2025 में बढ़ सकता है आलू का उत्पादन | जाने मंडियों से भाव की क्या मिल रही है रिपोर्ट
25 दिसंबर 2024 को आजादपुर मंडी में आलू का बाजार और आवक की स्थिति
आज, 25 दिसंबर 2024 को, आजादपुर मंडी में आलू की बाजार स्थिति में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है ।बाजार में फिलहाल कुछ मंदी दिखाई दे रही है। हालांकि, यह सस्ता बाजार स्थिर नहीं रहेगा, क्योंकि यदि आने वाले दिनों में अराइवल कम होती है तो बाजार में एक बार फिर उछाल आ सकता है। वर्तमान में, बाजार में लाल आलू का अच्छा उठाव हो रहा है, खासकर पंजाब से आ रहे लाल आलू का। इसके साथ ही, शुगर फ्री आलू की आवक भी मंडियों में हो रही है, लेकिन इस आलू का भाव काफी स्थिर है। यह साल के अन्य वर्षों से थोड़ी अलग स्थिति है, जहां आमतौर पर कीमतें इस समय तक उच्च रहती थीं। फिर भी, अगर उत्पादन ज्यादा होता है, तो किसान को अधिक लाभ हो सकता है, क्योंकि जब खेतों से अधिक आलू निकलता है, तो उसका आपूर्ति अधिक होती है, जिससे कीमतों में स्थिरता आती है।
इस समय मंडी में कुल 82 गाड़ियाँ आलू लेकर आई हैं, जिनमें से 60 गाड़ियाँ नई हैं, जिनमें 30 गाड़ियाँ संभल और 30 गाड़ियाँ पंजाब से आई हैं। कल की तुलना में आज आवक कम है, क्योंकि पिछले सप्ताह 120 से 135 गाड़ियाँ मंडी में पहुंची थीं, लेकिन इस सप्ताह केवल 82 गाड़ियाँ आई हैं। इसकी वजह से बाजार में कुछ मंदी आई है, लेकिन अगर अगले कुछ दिनों में गाड़ियाँ आनी जारी रही तो बाजार में सुधार हो सकता है। फिलहाल, 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव देखे जा रहे हैं, जो पिछले कुछ हफ्तों में 1300 से 1400 रुपये तक थे। किसानों के लिए एक अच्छी बात ये है कि अगर आवक और कम हुई तो भाव में थोड़ी बढ़त हो सकती है, लेकिन फिलहाल बाजार में मंदी का असर है। कुछ व्यापारी इस उम्मीद में हैं कि अगले साल की स्थिति पहले जैसी न हो, क्योंकि कुदरत का असर भी कीमतों पर पड़ता है।
आलू के कट्टों की स्थिति
आज आजादपुर मंडी मे फड़ों पर इस समय आलू के कट्टों में कुछ फर्क देखने को मिल है, आज अधिकतर एलआर (लांग रेंज) कट्टे उतरे हुए हैं, लेकिन इनकी डिमांड कम है। पुराने आलू, खासकर मीठे आलू, अब कोई नहीं मांग रहा है। 7000 से 8000 कट्टों की रिपोर्ट है, और फिलहाल पुराने स्टोर वाले आलू की डिमांड घट गई है।
एलआर आलू के बिकने की स्थिति थोड़ी बेहतर है, जहां ग्रेडिंग करने के बाद ये अच्छे भाव में बिकते हैं। इस समय गुल्ले आलू का भाव 700 से 800 रु प्रति कट्टा (50 किलो) के बीच और गोली के भाव 600 रु प्रति कट्टा (50 किलो) के बीच चल रहे हैं, जबकि ग्रेडेड आलू की स्थिति बेहतर है। ग्रेडेड आलू की कीमत 900 से 1000 रु प्रति कट्टा (50 किलो) तक जा सकती है, क्योंकि ग्रेडिंग के बाद ग्राहकों को सही आकार का आलू मिलता है।
पंजाब और संभल से आने वाले आलू की स्थिति में हल्का फुल्का सा बदलाव आया है। पंजाब के जालंधर, खन्ना, माछीवाड़ा और होशियारपुर से आने वाले आलू की डिमांड कम हो रही है, और अब इन क्षेत्रों से आवक धीरे-धीरे खत्म हो रही है।
जालंधर से आलू 700 रु प्रति कट्टा (50 किलो)के आसपास के भाव पर आलू बिक रहे हैं। वहीं, संभल से 800 से 900 रु प्रति कट्टा (50 किलो) के बीच अच्छे आलू की डिमांड बनी हुई है। आगामी दिनों में संभल से आलू की आवक बढ़ने की संभावना है, और इसके साथ ही जालंधर से और पंजाब के अन्य क्षेत्रों से भी आवक बढ़ेगी। इस समय पंजाब से रैक और ट्रॉले की व्यवस्था शुरू हो चुकी है, जो महाराष्ट्र और अन्य दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों की ओर जा रहे हैं। यदि इन क्षेत्रों से डिमांड बढ़ती है, तो बाजार में भाव में उछाल आ सकता है। कुल मिलाकर, इस साल पूरे साल डिमांड बनी रहेगी और यदि डिमांड बढ़ी, तो भाव में बढ़ोतरी भी हो सकती है।
आने वाले दिनों में आलू के भाव और डिमांड
आने वाले दिनों में आलू की कीमतों और डिमांड में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं, खासकर चंदोसी, सूर्या और चिप्सोना जैसे प्रमुख आलू के किस्मों में। फिलहाल, चंदोसी के आलू की कीमत 1400 से 1450 रु प्रति कट्टा (50 किलो) के बीच बताई जा रही है, जो कि अच्छे चिप्सोना आलू के लिए है। इस समय स्टोर में आलू की तादाद काफी कम हो गई है, जिसके कारण इनकी डिमांड बनी हुई है। कुछ आलू ऐसे हैं, जिनकी डिमांड कुछ ज्यादा है, लेकिन अब ज्यादातर कस्टमर नए प्रकार के आलू की ओर बढ़ रहे हैं। सूर्या आलू की कीमत 1500 रु प्रति कट्टा (50 किलो) तक जा सकती है, जो पिछले कुछ समय में बढ़ी है।
इसका कारण यह है कि अब कस्टमर आलू के खास प्रकार की मांग कर रहे हैं, जैसे चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त आलू, जिसे वे सिलेक्टेड आलू के रूप में टोकरे में ले जाते हैं। ऐसे आलू का भाव 50 किलो में रखा जाता है और कुछ कस्टमर इसे खासतौर पर खरीदते हैं। पुराने सूर्या आलू की डिमांड कम हो गई है, और वह थोड़े लूज हो गए हैं, फिर भी उनकी कीमत 1000 के आसपास बिक रही है। वहीं, पुराने स्टोर में पड़े हुए आलू, जैसे 3797 की कीमत 1000 से 1200 रु प्रति कट्टा (50 किलो) के बीच हो सकती है, खासकर यदि वह अच्छी गुणवत्ता वाले हों, जैसे सूखा, टाइट और सिलेक्टेड आलू।
अगर हम उत्पादन की बात करें, तो 2025 में आलू का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हो सकता है, जिसके कारण डिमांड भी बनी रहेगी। हालांकि, हाइब्रिड आलू की डिमांड सामान्य से कम ही रहती है, खासकर स्टोर के दिनों में। लेकिन 3797, T7, T9, सूर्या और चिप्सोना की डिमांड पिछले साल की तरह ही बनी रहेगी, क्योंकि ये किस्में अधिक उपयुक्त हैं और इनकी डिमांड चिप्स इंडस्ट्री में ज्यादा है। इसलिए, आने वाले समय में इन किस्मों का उत्पादन अधिक होने से भी डिमांड बनी रहेगी।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।