प्याज की कमजोरी पर ब्रेक लगा या नहीं | जाने आज कैसा बिका प्याज
नमस्कार किसान साथियों पिछला सप्ताह हमारे प्याज के व्यापारी और किसान भाइयों के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा। इसका मुख्य कारण यह था कि मंडी में भाव लगातार गिरते गए। संक्रांति से पहले, 1 से 15 जनवरी के बीच, हर वर्ष लगभग यही माहौल देखते है। कुछ वर्षों को छोड़कर, अधिकतर समय भाव गिरते ही हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि मकर संक्रांति के बाद जब पूजा-पाठ और त्योहार समाप्त हो जाते हैं, तब हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापारी और किसान स्थिर भाव की प्रतीक्षा करते हैं। यह प्रवृत्ति दक्षिण भारत और अन्य क्षेत्रों में भी समान रहती है। एक और खबर यह भी है कि बांग्लादेश को होने वाले निर्यात पर सरकार 10% ड्यूटी घटाने की योजना बना रही है। हालांकि, इस खबर की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। यदि यह खबर सत्य होती है, तो इसका निश्चित रूप से मंडी के भाव पर प्रभाव पड़ेगा।
आजादपुर मंडी की आवक स्थिति
आजादपुर मंडी में पिछले एक सप्ताह से आवक में लगातार गिरावट देखी गई है। राजस्थान से कुल 19 गाड़ियों की ताजा आवक हुई, और सभी प्रकार की गाड़ियों को मिलाकर यह संख्या 50 पर पहुंची। अलवर क्षेत्र से मात्र 1300 कट्टे माल आया, जो कि अत्यधिक कम है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि माल लगभग समाप्ति की स्थिति में है। जनवरी महीने में बचे हुए माल का ही कारोबार चल रहा है। यदि सीधी गाड़ियों की बात करें तो राजस्थान की 5, पुणे की 5, नासिक की 10, गुजरात की 14 और मध्य प्रदेश की 4 गाड़ियां पहुंची हैं।
मंडी मे प्याज के भाव
राजस्थान के माल की गुणवत्ता में अब सुधार आना शुरू हो गया है। यहां पर 700 रुपये प्रति मन (17.50 रुपये प्रति किलोग्राम) और 19 रुपये प्रति किलोग्राम तक के भाव पर माल बिक रहा है। यह दर्शाता है कि गुणवत्ता बेहतर होने के कारण मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है।
नासिक से आने वाले माल की स्थिति पर विचार करें तो मिनी और मीडियम माल 22 से 24 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है। वहीं, मोटे माल की मांग अधिक होने के कारण इसका भाव 24 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। होटल गुणवत्ता वाले माल का भाव 25 से 28 रुपये प्रति किलोग्राम तक दर्ज किया गया।पुणे और अन्य स्थानों से माल की स्थिति
पुणे से आने वाले माल का भाव 27 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक रहा। पुणे के माल की गुणवत्ता बेहतर होने के कारण इसमें तेजी देखी गई। हालांकि, माल की कम उपलब्धता भी इसके भाव में वृद्धि का एक प्रमुख कारण रहा। व्यापारियों ने यह भी बताया कि भाड़ा और अन्य खर्चों के कारण मुनाफा कम हो रहा है।
अन्य मंडियों की बात करें तो महुआ, भावनगर, तलाजा, और गोंडल में माल की आवक अत्यधिक कम रही। जहां पहले दो लाख कट्टे तक माल आता था, अब मात्र 15,000 से 20,000 कट्टे माल की आवक हो रही है।
आने वाले दिनों मे कैसी रही स्थितिमंडी के व्यापारियों का मानना है कि अगले सप्ताह भी आवक में वृद्धि की संभावना नहीं है। गुजरात और राजस्थान से आने वाले माल की कमी के कारण भाव स्थिर बने रह सकते है। वहीं, यदि बांग्लादेश पर ड्यूटी में 10% की कमी की घोषणा होती है, तो इसका बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।