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सरकार ने बनाया अक्टूबर से हर महीने 10 लाख टन गेहूं बेचने का प्लान | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

सरकार ने बनाया अक्टूबर से हर महीने 10 लाख टन गेहूं बेचने का प्लान | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
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साथियो गेहूं के व्यापारियों, आटा चक्की मालिकों और खाद्य प्रसंस्करण करने वालों को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इन व्यापारियों ने भविष्य में गेहूं की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद में बड़ी मात्रा में गेहूं खरीदकर स्टॉक किया हुआ है। लेकिन, केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक हर महीने 10 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचने की योजना बनाई है। इस निर्णय से बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ जाएगी और इसकी कीमतों में गिरावट आ सकती है। इससे उन व्यापारियों को नुकसान हो सकता है जिन्होंने ऊंचे दामों पर गेहूं खरीदा था। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सरकार अगले छह महीनों में बेचेगी 55 लाख टन गेहूं
भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के साथ-साथ गेहूं के भंडार को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अगले छह महीनों में अपने गेहूं के भंडार से लगभग 55 लाख टन गेहूं बेचने का निर्णय लिया है। इस गेहूं की बिक्री पारदर्शी तरीके से साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से की जाएगी। सरकार ने इस नीलामी के लिए एक न्यूनतम मूल्य पहले से ही निर्धारित कर दिया है। पिछले वर्ष भी इसी तरह की नीलामी के माध्यम से बड़ी मात्रा में गेहूं बेचा गया था। हालांकि, गेहूं के दामों में पिछले साल की तुलना में बहुत कम वृद्धि हुई है।

सरकार ने इस वर्ष ओएमएसएस (केंद्रीय पूल से गेहूं की बिक्री) के तहत 55 लाख टन गेहूं की बिक्री के लिए चिन्हित किया है जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। इस कमी के बावजूद, व्यापारियों ने गेहूं की खरीद के औसत मूल्य में 8% की बढ़ोतरी की है। हाल ही में हुई साप्ताहिक नीलामी में 5 लाख टन गेहूं की बिक्री के लिए बोली लगाई गई थी और इसमें से लगभग 95% गेहूं बिक भी गया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में गेहूं की मांग अभी भी मजबूत है।

अनुमान के अनुसार गेहूं की कम रहेगी मांग
सरकार का अनुमान है कि इस साल गेहूं की मांग में कमी आएगी। यह अनुमान पिछले कुछ महीनों के दौरान मिलर, प्रोसेसर और व्यापारियों द्वारा गेहूं की बड़ी मात्रा में खरीद किए जाने पर आधारित है। इन खरीदारों को उम्मीद थी कि आने वाले समय में गेहूं के दाम बढ़ेंगे। हालांकि, उद्योग और व्यापार जगत सरकार के गेहूं उत्पादन के आंकड़ों से पूरी तरह सहमत नहीं है। फिर भी, वे मानते हैं कि इस साल गेहूं का उत्पादन पिछले साल की तुलना में बेहतर रहा है। इसके बावजूद, सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

आगे क्या हो सकता है गेहूं के भाव में
सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री 2300/2325 रुपए प्रति कुंटल में खुले बाजार में रोलर फ्लोर मिलों एवं ब्रेड निर्माता कंपनियों के लिए चालू महीने से खोल दिया जाएगा, इस वजह से मंडियों से मांग घट जाएगी। अतः वर्तमान भाव में गेहूं की बिक्री भी करते रहनी चाहिए। हम मानते हैं कि अभी गेहूं में तेजी मंदी सरकार की बिक्री नीति पर निर्भर करेगी, लेकिन गत वर्ष आपूर्ति सरकार बनाए रही, जिससे नवंबर के बाद इसमें तेजी नहीं बन पाई थी। वर्तमान में गेहूं के भाव 2830/2835 रुपए चल रहे हैं, जो गत वर्ष की अपेक्षा 350 रुपए ऊपर हैं। मिली रिपोर्ट के अनुसार अगर सरकार गेहूं का खुले बाजार में बेचती है तो भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है और आप की जानकारी के लिए बता दे की अभी तक सरकार ने गेहूं की बिक्री की निर्धारित तारीख तय नहीं की है बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।