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जीरा के भाव में कितनी तेजी मंदी बनेगी | जाने इस रिपोर्ट में

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किसान साथियो पिछले कुछ दिनों से घरेलू बाजारों में जीरे की थोक कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि चीन में नया जौरा चल रहा है, लेकिन तुर्की और सीरिया में इसकी शुरुआत होने की खबर नहीं मिली है। इसलिए आने वाले दिनों में जीरे की कीमतें सीमित दायरे में ही रहने की संभावना है। सुधि पाठकों को समय-समय पर जीरे की कीमतों में तेजी-मंदी के संबंध में नवीनतम जानकारियां मिलती रहती हैं, जिससे उन्हें लाभ होता है। चीन द्वारा जून महीने के अंत में 100 कंटेनर्स की खरीद के बाद से घरेलू बाजारों में जीरे की मांग में सुस्ती आई है। थोड़े इंतजार के बाद उत्तरी गुजरात में भी मानसून सक्रिय हो गया है, हालांकि मानसूनी वर्षा अभी तक सामान्य से कमजोर बनी हुई है। किसानों की बिक्री सीमित होने के कारण ऊंझा में इन दिनों जीरे की आवक घटकर फिलहाल करीब 10-12 हजार बोरियों की रह गई है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करे

हाल ही में जीरे की कीमत में 125-350 रुपए की गिरावट आई है, जिससे फिलहाल यह 5700/5750 रुपए प्रति 20 किलोग्राम के दायरे में बना हुआ है। इससे पहले इसमें 225-300 रुपए का उछाल आया था। चीन के बाद अब तुर्की और सीरिया में जीरे की नई फसल शुरू होनी है। हालांकि, अभी तक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, इन दोनों देशों ने अपनी नई फसल की कीमतों की घोषणा नहीं की है, जिससे उनकी फसल की आवक में देरी की आशंका है। पिछले सीजन की तुलना में इस बार गुजरात में जीरे की बुआई दोगुनी से भी अधिक हुई थी। पहले यह अनुमान था कि इस बार जीरे की बिजाई में करीब 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वहीं, स्थानीय थोक किराना बाजार में बिकवाली के चलते जीरे की कीमत हाल ही में 200 रुपए गिरकर फिलहाल 31,200/32,200 रुपए प्रति क्विंटल पर बनी हुई है।

इससे पहले, जीरे की कीमत में 1200-1500 रुपए का उछाल आया था। भारत के अलावा, तुर्की और सीरिया को भी जीरे के प्रमुख उत्पादक देशों के रूप में जाना जाता है। अब अफगानिस्तान और ईरान भी इस क्षेत्र में चुनौती पेश करने लगे हैं। आमतौर पर तुर्की और सीरिया संयुक्त रूप से करीब 35 हजार टन जीरे का उत्पादन करते हैं, लेकिन उनकी क्वालिटी भारतीय जीरे की तुलना में हल्की होती है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती महीने यानी अप्रैल, 2024 में देश से 1002.80 करोड़ रुपए मूल्य के 39,182.42 टन जीरे का निर्यात हुआ है। पिछले वर्ष इसी महीने में 17,084.88 टन जीरे का निर्यात हुआ था, जिससे 511.30 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इससे पता चलता है कि इस बार जीरे के निर्यात में मात्रा के आधार पर 129 प्रतिशत और आय के आधार पर 96 प्रतिशत का उछाल आया है। आगामी दिनों में जीरे की कीमतें सुस्त ही बनी रहने के आसार हैं। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।