आज प्याज के भाव आयी तेजी या हुई गिरावट | जाने आज मंडियों से क्या मिल रही है रिपोर्ट
नमस्कार किसान साथियों और व्यापारी भाइयों आज आजादपुर मंडी में प्याज की आवक, गुणवत्ता, और मूल्य को लेकर व्यापक जानकारी सामने लेकर आए है । आज 32,000 कट्टे ताजा प्याज की आवक दर्ज की गई, जबकि 3,000 कट्टे का कल का बैलेंस रहा। इसके अतिरिक्त, 8 गाड़ियां ताजा प्याज लेकर आईं, जिनमें 4 गाड़ियां नासिक की थीं, जो कि मदर डेयरी और नेफेड जैसी कंपनियों के माध्यम से पहुंची थीं। शेष 4 गाड़ियां राजस्थान से आईं, जिनमें नया माल शामिल था।
राजस्थान के प्याज की गुणवत्ता की बात करें तो यह काफी सराहनीय रही। कल, सुपर क्वालिटी का प्याज 1600 से 1650 रुपये प्रति मन (40 किलो) में बिका, जबकि मीडियम क्वालिटी का मूल्य 1200 से 1300 रुपये प्रति मन (40 किलो) रहा। आज की स्थिति लगभग कल जैसी ही रही। मूल्य और मांग में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। मंडी में फिलहाल प्याज की आवक पर दबाव कम है, और यह सीमित मात्रा में पहुंच रही है।
पुराने प्याज की बात करें तो कुछ स्टॉक अभी भी मंडी में आ रहा है। चार गाड़ियां ऐसी थीं जो पुराने स्टॉक से थीं, जिनमें से कुछ नासिक के प्याज का स्टॉक था। वहीं, राजस्थान के कुचामन और सीकर जैसे इलाकों से नया माल आ रहा है। हालांकि, पुराने माल का प्रभाव अब लगभग खत्म हो गया है, और आने वाले समय में पुराने स्टॉक की संभावना बहुत कम दिख रही है।
अलवर के प्याज की उपलब्धता और आने वाली मात्रा को लेकर अनुमान है कि लगभग 35-40% प्याज अभी भी स्टॉक में बचा है। पहले, मंडी में प्रतिदिन दो से तीन लाख कट्टों की आवक थी, जो अब घटकर काफी सीमित हो गई है। अगले 10-15 दिनों में प्याज की आवक में और कमी आने की संभावना है।
पिछले एक महीने में प्याज के दाम में बड़ा अंतर देखा गया है। एक समय पर जो प्याज 2200 रुपये प्रति मन (40 किलो) बिक रहा था, वह अब 1000 से 1600 रुपये प्रति मन (40 किलो) के बीच बिक रहा है। उच्च गुणवत्ता वाले प्याज का मूल्य आज 1700 रुपये तक दर्ज किया गया। व्यापारी इस बात से संतुष्ट हैं कि अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज के लिए उचित मूल्य मिल रहा है।
अलवर मंडी में प्याज के निर्यात को लेकर हाल ही में जो परेशानियां थीं, वे अब काफी हद तक सुलझ चुकी हैं। परसों तक बॉर्डर के बंद होने के कारण निर्यात में थोड़ी रुकावट आई थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो गई है। माल का फ्लो लगातार बना हुआ है, और बॉर्डर पर प्याज का क्रॉस होना दोबारा शुरू हो गया है। निर्यात के मोर्चे पर किसी नई परेशानी की आशंका फिलहाल नहीं है शनिवार का दिन मंडी के लिए खास रहा, क्योंकि ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई। शुक्रवार की तुलना में शनिवार को खरीदारी का माहौल अधिक सक्रिय रहा। दो दिन की मंडी के कारण मांग में वृद्धि देखी गई, जिससे मंडी में हलचल बनी रही। शुक्रवार को बाजार में जो मायूसी या गिरावट नजर आ रही थी, वह शनिवार को पूरी तरह गायब थी।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और गुजरात से नए प्याज के आने को लेकर अभी समय लग सकता है। गुजरात से कल केवल 50 कट्टे प्याज की आवक हुई, लेकिन वहां के भाव दिल्ली में प्याज की लागत 1700 से 1800 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक पहुंचा रहे हैं। इस वजह से गुजरात, एमपी और महाराष्ट्र के प्याज का यहां दस्तक देने में अभी 15 दिन का समय लग सकता है। जब तक अलवर का स्टॉक और खैरथल क्षेत्र का माल कम नहीं हो जाता, तब तक अन्य राज्यों से प्याज की सप्लाई बड़े पैमाने पर नहीं शुरू होगी।
पिछले महीने की तुलना में प्याज की गुणवत्ता में सुधार देखा जा रहा है। अब जो माल मंडी में आ रहा है, उसकी क्वालिटी बेहद शानदार है। धूप के चलते प्याज सूखा और सुदृढ़ आ रहा है। कच्चे और हल्के माल की मात्रा बेहद कम हो गई है। 90% प्याज अच्छी क्वालिटी का है, जिसका आकार मोटा और साइज मीडियम से बड़ा है। केवल 10% माल ऐसा है जिसमें कुछ मामूली खामियां हो सकती हैं, लेकिन ओवरऑल गुणवत्ता काफी बेहतर है। किसानों ने अब अच्छे दाम मिलने के चलते बेहतर गुणवत्ता का माल निकालना शुरू कर दिया है।
शनिवार के दिन मंडी में अच्छी खरीदारी देखी गई, और लगभग सारा माल बिक चुका है। किसानों के चेहरों पर खुशी नजर आई, क्योंकि उन्हें उनके माल का बेहतर भाव मिला। मंडी में लगभग 9000-10050 कट्टों की आवक हुई, जिनमें से अधिकांश बिक चुके हैं। आज के दिन अलवर और आसपास की अन्य मंडियों के बंद होने के कारण अलवर मंडी में आवक और मांग बढ़ी। किसानों ने भी बताया कि इस समय माल की क्वालिटी पहले से बेहतर आ रही है, जो उन्हें अच्छा भाव दिला रही है।
दिल्ली में माल लाने का मुख्य कारण बेहतर भाव मिलना है, जो किसानों को अतिरिक्त लाभ देता है। बाजार में निर्यात और लॉजिस्टिक्स सामान्य हो गए हैं, जिससे मंडी में माल का फ्लो बेहतर बना हुआ है। आने वाले दिनों में बाजार की स्थिरता बनी रहने की उम्मीद है, और नासिक व राजस्थान से उच्च क्वालिटी का माल आने से बाजार मजबूत रहेगा। ओवरऑल, आज का दिन किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए संतोषजनक रहा।
मंडी में नासिक के मोटे माल की मांग सबसे अधिक रही, और इसका भाव ₹1700 से ₹1800 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक दर्ज किया गया। वहीं, मीडियम गुणवत्ता वाले माल की मांग राजस्थान से रही, जिसका भाव ₹1300 से ₹1400 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक रहा। अलवर मंडी का हाईएस्ट भाव ₹1700 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक पहुंचा, जबकि छोटे साइज और मीडियम साइज के माल ₹1000 से ₹1400 रुपये प्रति मन (40 किलो) में बिके। औसत क्वालिटी वाले माल की कीमत ₹1500 से ₹1600 रुपये प्रति मन (40 किलो) के बीच रही, और गोल्टी माल ₹1000 से ₹1200 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक के भाव पर बिके।
बंपर मोटे माल का भाव ₹1600 से ₹1700 रुपये प्रति मन (40 किलो) तक रहा। हालांकि, मंडी में छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव देखे गए, जहां 10 से 50 रुपये तक का अंतर अलग-अलग सौदों में देखने को मिला। कुल मिलाकर, मंडी का प्रदर्शन सकारात्मक रहा और व्यापारियों व किसानों दोनों के लिए संतोषजनक माहौल बना।
मंडी में शनिवार का माहौल काफी सकारात्मक रहा, जहां किसानों और ग्राहकों के बीच अच्छी सक्रियता देखने को मिली। शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को किसानों को प्रति किलो 2-2.5 रुपये तक अधिक भाव मिले, जिससे किसान संतुष्ट नजर आए। नासिक, पुणे, और राजस्थान से आया माल सूखा और बड़े साइज का था, जो गुणवत्ता के मामले में शानदार रहा। मोटे माल का भाव ₹1600 से ₹1800 प्रति क्विंटल तक रहा, जबकि मीडियम माल ₹1300 से ₹1400 प्रति क्विंटल और औसत माल ₹1000 से ₹1500 प्रति क्विंटल में बिका।
बाजार में नासिक और पुणे के माल की स्थिरता बनी हुई है, और आने वाले दिनों में भी भाव में गिरावट की संभावना कम है। गुजरात से माल आने में अभी 15 दिनों का समय लग सकता है, जब तक नासिक और एमपी से नई आमद धीमी नहीं पड़ती।