सरसों और सोया मील के निर्यात में हुआ सुधार | सरसों सोयाबीन के भाव में सुधार की उम्मीद
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों अगर मील निर्यात के पूरे साल के आंकड़ों को देखें तो भले ही सोया और सरसों मील के निर्यात में गिरावट आई है, लेकिन अप्रैल के ताजा आंकड़े उम्मीदें बढ़ाने वाले हैं। विशेष रूप से चीन और थाईलैंड से निर्यात में तेजी ने बाजार को नई ऊर्जा दी है। यदि चीन से आगामी महीनों में और डिमांड निकलती है, तो सरसों खल के भाव में ₹200 से ₹300 प्रति क्विंटल की तेजी आ सकती है।
.सोया मील का छह महीने में निर्यात कमजोर, अप्रैल में सुधार
अप्रैल 2025 में भारत से सोया मील का निर्यात सालाना आधार पर 15% बढ़कर 2.30 लाख टन पहुंच गया। हालांकि नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक कुल निर्यात 13.35 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 16.58 लाख टन था। गिरावट की वजह वैश्विक बाजार में मूल्य असमानता रही, हालांकि देश में रिकॉर्ड सोयाबीन उत्पादन हुआ है जिससे पेराई बढ़ी और मील की उपलब्धता बढ़ी है।
चीन में नियम ढीले हुए तो बढ़ सकता है भारतीय रेपसीड मील का निर्यात
भारत के पास वैश्विक स्तर पर सस्ते रेट के चलते रेपसीड मील निर्यात बढ़ाने का मौका है, खासकर अगर चीन अपने आयात प्रतिबंधों में ढील देता है। अभी केवल तीन भारतीय प्लांटों को चीन में निर्यात की अनुमति है। कनाडा और यूरोप में सप्लाई में कमी से भारत को फायदा मिल सकता है। हालांकि DDGS (इथेनॉल उप-उत्पाद) के कारण पारंपरिक ऑयल मील की मांग में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।