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अगर सरसों का स्टॉक पड़ा हुआ है तो नुकसान से बचाने वाली ये रिपोर्ट जरूर देख लें। सरसों बेचने से पहले ये रिपोर्ट देखने जरूरी है

अगर सरसों का स्टॉक पड़ा हुआ है तो नुकसान से बचाने वाली ये रिपोर्ट जरूर देख लें। सरसों बेचने से पहले ये रिपोर्ट देखने जरूरी है
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किसान साथियों और व्यापारी भाइयों पिछले कुछ दिनों से मजबूती के साथ खड़े रहने के बाद कल सरसों के बाजार पर एक बार फिर से दबाव दिखाई दिया सुबह से लेकर सरसों के भाव 50 से लेकर 100 रुपए तक लुढ़क गए। बाजार की सबसे गौर करने वाली बात यह रही की एक तरफ जहां मलेशिया में पाम तेल में लगभग 2% की तेजी दर्ज की गई वहीं भारतीय बाजार ने इस तेजी को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया और भारतीय बाजार में सरसों और सोयाबीन के भाव नीचे की तरफ गए। दोस्तों हम पहले भी अपनी रिपोर्ट में कह चुके हैं कि बाजार इस समय सरसों में तेजी को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है। बहरहाल अब देखने वाली बात यह है कि क्या बाजार में अभी भी कुछ ऐसे फैक्टर हैं जो बाजार को होल्ड कर सकते हैं या फिर तेजी की तरफ मोड़ सकते हैं। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के बाजार का गहराई से विश्लेषण करेंगे

ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों सोमवार को बाजार खुला तो मलेशिया में पाम तेल की दो प्रतिशत की तेजी को देखने के बाद सरसों के भाव तेजी में खुलने चहिए थे लेकिन बाजार लगभग स्थिर खुला। जयपुर में सरसों के भाव 6600 और भरतपुर में सरसों का रेट 6200 के स्तर पर खुला ।  दोपहर होते होते बाजार पर कमजोरी छाने लगी सबसे पहले भरतपुर में सरसों का रेट ₹25 टूटकर 6175 का हुआ और उसके बाद इसमें ₹55 की कमजोरी फिर से आई और अंतिम भाव 6120 पर बंद हुआ । इसी तरह से जयपुर में भी सरसों के भाव शाम होते-होते ₹50 लुढ़क गए और अंतिम भाव 6550 के रिपोर्ट किए गए हैं। अन्य मुख्य व्यापारिक केंद्रों के भाव को देख तो चरखी दादरी में सरसों का रेट 6475 अलवर में 6200 बरवाला में 6150 हिसार में 6100 मुरैना में 5950 ग्वालियर में 6050 खैरथल में 6150 टोंक में 6155 निवाई में 6175 और गंगापुर में 6250 42 कंडीशन में सरसों के भाव देखने को मिले। सोमवार को सरसों की कुल आवक 175000 बोरी की हुई।

प्लांट पर क्या रहे भाव
तेल प्लान्ट के भाव की बात करें तो यहां पर काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सुबह के समय गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव ₹25 तेज होकर 6400 के स्तर पर खुले थे और  इसी स्तर पर बंद हुए। अन्य प्लांट की बात करें तो सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव 7250 के रहे। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों का रेट 6800 का रहा।  अदानी बूंदी और अलवर प्लांट पर सरसों के भाव क्रमशः 6550 और 6525 के रहे।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव को देखें तो नोहर मंडी में सरसों का रेट 5700-6100 रुपए और सरसों 41.63 लैब रेट 6266 रुपए, चरखी दादरी मंडी में सरसों का रेट 6425-6450 रुपए, पीलीबंगा मंडी में सरसों का रेट 5849 रुपए, घड़साना मंडी में सरसों का रेट 5725-6063 रुपए, रावतसर मंडी में सरसों का रेट 6025 रुपए, ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 5500-6121 रुपए, आदमपुर मंडी में सरसों 40.39 लैब रेट 6092 रुपए, सिरसा मंडी में सरसों का रेट 5500-6011 रुपए, देवली मंडी में सरसों का रेट 5000-6340 रुपए और सरसों 42% का रेट 6280-6320 रुपए तक दर्ज किया गया।

विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजारों में सोमवार को तेजी का माहौल देखने को मिला मलेशिया में KLC वायदा बाजार पर मार्च वायदा अनुबंध 113 रिंगिट यानी की 2.57% तेज होकर 4504 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ। इसी तरह से चीन के डलियान वायदा बाजार में भी सोया तेल वायदा 2.81% और पाम तेल वायदा 3.16% तेज हुआ बाद अमेरिका की बाजार की करें तो यहां पर शिकागो बोर्ड आफ ट्रेड पर सोया तिल के भाव में 0.35% की तेजी देखने को मिली। बाजार में तेजी की वजह को मलेशिया पाम ऑइल बोर्ड के आंकड़ों को बताया जा रहा है । आंकड़ों के अनुसार पाम तेल का स्टॉक दिसंबर महीने में 6.91% तक घटकर 1.71 मिलियन टन रह गया है हालांकि निर्यात में भी 9.97% की गिरावट हुई लेकिन स्टॉक का घटना एक बड़ा ट्रिगर था जिसके कारण बाजार दो प्रतिशत तक तेज हो गए। विदेशी बाजारों में आई तेजी का भारतीय बाजारों पर कोई फर्क नहीं पड़ा और शाम को सरसों के भाव 25 से लेकर 75 रुपए तक कमजोर हो गए।

तेल और खल के रेट
घरेलू बाजार की बात करें तो यहां पर कमजोरी का माहौल देखने को मिला है। सोमवार को जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर के भाव कमजोर हो गए। कच्ची घानी सरसों तेल 3 रुपए तक घटकर 1352 का रह गया। बात एक्सपेलर की करें तो यहां पर भी भाव ₹3 कमजोर होकर 1342 रुपए प्रति 10 किलो रह गए। सरसों खल का भाव 5 रुपये घटकर 2350 रुपए प्रति क्विंटल का हो गया।

सरसों में आगे क्या
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों जैसा कि हम पहले अपनी कई रिपोर्ट में बता चुके हैं कि सरसों में आगे कमजोर रहने की ही प्रवृत्ति रह सकती है। हम मानते हैं कि इस साल सरसों की बुवाई का रकबा कम हुआ है लेकिन अच्छे मौसम और समय पर हुई बारिश के कारण फसल को फायदा होगा और हो सकता है कि इस सीजन में बंपर फसल देखने को मिले। हमारी यही कामना है कि किसान साथियों को बढ़िया फसल मिले। बता दें कि इस समय उत्पादन का आकलन करना सही नहीं है क्योंकि फसल  पकने में अभी काफी समय है और मौसम कभी भी बदल सकता है। लेकिन जिस तरह से बंपर उत्पादन की उम्मीद लगाई जाने लगी है उससे बाजार के सेंटीमेंट पर फर्क पड़ सकता है। पाम तेल के भाव का बढ़ना और सरसों के भाव का घटना एक अच्छा संकेत नहीं है जिन साथियों के पास इस समय सरसों का स्टॉक पड़ा हुआ है उन्हें अब इसे निकालने के बारे में जरूर सोचना चाहिए। हो सकता है कि बाजार में बहुत बड़ी कमजोरी ना आए लेकिन तेजी की संभावना यहां से बहुत ही कम है । व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।