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अंतर्राष्ट्रीय तनाव के बीच कैसे चलेगा ग्वार का बाजार - रिपोर्ट

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किसान साथियों और व्यापारी भाइयों गेहूं की तरह ग्वार का बाजार भी एक सीमित रेंज में जाकर फंस गया है । पिछला सप्ताह ग्वार के किसानो और व्यापारियों के लिए कुछ खास नहीं रहा लेकिन 2 दिन से बाजार थोड़ा ठीक लग रहा है। कल जोधपुर मंडी में ग्वार सीड की औसत कीमत बढ़कर ₹5,125 प्रति क्विंटल रही जबकि ग्वार गम की कीमतें 0.5% बढकर 9600 प्रति क्विंटल पर पहुंच गई । देश भर की मंडियों में ग्वार की आवक घटनी शुरू हो गई है पिछले पूरे हफ्ते में कुल आवक में 6.79% की गिरावट दर्ज की गई, जो घटकर 18,925 क्विंटल रह गई। हालांकि मिलिंग मार्जिन भी घटकर ₹137 प्रति क्विंटल पर आ गया है, जो इससे पहले सप्ताह में ₹226 था। वर्तमान में ग्वार गम का व्यापार सभी मूविंग एवरेज से नीचे है, जिससे शॉर्ट और मीडियम टर्म आउटलुक ज्यादा मजबूत नहीं दिख रहा है।

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हाजिर मंडियों के ग्वार भाव देखें तो राजगढ़ (सादुलपुर) मंडी में ₹ 5000, तारानगर मंडी में ₹ 4980, आदमपुर मंडी में ₹ 4921, सिरसा मंडी में ₹ 4300 से ₹ 4825, ऐलनाबाद मंडी में ₹ 4300 से ₹ 4800, नोखा और बीकानेर मंडियों में ₹ 4700 से ₹ 4930, रावतसर और सरदारशहर मंडियों में ₹ 4700 से ₹ 4900, लूनकरनसर मंडी में ₹ 4700 से ₹ 4880 और आसोप मंडी में ₹ 4700 से ₹ 4900 दर्ज किया गया। गुजरात में ग्वार की बुवाई सिर्फ 14 हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले वर्ष इस समय तक 480 हेक्टेयर थी। राजस्थान में अब तक 50,368 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है, विशेषकर श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में। अनुमान है कि इस वर्ष ग्वार का कुल क्षेत्रफल घटकर 21–24 लाख हेक्टेयर रह सकता है, जबकि पिछले वर्ष यह 27.88 लाख हेक्टेयर था। चूंकि ग्वार सूखा-सहिष्णु फसल है, इसीलिए बेहतर मानसून के चलते किसान मूंग, मोठ और कपास की ओर रुझान दिखा रहे हैं।

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निर्यात की बात करें तो ग्वार गम के निर्यात में मई 2025 में 9% की वार्षिक वृद्धि देखी गई है। दूसरी ओर, ग्वार स्प्लिट निर्यात में मई माह में 25% की मासिक गिरावट आई है, जिसमें चीन का हिस्सा 52% और अमेरिका का 30% रहा। अमेरिका में हाइड्रोलिक फ्रैकिंग के लिए ग्वार गम की बढ़ती मांग से ग्वार के दामों में निकट भविष्य में मजबूती की उम्मीद है। ग्वार आवक  कमजोर बनी हुई है । इसके बावजूद ग्वार के बाजार में तेजी ना होने से किसान और व्यापारी  चिंतित हैं। हमारा मानना है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें और युद्ध की स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक ग्वार बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। हालांकि, अगर मध्य पूर्व में तनाव से अमेरिका घरेलू तेल रिग को चालू करता है तो ग्वार गम की मांग में मजबूती आने की पूरी संभावना है। लेकिन इसमें थोड़ा समय लग सकता है। मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि जुलाई के अंत तक बाजार 5500 का स्तर दिखा सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें।


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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।