का कहना है की इस फैसले से आज शाम तक गेहूं में गिरावट देखें को मिल सकती है चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
स्टॉक लिमिट में किन के लिए हुआ बदलाव
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि रबी 2024 के दौरान 1132 LMT गेहूं का उत्पादन हुआ है, जो देश की जरूरतों के लिए पर्याप्त है। समग्र खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए, सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर्स के लिए गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू की है। गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत, सरकार ने 31 मार्च 2025 तक लागू गेहूं स्टॉक लिमिट में संशोधन करने का निर्णय लिया है, हालांकि प्रोसेसर्स के लिए स्टॉक लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कितना गेहूं का स्टॉक कर सकेंगे ट्रेडर्स से लेकर प्रोसेसर्स तक
सरकार ने गेहूं के भंडारण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब ट्रेडर्स और होलसेलर्स केवल 250 मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण कर सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा 1000 मीट्रिक टन थी। रिटेलर्स को भी प्रति आउटलेट 5 मीट्रिक टन की जगह 4 मीट्रिक टन गेहूं रखने की अनुमति होगी। बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए भी यह सीमा प्रति आउटलेट 4 मीट्रिक टन कर दी गई है, लेकिन उनकी कुल स्टॉक सीमा सभी आउटलेट्स की संख्या के 4 गुना से अधिक नहीं होनी चाहिए। पहले यह सीमा 5 मीट्रिक टन प्रति आउटलेट और कुल आउटलेट संख्या के 5 गुना थी। प्रोसेसर्स के लिए स्टॉक लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, वे अप्रैल 2025 तक अपनी मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) के 50% से बचे हुए महीनों के गुणांक जितना स्टॉक रख सकते हैं।
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स्टॉक को काम करने के लिए 15 दिन की मोहलत मिली
केंद्र सरकार ने गेहूं के भंडारण को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को अब गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, उन्हें हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की ताजा स्थिति की जानकारी भी पोर्टल पर देनी होगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई संस्था पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराती है या स्टॉक लिमिट का उल्लंघन करती है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में, यदि किसी संस्था के पास निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर अपने स्टॉक को नई निर्धारित सीमा तक लाना होगा। यह कदम गेहूं के भंडारण पर निगरानी रखने और बाजार में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करे
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।