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क्या प्याज बेचने का सही समय आ गया है l जाने आज बाजार से क्या मिल रही है रिपोर्ट

क्या प्याज बेचने का सही समय आ गया है l जाने आज बाजार से क्या मिल रही है रिपोर्ट
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आज की तारीख 13 दिसंबर 2024, दिन शुक्रवार। आज की मंडी रिपोर्ट में हम प्याज के बाजार की स्थिति, ग्राहकी, क्वालिटी, और आवक पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि आजादपुर मंडी और अन्य प्रमुख मंडियों में प्याज का क्या भाव रहा, बाजार की मांग कैसी है, और आने वाले दिनों में क्या परिस्थितियां बनने वाली हैं।

क्या कहता है बाजार का माहौल?

बाजार में किसान भाइयों को फिलहाल प्याज के अच्छे दाम मिल रहे हैं। हालांकि, यह महीना किसानों के लिए काफी अहम है क्योंकि जनवरी तक मंडियों में प्याज की आवक सीमित हो सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जो भी स्टॉक है, उसे निकालते रहें क्योंकि आने वाले समय में भाव और बढ़ सकते हैं। आज का बाजार संकेत देता है कि प्याज की क्वालिटी और कीमतें दोनों स्थिर हैं। दोस्तों अब तेजी की संभावना कम है क्योंकि सभी क्षेत्रों का माल तैयार है। किसानों को सलाह दी जा रही है कि अगले 10-15 दिन में अपना माल निकालें, क्योंकि पछेती फसलें आ रही हैं। यह साल किसानों के लिए लाभकारी रहा है, और अभी भाव स्थिर हैं। आगे अलवर के माल का भाव गिर सकता है, इसलिए किसानों को जल्दी माल निकालने की सलाह दी जा रही है। कि वे अपने माल को समय पर मंडी में लाएं ताकि उन्हें अच्छे दाम मिल सकें। आने वाले दिनों में गुजरात और नासिक की आवक पर नजर रखें क्योंकि यह बाजार को और प्रभावित कर सकती है।

आजादपुर मंडी की आवक और कुल स्थिति

आज आजादपुर मंडी में प्याज की कुल आवक 20,000 कट्टे दर्ज की गई, जिसमें से 4,000 कट्टे बैलेंस में बचे हुए हैं। दिल्ली आजादपुर मंडी में आज कुल 16 गाड़ियां मंडी में पहुंची हैं, जिनमें एमपी (मध्य प्रदेश) और नासिक के प्याज की आवक शामिल है। इन गाड़ियों में से 5 गाड़ियां नेफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) के पास हैं। जिनमें से ताजी गाड़ियां सात हैं। इनमें से दो गाड़ियां राजस्थान से और एक गाड़ी पुणे से आई है। पुणे की गाड़ी में माल की क्वालिटी अच्छी और हल्की दोनों प्रकार की है, लेकिन कोई डैमेज माल नहीं है।

नासिक की आवक बढ़ रही है ,जिसमें छोटे प्याज (गोलिया, बारी) की ज्यादा मात्रा है। नासिक से आने वाले गोलिया और बारी प्याज का भाव ₹800 से ₹1,000 रु प्रति मन (40 किलो तक है। वहीं, खैरथल का प्याज ₹1,400 से ₹1,800 रु प्रति मन (40 किलो) तक बिक रहा है। अच्छी क्वालिटी के प्याज का भाव ₹1,600 से ₹1,800 रु प्रति मन (40 किलो तक है, जिससे बाजार में ग्राहकी भी तेज हो रही है। ग्राहकी की स्थिति बेहद अच्छी है। खरीदारों का रुझान बाजार में बना हुआ है, जिससे प्याज की मांग में तेजी देखी जा रही है। हालांकि, खैरथल के प्याज का सीजन अब समाप्ति की ओर है। यह प्याज अगले 10 दिनों तक, यानी दिसंबर के मध्य तक ही मंडियों में दिखाई देगा। आगे आने वाले दिनों मे गुजरात से आने वाली गाड़ियों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे प्याज का स्टॉक पर्याप्त रहेगा।

क्वालिटी और भाव

खैरथल और अलवर जैसे इलाकों से प्याज की अच्छी और हल्की दोनों तरह की क्वालिटी बाजार में उपलब्ध है।

बढ़िया क्वालिटी: ₹1,600 से ₹1,800 रु प्रति मन (40 किलो तक।

हल्की क्वालिटी: ₹1,400 से ₹1,600 रु प्रति मन (40 किलो तक।
आने वाले दिनों में प्याज के भाव रुकने वाले नहीं हैं। जनवरी के पहले पखवाड़े तक खैरथल का प्याज मंडियों में नजर आएगा।

मध्य प्रदेश (एमपी): एमपी के प्याज का स्टॉक विभिन्न राज्यों में पहुंच चुका है, और बाजार में इसकी अच्छी आवक बनी हुई है।

पुणे:

माल 1500-1800 रु/मन में बिका।

क्वालिटी मिक्स है, लेकिन कोई डैमेज नहीं।

मध्य प्रदेश:

दो गाड़ियां आई हैं, और माल 1400-1600 रु/मन में बिका।

नासिक (नेफेड):

तीन गाड़ियां, सरकारी माल 800-900 रु/मन में बिका।

क्वालिटी औसत है।

राजस्थान (नया माल):

1700-1800 रु/मन।

हल्के और भारी माल दोनों उपलब्ध।

20000 कट्टा फ्रेश और 3000-4000 कट्टा बैलेंस माल।

अन्य क्षेत्रों का अपडेट:

गुजरात:

भाव 35-42 रु/किलो।

आज लगभग 2.5 लाख कट्टे का आवक।

महाराष्ट्र:

भाव 42-43 रु/किलो तक।

आवक अच्छी रही।

बांग्लादेश:

माल 60-76 रु/किलो तक बिका।

आयात और निर्यात की स्थिति

बांग्लादेश से आयात की खबरें भारत के लिए चिंता का विषय बन रही हैं, खासकर आलू और प्याज जैसे उत्पादों के मामले में। अब तक बांग्लादेश इन जरूरी चीजों के लिए भारत पर निर्भर रहा है, लेकिन हाल ही में वहां के ट्रेड एंड टैरिफ कमीशन (BTTC) ने वैकल्पिक सप्लायरों की पहचान करते हुए रिपोर्ट कॉमर्स मिनिस्ट्री को सौंपी है। इसके बाद बांग्लादेश ने आयातकों और अन्य विभागों के साथ बैठक की, जिसमें भारत के अलावा जर्मनी, चीन, पाकिस्तान और तुर्की जैसे देशों से आयात के विकल्पों पर चर्चा हुई। हालांकि, इन देशों से आयात भारत के मुकाबले महंगा साबित हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, जर्मनी से आलू $250-500 प्रति टन और चीन से प्याज $430-650 प्रति टन तक का पड़ सकता है।

भारत ने 2023-24 में बांग्लादेश को करीब 7.24 लाख टन प्याज और 3.5 लाख टन आलू निर्यात किया, जो दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों को दर्शाता है। भौगोलिक निकटता, बेहतर सप्लाई चैन और कम लागत के कारण भारत अब भी बांग्लादेश का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। लेकिन, बांग्लादेश का भारत विरोधी रुख और नए सप्लायरों की तलाश भारत के लिए एक चुनौती हो सकती है। फिर भी, भारत की मजबूत कृषि उत्पादकता और सप्लाई चैन इस क्षेत्र में उसकी स्थिति को बनाए रखने में मददगार साबित होगी।