Movie prime

अखिर क्यूं लग रहा है बार बार सरसों की तेजी पर ब्रेक | सरसों किसानों के लिए जरूरी रिपोर्ट

sarso ki teji mandi report
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

किसान साथियो घरेलू डिमांड, विदेशी बाजारों की तेजी से लेकर अल नीनो का असर भी सरसों के भाव को 6000 के उपर नहीं खींच पा रहा है। जैसे ही भाव 6000 के उपर जाते हैं बिकवाली का प्रेसर फिर से भाव को 5800-5900 की रेंज में लाकर छोड़ देता है। हमारे बहुत सारे किसान भाई और व्यापारी भाई यह जानना चाह रहे होंगे कि ऐसा क्युं हो रहा है। और क्या इस सीज़न में भाव 6 हजार के उपर के भाव दिख भी पाएंगे या नहीं। आज की रिपोर्ट में हम इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

सरकारी रुख पर सवालिया निशान
साथियो विडम्बना यही है कि एक तरफ सरकार घरेलू तेल तिलहन उत्पादन बढ़ाने की बात कर रही है लेकिन विदेशी तेलों का इतनी भारी मात्रा में आयात कर रही है कि सरसों सोयाबीन सूरजमुखी आदि तिलहन फ़सलों को इनका समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा। ऐसी परिस्थिति में किसानों की आय को दुगुना करने की बातें समझ के परे हैं। अब तो संदेह होने लगा है कि अगर सरकार का यही रुख रहा तो जिस प्रकार से देश से सूरजमुखी की फसल लुप्त हो गई वैसे ही सरसों भी खत्म हो सकती है।

ताजा मार्केट अपडेट
दो दिन की गिरावट के बाद तेल मिलों की मांग सुधरने से घरेलू बाजार में गुरुवार को सरसों की कीमतों में मामूली सुधार देखने को मिला। हालांकि जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5875 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे लेकिन भरतपुर मंडी में सरसों के भाव में 50 रुपये का सुधार हुआ और भाव 5550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दिल्ली में लॉरेंस रोड पर भी सरसों 5550 के हिसाब से ही बिकी। सुमेरपुर और जोधपुर में सरसों कंडीशन के भाव 5500 रुपये प्रति क्विंटल के रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 4.50 लाख बोरियों के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।

प्लांटों ने शाम को बढ़ाए भाव
ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की। सलोनी प्लान्ट ने सरसों के भाव 25 रुपये बढ़ा दिए जिसके बाद भाव 6375 रुपये प्रति क्विंटल हो गए ।आगरा में BP और शारदा प्लान्ट पर सरसों के भाव 50 रुपये तेज होकर 6100 पर पहुँच गए अडानी प्लांटों पर सरसों की खरीद 5900 के हिसाब से की गई जबकि गोयल कोटा पर सरसों के खरीद भाव 50 रुपये सुधर कर 5800 के हो गए।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों की बात करें तो राजस्थान की श्रीकरणपुर मंडी में सरसों का रेट 5305 नोहर मंडी में सरसों का रेट 5300 जैतसर मंडी में सरसों का रेट 5226 श्री विजयनगर मंडी में सरसों का भाव 5187 संगरिया मंडी में सरसों का टॉप भाव 5415 गजसिंहपुर मंडी में सरसों का भाव 5489 सादुलपुर मंडी में 38 लैब सरसों का रेट 5100 श्री गंगानगर मंडी में सरसों का रेट 5365 गोलूवाला मंडी में सरसों का भाव 5290 और देवली मंडी में कंडीशन सरसों का भाव 5620 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। हरियाणा की मंडियों की बात करें तो आदमपुर मंडी में सरसों का रेट 5215, ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 5307 सिरसा मंडी में सरसों का टॉप रेट 5250 शिवानी मंडी में कंडीशन सरसों का भाव 5450 रुपए भट्टू मंडी में सरसों का टॉप रेट 4950 गोहाना मंडी में नॉन कंडीशन सरसों का भाव 5050, जींद मंडी में सरसों का रेट 5380 और रेवाड़ी मंडी मे सरसों का रेट 5550 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।

तेल और खल के भाव
घरेलू बाजार में नीचे दाम पर तेल मिलों की बिक्री कमजोर होने से सरसों तेल की कीमतों में सुधार आया, साथ ही सरसों खल में मांग बनी रहने से लगातार तीसरे दिन दाम तेज हुए। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को लगातार चार दिन की गिरावट के बाद 10-10 रुपये तेज होकर दाम क्रमशः 1,102 रुपये और 1,092 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान सरसों खल के दाम लगातार तीसरे दिन 10 रुपये तेज होकर भाव 2850 रुपये प्रति क्विटल हो गए।

विदेशी बाजारों में कैसा हुआ व्यापार
व्यापारियों के अनुसार विश्व बाजार में आज खाद्वय तेलों में मिलाजुला रुख रहा। जहां मलेशिया में पाम तेल के भाव 1% से ज्यादा तेज हुए, वही शिकागो में CBOT पर सोया तेल की कीमतें नरम हुई।  बाजारों की बात करें तो चीन की डालियान एक्सचेंज पर सोयाबीन और पाम तेल के दाम तेज होने के कारण मलेशियाई पाम तेल का वायदा भाव गुरुवार को एक फीसदी से अधिक तेज होकर बंद हुआ, तथा मलेशिया में पिछले दो दिनों चल रही गिरावट पर ब्रेक लगा। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (BMD) पर नवंबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 50 रिंगिट, यानी की 1.31% की तेजी आकर भाव 3,880 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए। जबकि डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 2.1% तेज हुआ हुआ, और इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.7 % बढ़ा । हालांकि शिकागो में CBOT पर सोया तेल की कीमतें 0.9 % कमजोर हुई ।

अखिर क्यूं नहीं बढ़ रहे भाव
घरेलू बाजार में सरसों के भाव पर आयातित तेलों का अब तक का सबसे बड़ा प्रेशर आ रहा है। विदेशी तेल इतने सस्ते भाव पर उपलब्ध हैं कि सरसों तेल इसका मुकाबला नहीं कर पा रहा है। विदेशी तेलों के बढ़ते आयात से घरेलू तेल तिलहन उद्योग मरणासन्न अवस्था में पहुँच गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जुलाई-अगस्त महीने में विदेशी तेलों के आयात में जबरदस्त वृद्धि हुई है। सोल्वैंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) के अनुसार जुलाई में पाम प्रोडक्ट का आयात 10.86 लाख टन तक पहुंच गया जो औसत से कहीं अधिक है। अनुमान लगाया गया है कि इस साल का कुल आयात 150 लाख टन से अधिक हो सकता है।

क्या और तेज होगी सरसों
बहरहाल सरसों के बाजार के जानकारों का कहना है कि त्योहारी सीजन होने के कारण सरसों तेल की मांग अभी बनी रहेगी। विश्व बाजार में अभी खाद्वय तेलों की कीमतों में मामूली घट बढ़ बनी रहने का अनुमान है। इसलिए घरेलू बाजार में भी सरसों के भाव में ज्यादा मंदा आने की संभावना कम है। गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट में सरकार व आरबीआई को आगामी त्योहारी सीजन में महंगाई बढ़ने के प्रति सजग रहने की सलाह दी गई है। जिसका मतलब यह है कि आगे चलकर सरसों और सरसों तेल में तेजी बन सकती है। आज के बाजार की बात करें तो आज विदेशी बाजार स्थिरता से लेकर मामूली तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। भारतीय बाजारों में भी आज स्थिरता से लेकर मामूली तेजी बन सकती है। कहने का मतलब ही है कि सरसों में अब मंदे का डर भले ही ना हो लेकिन तेजी के लिए दिवाली तक इंतजार करना पड़ सकता है। व्यापार अपने विवेक से करें।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।