चना आयात के कारण बदल सकती है चने के बाजार की तस्वीर | डिटेल्स देखें चने की तेजी मंदी रिपोर्ट में
किसान साथियो चालू वित्त वर्ष 2024-25 में चने और काबुली चने के आयात में भारी उछाल देखा गया है। इस वृद्धि ने घरेलू बाजार और किसानों पर गहरा असर डाला है। चने और काबुली चने का अधिक मात्रा में आयात होने से देश के किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलने में कठिनाई हो रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। इसके अतिरिक्त, आयातित चने की उपलब्धता बढ़ने से घरेलू बाजार में भी कीमतों पर दबाव बन रहा है। यह स्थिति न सिर्फ भारत की कृषि व्यवस्था को प्रभावित कर रही है, बल्कि आम लोगों की रसोई तक को भी प्रभावित कर रही है, क्योंकि दालें भारतीय भोजन का एक अभिन्न अंग हैं।
चने और काबुली चने के आयात में भारी उछाल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में चने का आयात तेज़ी से बढ़ा है। अप्रैल से अक्टूबर 2024 के दौरान, चने का आयात 102% की भारी वृद्धि के साथ 1,51,070 टन तक पहुँच गया है। तुलनात्मक रूप से, पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा केवल 74,958 टन था। इसी प्रवृत्ति को जारी रखते हुए, काबुली चने के आयात में भी 10% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो पिछले वित्त वर्ष के 72,060 टन से बढ़कर 79,132 टन हो गया है। चने के आयात का एक बड़ा भाग ऑस्ट्रेलिया से आया है, जहाँ से 96,103 टन चना आयात किया गया, और तंजानिया से 38,588 टन चना आयात किया गया। काबुली चने के मामले में, सूडान और रूस प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहे, जहाँ से क्रमशः 29,884 टन और 18,636 टन काबुली चना आयात किया गया। इन आँकड़ों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि भारत की घरेलू आपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता में काफ़ी वृद्धि हुई है। ऑस्ट्रेलिया से आयात किए जा रहे चने की दिसंबर महीने के शिपमेंट के लिए कीमतें भारतीय बंदरगाहों जैसे नवा सेवा, मुंद्रा और कांडला पर 720 अमेरिकी डॉलर प्रति टन (सी एंड एफ) तक पहुंच गई हैं। कोलकाता बंदरगाह पर यह कीमत थोड़ी कम, 717 अमेरिकी डॉलर प्रति टन है। इन कम कीमतों के कारण भारतीय बाजार में चने की कीमतों पर प्रतिस्पर्धी दबाव बढ़ गया है।
घरेलू उत्पादन में आई गिरावट
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, फसल सीजन 2023-24 के दौरान चने के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वर्ष के 122.67 लाख टन के मुकाबले इस वर्ष उत्पादन 10% घटकर 110.39 लाख टन रह गया है। घरेलू उत्पादन में आई इस कमी के चलते, देश में चने की आपूर्ति को पूरा करने के लिए आयात की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।
बाजार की क्या है स्थिति
दालों की खपत का मौसम होने के चलते चने की मांग में कमी आने की संभावना नहीं है। भले ही विदेशों से चना आयात किया जा रहा हो, फिर भी घरेलू बाजार में चने की कीमतें स्थिर रह सकती हैं। इसका कारण यह है कि दाल मिलें उच्च गुणवत्ता वाले घरेलू चने को खरीदना पसंद करती हैं। आयात में बढ़ोतरी और घरेलू उत्पादन में कमी के बावजूद, दाल मिलों की स्थिर मांग के कारण चने की कीमतें बाजार में मजबूत बनी हुई हैं। दिल्ली के लारेंस रोड मंडी में राजस्थान से आने वाले चने की कीमतें 25 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 6,850 से 6,875 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं। इसी तरह, मध्य प्रदेश के चने की कीमतें भी बढ़कर 6,750 से 6,775 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं। हालांकि, आयातित चने का स्टॉक बढ़ रहा है, लेकिन स्टॉकिस्टों द्वारा कम बिकवाली और उच्च गुणवत्ता वाले चने की कमी के कारण कीमतें गिरने से बच गई हैं।
क्या मिल रहे है चना के भाव
दिल्ली मंडी में एमपी नया चना का भाव ₹ 6750/6775 रहा और राजस्थान जयपुर नया चना का भाव ₹ 6850/6875 रहा, जिसमें 25 रुपए की तेजी दर्ज की गई। आवक 12/13 मोटर की रही। अशोकनगर मंडी में चना का भाव ₹ 6300/6450 रहा, जिसमें 50 रुपए की तेजी रही, और आवक 200 बोरी दर्ज हुई। जोबट मंडी में चना का भाव ₹ 6000 रहा, जबकि छतरपुर मंडी में यह ₹ 5800 रहा। सिवानी मंडी में चना मोक्सर 10 पास का भाव ₹ 6625 दर्ज किया गया। छिंदवाड़ा मंडी में चना का भाव ₹ 5900-6550 रहा, जिसमें 50 रुपए की तेजी रही। भाटापारा मंडी में चना का भाव ₹ 5500/6400 रहा और आवक 70-80 बोरी रही। अमरावती मंडी में चना का भाव ₹ 5500/6100 रहा, जिसमें आवक 150-200 बोरी दर्ज हुई। दाहोद मंडी में चना का भाव ₹ 6100-6400 दर्ज हुआ। जोधपुर मंडी में चना का भाव ₹ 5500/6300 रहा और आवक 50 बोरी रही। बीना मंडी में चना का भाव ₹ 5800/6300 दर्ज हुआ और आवक 100 बोरी रही। जयपुर मंडी में चना का भाव ₹ 6775/6825 रहा, जिसमें 50 रुपए की तेजी रही। गोटेगांव मंडी में चना का भाव ₹ 5100/5800 रहा। गोंडल मंडी में चना का भाव ₹ 6100/6300 रहा और आवक 800 कट्टा की हुई। जूनागढ़ मंडी में चना का भाव ₹ 5800/6400 रहा और आवक 250 कट्टा रही। महोबा मंडी में चना का भाव ₹ 5800/6200 रहा और आवक 300/400 कट्टा की हुई। सागर मंडी में चना का भाव ₹ 5800/6300 रहा और आवक 400 बोरी दर्ज की गई। विदिशा मंडी में चना का भाव ₹ 6100/6500 रहा और आवक 450 बोरी रही। खामगांव मंडी में चना का भाव ₹ 5000/6250 दर्ज किया गया और आवक 300 बोरी रही।
सरकारी नीतियां और एमएसपी में हुई वृद्धि
केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह वृद्धि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने में मदद करेगी। इसके अतिरिक्त, सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्रीय पूल से साबुत चना 58 रुपये प्रति किलो और चना दाल 70 रुपये प्रति किलो की दर से बेचने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल किसानों के हित में है बल्कि आम जनता को भी सस्ती दाल उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
आगे क्या चना के भाव में तेजी आएगी
ऑस्ट्रेलियाई चने के आयात के सौदे तो कम भाव पर हो रहे हैं, लेकिन ये सौदे अभी तक पूरी तरह से अमल में नहीं आए हैं। पुराने सौदों का माल धीरे-धीरे बाजार में आ रहा है जिसके कारण देसी चने में थोड़ी मंदी आ गई थी। हालांकि, पिछले सप्ताह कीमतें 50 रुपये गिरकर 6800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थीं, लेकिन अब फिर से 6850 रुपये के स्तर पर पहुंच गई हैं। इसका कारण यह है कि बाजार में अभी माल की कमी है और देसी चना और दाल बेसन की मांग बनी हुई है। ऐसे में किसानों को घबराकर अपना माल नहीं बेचना चाहिए और थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। दूसरी ओर, काबुली चने की आपूर्ति महाराष्ट्र और कर्नाटक से कमजोर है। पिछले दिनों का स्टॉक कारोबारी कम दामों पर बेच रहे हैं और बाजार में ग्राहकी भी कम है। शादियों का सीजन खत्म होने के बाद खरमास लगने वाला है, इसलिए अगले 10 दिनों तक थोक में केवल मांग ही रहेगी। इसी कारण कर्नाटक का माल 90 रुपये के आसपास बिक रहा है। महाराष्ट्र का माल पहले कर्नाटक के माल से ज्यादा दाम पर बिकता था, लेकिन अब इसकी बिक्री काफी कमजोर चल रही है। महाराष्ट्र का माल 89 से 90 रुपये के बीच विभिन्न गुणवत्ता के अनुसार बिक रहा है। छने हुए माल के लिए 110 से 112 रुपये तक के भाव बोले जा रहे हैं। मौजूदा समय में इन भावों में और गिरावट की संभावना कम है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।