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प्याज के बाजार पर बढ़ सकता है दबाव | जाने प्याज मंडियों से क्या मिल रही है रिपोर्ट

जाने प्याज मंडियों से क्या मिल रही है रिपोर्ट
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 नमस्कार प्यारे किसान भाईयों और व्यापारी साथियों! आज की तारीख है 28 सितंबर 2024 और दिन है शनिवार। आज हम आपको बताएंगे कि दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का बाजार कैसा रहा। इस रिपोर्ट में हम मंडी की आवक, कीमतों में उतार-चढ़ाव, सरकारी हस्तक्षेप, और आने वाले दिनों की संभावित मांग के बारे में जानकारी देंगे।

मंडी में प्याज की आवक
आज मंडी में कुल 124-125 गाड़ियां प्याज लेकर आई हैं। यह गाड़ियां विभिन्न राज्यों और स्रोतों से आई हैं, जो इस प्रकार हैं:

कर्नाटक: 5 गाड़ियां
नासिक: 5 गाड़ियां
अफगानिस्तान: 1 गाड़ी
नेफेड: 14 गाड़ियां
एनसीसीएफ: 18 गाड़ियां
पुणे: 3 गाड़ियां
राजस्थान: 13 गाड़ियां
मध्य प्रदेश: 20 गाड़ियां
इसके अलावा, कल की 49 गाड़ियां जो पहले से मंडी में खड़ी हैं, उनके साथ ताजा 30 गाड़ियों के आने से कुल आवक 124-125 गाड़ियों तक पहुंची है। इससे मंडी में प्याज की सप्लाई बढ़ी है।

शनिवार को मंडी में 'डबल मंडी' का माहौल बनता है, जहां सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा खरीदारी होती है। आज भी, सामान्य दिनों की अपेक्षा ग्राहकी थोड़ी बेहतर है, लेकिन त्योहारों के कारण यह तेजी कुछ समय के लिए मंद पड़ने की संभावना है।

 नेफेड और एनसीसीएफ का प्रभाव

नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा मंडी में प्याज की बिक्री से बाजार में मंदी देखी जा रही है। एनसीसीएफ ने अपने माल को 1490-1500 रुपये प्रति मन में बेचा, जबकि बाकी माल 1600 रुपये प्रति मन में बिक रहा था। सरकारी माल की बढ़ती सप्लाई के चलते बाजार में गिरावट आई है, जिससे व्यापारी चिंता में हैं कि इससे भविष्य में भी मंदी जारी रह सकती है। क्योकि नेफेड और एनसीसीएफ, दोनों सरकारी एजेंसियां, अपने स्टॉक से प्याज बेचने के साथ-साथ खरीददारी भी कर रही हैं। इस सरकारी हस्तक्षेप के चलते व्यापारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारी बताते हैं कि अगर इसी तरह सरकारी हस्तक्षेप जारी रहा, तो उनके लिए मंडी में व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा।

आने वाले त्योहारों का प्रभाव
नवरात्रि का समय नजदीक है,आगामी नवरात्रि के त्योहार के चलते, प्याज की मांग में गिरावट की संभावना है, क्योंकि उत्तर भारत (नॉर्थ इंडिया) में इस दौरान लगभग 99% लोग प्याज का सेवन बंद कर देते हैं, चाहे वह घर हो या होटल।। ऐसे में अगले सप्ताह तक बाजार में प्याज की बिक्री धीमी रह सकती है, नवरात्रि के बाद, जब पांचवां-छठा दिन आएगा, तभी प्याज की मांग फिर से बढ़ सकती है।

प्याज की कीमतें और बाजार की स्थिति
कर्नाटक से आने वाली प्याज की कीमतें 35-40 रुपये प्रति किलो तक हैं। हालांकि, कर्नाटक के प्याज की गुणवत्ता स्थानीय बाजार में अपेक्षाकृत कम मानी जा रही है। इसके अलावा, अफगानिस्तान से भी प्याज की आवक शुरू हो गई है, जिससे व्यापारियों में चिंता है कि आने वाले दिनों में कीमतों में और गिरावट हो सकती है।

अफगानिस्तान से आयात

अफगानिस्तान से प्याज की आवक भी मंडी में हुई, और वहां का प्याज 30-35 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिकने की संभावना है। हालांकि, इसकी गुणवत्ता भारतीय प्याज के मुकाबले हल्की है, इसलिए इसका भाव थोड़ा कम रहने की उम्मीद है।

कर्नाटक से आई प्याज की गाड़ियों में उतार-चढ़ाव

कर्नाटक से आजादपुर मंडी में 5 गाड़ियां आईं। कर्नाटक से आने वाले प्याज में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। हर गाड़ी में प्याज की गुणवत्ता अलग-अलग होती है, जिसके कारण एक ही गाड़ी में कई लॉट होते हैं, जिनके भाव भी अलग होते हैं।

कर्नाटक से आने वाली प्याज की कीमतें 35-40 रुपये प्रति किलो हैं, जो कि इस समय के लिए अच्छी मानी जा रही हैं। हालांकि, कर्नाटक के प्याज की गुणवत्ता स्थानीय बाजार में कम मानी जा रही है। स्थानीय मंडी में प्याज की मांग में कमी देखी जा रही है, खासकर नवरात्रि और अन्य त्योहारों के कारण।

अलवर से प्याज की अपडेट

हर साल अलवर से प्याज की आवक अक्टूबर के अंत तक हो जाती थी, लेकिन इस साल इसकी आवक नवंबर के मध्य तक होने की उम्मीद है। इसका सीधा असर पुराने प्याज की मांग पर पड़ेगा, जो धीरे-धीरे कमजोर हो सकता है। पिछले साल भी अलवर से आने वाले प्याज को अच्छा मौका मिला था, और इस साल भी व्यापारियों को उम्मीद है कि उन्हें लाभ मिलेगा।

प्याज के बाजार में इस साल अगस्त और सितंबर के महीने में अच्छी कीमतें मिली हैं। व्यापारियों का कहना है कि अब सरकार की नीति और मंडी के नियमों के चलते व्यापार में थोड़ा उतार-चढ़ाव हो सकता है। सरकारी एजेंसियों, जैसे नेफेड और एनसीसीएफ, द्वारा प्याज की बिक्री और खरीददारी के कारण व्यापारियों पर दबाव बढ़ गया है।

 जिनके पास फिलहाल प्याज का स्टॉक है, उन्हें धीरे-धीरे इसे बाजार में लाना चाहिए। अचानक स्टॉक बेचने से भाव में गिरावट आ सकती है, इसलिए संयम और सोच-समझकर स्टॉक को निकालना बेहतर है। कुछ व्यापारी यह भी मानते हैं कि वर्तमान बाजार में स्टॉक प्रबंधन की रणनीति महत्वपूर्ण है। इस समय आजादपुर मंडी में प्याज की मौजूदा स्थिति मिश्रित है। एक तरफ सप्लाई अधिक है, तो दूसरी ओर सरकारी एजेंसियों की हस्तक्षेप और त्योहारों की मांग में कमी ने बाजार को कमजोर कर दिया है। व्यापारियों को आने वाले हफ्तों में धीमी बिक्री की उम्मीद है, खासकर नवरात्रि के दौरान।